PM Narendra Modi Birthday Special: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर 2022 को 72 वर्ष के हो रहे हैं। उनका का जन्म गुजरात के वडनगर में हुआ था। 52 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था। वह अक्टूबर 2001 से मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और 2014 से अब तक दो बार प्रधानमंत्री चुने जा चुके हैं।
आरएसएस प्रचारक से आक्रामक चुनाव प्रचारक और प्रधानमंत्री बनने तक की उनकी कहानी कई घुमावदार मोड़ से गुजरी है। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का आठ साल का कार्यकाल विवादास्पद और चर्चित फैसलों वाला रहा है। पर, उन्होंने कई ऐसे निर्णय भी लिए जिनसे यह संदेश गया कि यह पहल पहली बार उन्हीं के एजेंडे का हिस्सा बनी। ऐसी ही कुछ पहल पर एक नजर:
छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण पहल
विकलांग नहीं दिव्यांग: दिसंबर 2015 के मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया था कि फिजिकल चैलेंज पर्सन को विकलांग की जगह दिव्यांग कहा जाए। प्रधानमंत्री के आग्रह के बाद से ही दिव्यांग शब्द चलन शुरू हुआ। नया शब्द (दिव्यांग) लाने के पीछे मंशा यही थी कि विकलांगों में आत्मविश्वास को बढ़ाया जाए और हीन भावना को खत्म किया जाए।
झाडू लगाकर दिया सफाई का संदेश: पीएम मोदी ने कार्यभार संभालने के कुछ माह बाद ही गांधी जयंती (2 अक्टूबर, 2014) के मौके पर स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। उन्होंने दिल्ली के वाल्मीकि नगर में झाड़ू लगाकर अपने आस-पास साफ-सफाई रखने का संदेश दिया था। इसके अलावा भी वह कई कूड़ा उठाते, कुदाल चलाते देखे गए हैं। जाहिर है प्रधानमंत्री यह सब लोगों को संदेश देने के लिए करते हैं। केंद्र सरकार का दावा है कि 2014 में स्वच्छता कवरेज 38% थी जो आज बढ़कर 99% हो गई है।
फिटनेस को लेकर किया जागरूक: फिटनेस को जीवन का हिस्सा बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने 29 अगस्त 2019 को ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की शुरुआत की थी। इसके लिए सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाया गया। क्रिकेटर विराट कोहली ने तब अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से पीएम मोदी को फिटनेस चैलेंज दिया था, जिसे उन्होंने पूरा कर वीडियो पोस्ट किया था। प्रधानमंत्री स्वस्थ तन और मन के लिए लोगों के बीच योग को भी प्रमोट करते हैं।
शौचालय निर्माण को बनाया मुद्दा: मोदी सरकार से पहले भी शौचालय निर्माण को लेकर योजनाएं चल रही थीं। लेकिन प्रधानमंत्री ने शौचालय को सम्मान से जोड़ते हुए उसके निर्माण और इस्तेमाल पर जोड़ दिया। शौचालयों को इज्जत घर का नाम दिया गया। 2019 में भारत को ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया था। सरकारी दस्तावेजों से इतर भारत अभी भले ही पूरी तरह ओडीएफ न हुआ हो लेकिन शौचालय को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है।
बड़ी योजनाओं का बड़ा प्रभाव
गरीबों को बैंक से जोड़ा: देश की गरीब जनता को वित्तीय धारा से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में जन धन योजना की शुरुआत की थी। सरकार का दावा है कि ”अब तक 35 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों ने न केवल गरीबों को बैंक से जोड़ा, बल्कि सशक्तिकरण के अन्य रास्ते भी खोले हैं।”
मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया: 2016 में गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत हुई थी। महिलाओं को चूल्हे के धुएं से बचाने और स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल पर जोर देने के इरादे से इसका आरंभ हुआ था। सरकार का दावा है कि उज्जवला योजना से अब तक 7 करोड़ से अधिक को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया जा चुका है और अधिकांश लाभार्थी महिलाएं हैं।
बिजली पहुंचा घर-घर: सरकार अपने आंकड़ों में बताती है कि आजादी 70 साल बाद भी 18,000 गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी। मोदी सरकार ने उन गांवों तक बिजली पहुंचाने का काम किया।
बेघरों को मिला घर: प्रधानमंत्री कई मौकों पर बेघर भारतीयों का मुद्दा उठा चुके हैं। 2022 तक ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ का सपना तो पूरा नहीं हुआ है लेकिन सरकार का दावा है कि 2014 से 2019 के बीच 1.25 करोड़ से अधिक घर बनाए गए है।
शुरू से जारी रखी नाम-पहचान बदलने की कवायद
राजपथ को बनाया कर्तव्य पथ: प्रधानमंत्री मोदी खुद को प्रधान सेवक कह चुके हैं। वह अपने फैसलों के जरिए खुद को देशवासियों के प्रति समर्पित बताते हैं। हाल में दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ का नाम कर्तव्य पथ कर उन्होंने संदेश दिया कि जो सड़क संसद तक जाती है उस पर राजा नहीं, जनता के प्रति कर्तव्यनिष्ठ नेता चलते हैं।
शहरों के बदले नाम: मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया था कि केंद्र ने पांच वर्ष में सात शहरों और नगरों के नाम बदलने की मंजूरी दे चुकी है। इसमें इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करना भी शामिल है।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी शहर का नाम राजामहेंद्रवरम करने, झारखंड में नगर उंटारी का नाम श्री बंशीधर नगर करने, मध्य प्रदेश के बिरसिंहपुर पाली का नाम मां बिरासिनी धाम करने, होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने, बाबई का नाम माखन नगर करने को मंजूरी दी गई है।