यशी
पाकिस्तान में नई सरकार ने सत्ता संभाल ली है। शहबाज शरीफ ने दूसरी प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। सत्ता संभालने के साथ ही पाकिस्तान की नई सरकार ने भारत के साथ ठंडे पड़े कूटनीतिक रिश्ते में जान लाने की कोशिश शुरू की है।
पाकिस्तान ने कम जोखिम वाला कदम उठाते हुए भारत की राजधानी नई दिल्ली में अपना राष्ट्रीय दिवस आयोजित करने का फैसला किया है। कोविड-19 महामारी और दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के कारण चार साल के अंतराल के बाद दिल्ली में पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस मनाया जाने वाला है।
पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस 23 मार्च को मनाया जाता है, इसी दिन 1940 में मुस्लिम लीग द्वारा लाहौर प्रस्ताव अपनाया गया था। लाहौर संकल्प क्या था और इसकी वर्षगांठ को पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस क्यों मनाया जाता है? नई दिल्ली में इसे कैसे मनाया जाता है? आइए जानते हैं:
1940 का लाहौर रेजोल्यूशन क्या था?
22 मार्च से 24 मार्च, 1940 तक लाहौर में अपने जनरल सेशन के दौरान अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा अपनाए गए लाहौर रेजोल्यूशन में औपचारिक रूप से भारत के मुसलमानों के लिए एक स्वतंत्र राज्य का आह्वान किया गया था।
हालांकि प्रस्ताव में कहीं भी ‘पाकिस्तान’ शब्द का जिक्र नहीं था। कुछ लोगों के बीच इस बात पर भी बहस की है कि क्या रेजोल्यूशन में दो अलग-अलग राष्ट्रों की मांग थी।
हालांकि इन तमाम बहसों से इतर तथ्य यह है कि पाकिस्तान उस तारीख को अपने राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाता है, जिस दिन लाहौर रेजोल्यूशन को अपनाया गया था।
1956 में 23 मार्च को ही देश ने आधिकारिक तौर पर अपना पहला संविधान अपनाया, जिसने पाकिस्तान डोमिनियन को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान में बदल दिया। 1960 और 1968 के बीच, मीनार-ए-पाकिस्तान का निर्माण उस स्थान पर किया गया जहां प्रस्ताव अपनाया गया था। रेजोल्यूशन का एक चैप्टर टावर के बेस पर अंकित है।
नई दिल्ली में कैसे मनाया जाता है पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस?
पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस 23 मार्च या उसके आसपास नई दिल्ली में पाकिस्तान के दूतावास परिसर में मनाया जाता है। इसमें विदेशी राजनयिक और भारतीय शामिल होते हैं। आमतौर पर किसी मंत्री या राज्य मंत्री को मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
इस अवसर पर दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए जाते हैं, इसके बाद पाकिस्तान के उच्चायुक्त और मुख्य अतिथि भाषण देते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि इस साल इसे 28 मार्च को मनाने की योजना बनाई जा रही है।