महाराष्ट्र के एक शिवसेना (यूबीटी) सांसद के शिंदे गुट में शामिल होने के कुछ महीनों बाद ही मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ चल रहा केस बंद कर दिया। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होने वाले शिवसेना एमपी रवींद्र वायकर, उनकी पत्नी मनीषा और चार करीबी सहयोगी के खिलाफ दर्ज एक मामले में महीनों बाद मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने क्लोजर रिपोर्ट दायर की।

मामले को बंद करने का कारण बताते हुए ईओडब्ल्यू ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की ओर से दायर शिकायत अधूरी जानकारी और गलतफहमी पर आधारित थी। दरअसल, बीएमसी के साथ समझौते का उल्लंघन कर जोगेश्वरी में एक लक्जरी होटल के निर्माण के संबंध में मौजूदा सांसद के खिलाफ जांच की जा रही थी।

इस मामले की जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “क्लोजर रिपोर्ट गुरुवार को अदालत में प्रस्तुत की गई थी। हम इस बारे में आगे के निर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”

‘बीएमसी की शिकायत अधूरी जानकारी और गलतफहमी पर आधारित’

अदालत में दायर सी-समरी रिपोर्ट में, जांचकर्ताओं ने कहा कि बीएमसी की ओर से दायर की गई शिकायत अधूरी जानकारी और गलतफहमी पर आधारित थी। सी-समरी रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है जहां एफआईआर में तथ्य की गलती पाई जाती है।

एक अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए इंडियन एक्सप्रेस से कहा,“शिकायतकर्ता अधिकारियों और आरोपी पक्षों के बयान दर्ज करने और बीएमसी के दस्तावेजों की जांच करने के बाद, ऐसा लगता है कि वायकर और अन्य आरोपियों द्वारा विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियमन के तहत होटल के निर्माण की अनुमति लेने का मामला आपराधिक नहीं है बल्कि यह एक प्रशासनिक शिकायत है। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि मामले में आरोपी लोगों को कोई लाभ मिला है या नहीं।”

रवींद्र वायकर, उनकी पत्नी और चार सहयोगियों के खिलाफ दर्ज था मामला

बीएमसी के उप-इंजीनियर संतोष मंडावकर द्वारा दायर शिकायत पर रवींद्र वायकर, उनकी पत्नी मनीषा, बिजनेस पार्टनर आसू नेहलानै, राज लालचंदानी और पृथपाल बिंद्रा और आर्किटेक्ट अरुण दुबे पर आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया था। मामला शुरू में आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था जिसके बाद जांच आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर कर दी गई थी।

पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर बनाया था होटल

एफआईआर के मुताबिक, जोगेश्वरी में प्लॉट पर खेल सुविधा चलाने की अनुमति मिलने के बाद वाईकर ने बीएमसी के साथ एक करार किया था। यह अनुमति तब दी गई थी जब महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार सत्ता में थी। 2023 की शुरुआत में एक सार्वजनिक पार्क के लिए आरक्षित जमीन के एक प्लॉट का इस्तेमाल होटल निर्माण के लिए करने पर उन्हें नोटिस जारी किया गया था।

500 करोड़ से अधिक के घोटाले का था आरोप

नगर निगम ने वाईकर पर होटल निर्माण की अनुमति मांगते समय सार्वजनिक स्थान के लिए आरक्षित प्लॉट के बारे में जानकारी छिपाने का भी आरोप लगाया था। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि वायकर ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करके एक बगीचे के लिए आरक्षित जमीन पर 5 स्टार होटल के निर्माण के लिए धोखाधड़ी से मंजूरी प्राप्त की और बीएमसी को भारी नुकसान पहुंचाया। उन्होंने दावा किया कि यह घोटाला 500 करोड़ रुपये से अधिक का है।

इस साल की शुरुआत में सोमैया ने ट्वीट भी किया था, “जुलाई 2021 में सीएम उद्धव ठाकरे ने बीएमसी आरक्षित खेल के मैदान पर जोगेश्वरी में 2 लाख वर्ग फुट 5 सितारा होटल के लिए अवैध अनुमति दी थी।”

ED ने की थी छापेमारी

अक्टूबर 2023 में, प्रवर्तन निदेशालय ने ईओडब्ल्यू की एफआईआर पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया और बाद में जनवरी में, एजेंसी ने रवीन्द्र वायकर के आवास और मामले में नामित अन्य आरोपियों के परिसरों सहित सात स्थानों पर छापेमारी की थी। जांच के दौरान, मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।

मार्च 2024 में शिवसेना में शामिल हुए थे वायकर

10 मार्च को रवींद्र वायकर जिन्हें शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे का करीबी सहयोगी माना जाता था, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए। इससे पहले फरवरी के अंतिम सप्ताह में बीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि 5 स्टार होटल के निर्माण की अनुमति रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार किया जा रहा है।

इससे पहले जून 2023 में बीएमसी ने एक आदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने घोषणा की कि वे जोगेश्वरी में पांच सितारा होटल के निर्माण के लिए वाईकर को दी गई अनुमति रद्द कर रहे हैं।

पाला बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था- रवींद्र वायकर

दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव के बीच में वायकर ने कहा था, ”मैं पहले से ही दबाव में था, लेकिन यह तब और बढ़ गया जब मेरी पत्नी का नाम भी कानूनी मामले में फंस रहा था। तब आपके पास पाला बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। नियति जिस हालत पर मुझे लायी, वह किसी पर न आये।”

इसके बाद रवींद्र वायकर ने लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ा और शिवसेना (यूबीटी) के अमोल कीर्तिकर को 48 वोटों से हराया। यह पूरे देश में सबसे कम जीत का अंतर था।

बीजेपी में शामिल होने वाले 25 नेताओं को राहत

द इंडियन एक्सप्रेस की एक जांच में इसका खुलासा हुआ कि 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करने वाले 25 नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इनमें 10 कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना से चार-चार, टीएमसी से तीन, टीडीपी से दो और सपा और वाईएसआरसीपी से एक-एक हैं। इनमें से 23 मामलों में उनके खिलाफ चल रहे केस बंद कर दिये गए या उन्हें राहत प्रदान की गयी। 2022 में द इंडियन एक्सप्रेस की एक जांच से पता चला था कि 2014 के बाद जब एनडीए सत्ता में आया तो कैसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 95 प्रतिशत प्रमुख विपक्षी राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई की।