Nitin Gadkari Lifestyle: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) लोगों की मदद करने के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसा ही एक किस्सा जब उन्होंने कुछ महीने पहले एक कार्यक्रम में सुनाया तो लोगों की आंखें भर आई थीं। नितिन गडकरी ने बताया कि नागपुर (Nagpur) के मेडिकल चौक पर एक सब्जी बेचने वाला बैठता था। उसका लड़का और मेरा बेटा एक साथ बछराज व्यास विद्यालय में पढ़ा करते थे। 12वीं का रिजल्ट आया तो सब्जी वाले के लड़के के 84 प्रतिशत नंबर आए और मेरे बेटे के 51 प्रतिशत।
अपने बेटे का कम नंबर देख हो गए थे मायूस
मेरे बेटे ने जब मुझे इस बारे में बताया तो मैंने उस लड़के से पूछा कि तुम्हारे घरवाले क्या करते हैं। उसने बताया कि मां बर्तन साफ करने का काम करती हैं और पिताजी सब्जी बेचते हैं। मुझे अच्छा लगा और थोड़ा दुख भी हुआ कि अपने घर में सब कुछ सुविधा होने के बाद भी अपने बेटे को कम नंबर मिला। करीब 8 दिन बाद एक दिन मेरे बेटे ने मुझे बताया कि उस लड़के की तबीयत अचानक बहुत बिगड़ गई है और मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। आप डीन को फोन करो। मेरे एक परिचित की पत्नी वहां डीन थीं। मैंने उनको फोन किया और कहा कि थोड़ा इस लड़के की चिंता करो। 3 दिन बाद उनका फोन आया और कहा कि सर, ये केस बहुत डिफिकल्ट है। इसको बहुत सीरियस कैंसर लग रहा है और मुंबई ले जाना होगा।
इलाज के लिए दे दी पूरी रकम
बकौल नितिन गडकरी (Nitin Gadkari), जब उसके परिवार को इस बात का पता चला तो परिवार टूट गया। मुंबई जाने की तो सोच भी नहीं सकते थे। इसी बीच मुझे नागपुर में ‘नाग-भूषण’ नाम का एक अवार्ड मिला। उस अवार्ड की 1.5 लाख रुपये की राशि मैंने उसे दे दी। साथ में एक लाख रुपये और दिए और कहा कि तुरंत हवाई जहाज से मुंबई पहुंचे। मुंबई में डॉ. आडवाणी कैंसर के बड़े डॉक्टर हैं। मैंने उनको फोन किया और बताया कि ऐसा -ऐसा है। लड़के का 3 महीने वहां ट्रीटमेंट हुआ।
3 महीने में ठीक हो गया लड़का
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने आगे बताया, ‘मैं उस वक्त मालाबार हिल में रहा करता था। एक दिन सुबह उठा तो देखा कि उस लड़के के माता-पिता और तमाम लोग मेरी गाड़ी के पास खड़े हैं और जोर-जोर से रो रहे हैं। मुझे लगा कि शायद डॉक्टर ने जवाब दे दिया है और कह दिया है कि वक्त नहीं बचा है। मैंने पूछा कि क्या हुआ? तबीयत ठीक नहीं है क्या बेटे की? तो उन्होंने कहा, नहीं साहब लड़का पूरी तरह ठीक हो गया है। यह खुशी के आंसू हैं’।
इंजीनियरिंग में एडमिशन कराया, अब वहीं लेक्चरर
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि बाद में मैंने उस लड़के से पूछा कि अब तुम आगे क्या करोगे, तो उसने कहा कि मुझे फार्मेसी में एडमिशन दिला दो। मैंने कहा कि 12वीं में इतने अच्छे नंबर हैं, इंजीनियरिंग क्यों नहीं करते? उसने कहा कि मेरे पास पैसे कहां है। मैंने फौरन दत्ता मेघे कॉलेज को फोन किया और कहा कि ऐसा-ऐसा लड़का है, आप इसको एडमिशन दे दो, पूरी फीस मैं दूंगा। उन्होंने कहा कि आप फीस क्यों दोगे, बस उसे भेज दो। उस लड़के ने वहीं से बीटेक और एमटेक किया। आज उसी कॉलेज में लेक्चरर है।
20 हजार से ज्यादा लोगों का करा चुके हैं हार्ट का ऑपरेशन
एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने बताया था कि वे अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों के हार्ट का निशुल्क ऑपरेशन करा चुके हैं। उन्होंने बताया था कि जब वे विधायक थे, तब नागपुर से तमाम लोग इलाज के लिए मुंबई आते थे और उनके यहां ठहरते थे। नितिन गडकरी कहते हैं कि मेरा हमेशा से एक मंत्र रहा है कि आप जितने लोगों की सेवा करते हो भगवान उससे 10 गुना ज्यादा आपको देता है।
परिवार को दी है एक सीख
नितिन गडकरी कहते हैं कि एक वक्त मैं बहुत कर्ज में था। उद्योग-व्यापार में कर्ज लेना पड़ता था। लेकिन मैंने अपने बच्चों को बताया है कि अपनी आमदनी का इतना पैसा गरीबों की मदद में देना है, चाहे कुछ हो जाए। इसका फल जरूर मिलता है।