2024 के लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के कई नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इस दलबदल के मद्देनजर राज्य की भाजपा इकाई ने नेताओं की स्क्रीनिंग के लिए एक टीम का गठन किया है। प्रदेश के भाजपा नेताओं के अनुसार यह पार्टी में शामिल होने के इच्छुक नामों की सावधानी से जांच करेगी।
हालांकि इस टीम की औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। टीम ने काम करना शुरू कर दिया है और हाल ही में उन नेताओं की स्क्रीनिंग में शामिल हुई है जो पिछले महीने बसपा, सपा, रालोद और कांग्रेस से पार्टी में शामिल हुए थे।
सूत्रों ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी इस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर और प्रदेश महासचिव गोविंद नारायण शुक्ला इसके सदस्य हैं। सूत्रों ने यह भी कहा कि अगले साल के लोकसभा चुनावों के करीब इसी टीम को कुछ बदलावों के साथ एक औपचारिक ज्वाइनिंग कमेटी का आकार दिया जा सकता है। भाजपा को उम्मीद है कि चुनाव के करीब आने पर विभिन्न दलों के अनेक नेता पाला बदलकर पार्टी में आएंगे।
टीम में कौन-कौन?
नामों की स्क्रीनिंग और प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट दाखिल करने का जिम्मा ब्रज बहादुर को सौंपा गया है। ब्रजेश पाठक राज्य सरकार के प्रतिनिधि और ब्राह्मण नेता के रूप में टीम में मौजूद रहेंगे। राज्य सरकार के अन्य मंत्रियों तब कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा, जब उनकी जाति का कोई नेता दूसरे दल से भाजपा में आएगा। ये कार्यक्रम लखनऊ में पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा ।
भाजपा ने एक नेता ने बताया कि “किसी विशेष नेता के शामिल होने के कार्यक्रम के दौरान, उस जाति का एक भाजपा नेता मंच पर मौजूद रहेगा। लेकिन ओबीसी और एससी नेताओं के मामले में, पाठक भी स्वागत करने वाली टीम का हिस्सा होंगे, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि भाजपा में ब्राह्मण भी निचली जातियों के नेताओं को सम्मान देते हैं।”
जब पूर्व एसपी विधायक जगदीश सोनकर (दलित) 24 जुलाई को भाजपा में शामिल हुए, तो उनका स्वागत प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी (ओबीसी), डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (ओबीसी) और ब्रजेश पाठक (ब्राह्मण) ने किया।
स्क्रीनिंग के दौरान क्या होगा?
जब कोई व्यक्ति पार्टी में शामिल होने में रुचि व्यक्त करने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पास जाएगा, तो ब्रज बहादुर पार्टी की संबंधित जिला इकाई और उन भाजपा उम्मीदवारों से फीडबैक एकत्र करेंगे, जिन्होंने पिछले चुनावों में उस दलबदलू नेता के खिलाफ चुनाव लड़ा था। स्क्रीनिंग टीम इस बात का भी आकलन करेगी कि विपक्षी दल के उस के नेता में शामिल होने से भाजपा को क्या फायदा और नुकसान होगा।
एक भाजपा नेता ने कहा, “एक बार जब यह पुष्टि हो जाती है कि उस व्यक्ति की जनता के बीच अच्छी छवि है, उसकी कोई आपराधिक या दागी पृष्ठभूमि नहीं है और उसकी अपनी जाति समूह में अच्छी पकड़ है, तो उसे भाजपा में शामिल करने का निर्णय लिया जाएगा।”
50 से अधिक पूर्व MP-MLA भाजपा के टच में
ब्रज बहादुर ने कहा, “अभी तक कोई औपचारिक ज्वाइनिंग कमेटी नहीं है। अब तक, हम ही उन लोगों की स्क्रीनिंग के लिए एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न दलों के 50 से अधिक नेता भाजपा के संपर्क में हैं और पार्टी छोड़ने की फिराक में हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्व विधायक या पूर्व सांसद हैं।”
2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने भाजपा की सदस्यता लेने के इच्छुक नामों को फ़िल्टर करने के लिए चार सदस्यीय सदस्यता समिति का गठन किया था। चुनाव के बाद इसे भंग कर दिया गया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी – जो वर्तमान में राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं- समिति के अध्यक्ष थे, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (ओबीसी) और दिनेश शर्मा (ब्राह्मण) उपाध्यक्ष थे। यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह (ठाकुर) भी समिति के सदस्य थे। सिंह फिलहाल यूपी सरकार में मंत्री हैं।