झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले कई बड़ी योजनाओं की घोषणा करके अपनी सरकार की नीतियों को मजबूती से सामने रखा है। पहले उन्होंने मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना लॉन्च की और अब यह ऐलान किया है कि राज्य में फिर से उनकी सरकार बनने के बाद हर परिवार को 1 लाख रुपये सालाना दिए जाएंगे।

मंईया सम्मान योजना के तहत सोरेन ने गठबंधन सरकार की ओर से झारखंड में 21 से 50 साल की महिलाओं के लिए सालाना 12,000 रुपए दिए जाने की घोषणा की है। सोरेन सरकार ने झारखंड में 48 लाख महिलाओं को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। हर महीने की 15 तारीख को महिलाओं के बैंक खाते में मंईया सम्मान योजना की राशि के रूप में एक हजार रुपए भेजे जाएंगे।

इसके अलावा किसानों की कर्ज माफी की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने का ऐलान भी मुख्यमंत्री कर चुके हैं।

सोरेन के इस तरह के ऐलानों की वजह से राज्य में सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी बीजेपी पर दबाव बढ़ गया है। बीजेपी इस बार झारखंड के चुनाव में अवैध घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी को उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों में इन मुद्दों से उसे मदद मिल सकती है।

झारखंड में अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में इंडिया गठबंधन की वापसी के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।

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झारखंड में एनडीए-इंडिया गठबंधन में है कांटे की लड़ाई। (Source-FB)

हेमंत सोरेन 28 जून को जेल से बाहर आए थे और इसके बाद से ही उन्होंने एक के बाद एक ताबड़तोड़ घोषणाएं की हैं और और पूरे राज्य का दौरा कर रहे हैं। झारखंड में इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के नतीजे से भी काफी उत्साहित है क्योंकि इस बार उसकी सीटें बढ़ी हैं।

झारखंड में हेमंत सोरेन ही इंडिया गठबंधन के चेहरे हैं। लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी पांचों सीटों पर बीजेपी की हार से भी इंडिया गठबंधन में उत्साह है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के पीछे हेमंत सोरेन को सहानुभूति मिलना भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। हेमंत सोरेन जेल से बाहर आने के बाद से ही लगातार भाजपा पर उन्हें आदिवासी होने की वजह से फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं।

2024 में बीजेपी की सीटें घटी

राजनीतिक दल2019 में मिली सीटें 2024 में मिली सीटें
बीजेपी 118
कांग्रेस 12
झामुमो13
आजसू11

झामुमो और कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा

राजनीतिक दल 2019 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में)2024 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में)
बीजेपी 50.96 44.60
कांग्रेस 15.6319.19
झामुमो11.5114.60

छत्तीसगढ़ में बीजेपी को मिला था फायदा

यहां याद दिलाना होगा कि दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने महतारी वंदन योजना के फॉर्म राज्य के लोगों से भरवाए थे। इस फॉर्म में बीजेपी की ओर से वादा किया गया था कि राज्य में अगर उसकी पार्टी की सरकार बनती है तो महिलाओं को हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। उस दौरान बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में 56 लाख से अधिक फार्म भरवाए थे।

कहा जाता है कि इसका विधानसभा चुनाव में बड़ा असर हुआ था और तब तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की प्रबल संभावना मानी जा रही थी लेकिन बीजेपी ने बाजी मार ली थी और उसे 90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में 55 सीटों पर जीत मिली थी।

ठीक इसी तरह की ऐलान करके हेमंत सोरेन ने निश्चित रूप से महिला मतदाताओं के बीच पैठ बनाने की कोशिश की है।

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झारखंड में इंडिया व एनडीए गठबंधन में है कड़ी टक्कर। (Source-PTI)

हिंदुत्व के चेहरे हिमंता बना रहे चुनावी रणनीति

झारखंड में बीजेपी के सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में डेमोग्राफिक चेंज और अवैध घुसपैठ के मुद्दे को उठाकर हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि वह वोट बैंक की राजनीति की वजह से घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।

सरमा की यह रणनीति बीजेपी के कार्यकर्ताओं को लामबंद करने और विपक्ष को घेरने की कोशिशों का हिस्सा है।

बीजेपी के लिए सीट बंटवारा भी बन सकता है मुसीबत

बीजेपी के लिए झारखंड विधानसभा चुनाव में एक बड़ी चुनौती अपने सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे पर सहमति बनाने की भी है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।

हम ने कहा है कि वह 5-6 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है तो जेडीयू ने भी झारखंड में 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। हम और जेडीयू बिहार में बीजेपी के साथ सत्ता में साझेदार हैं। लेकिन झारखंड में सीटों के बंटवारे पर सहमति बनाना बीजेपी के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है।

Hemant Soren Babulal Marandi
आदिवासी वोटों पर कब्जे की है लड़ाई। (Source-FB)

2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई थी और आजसू ने अलग चुनाव लड़ा था। इसका असर चुनाव नतीजों पर पड़ा था और बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई थी।

झारखंड के चुनावी माहौल और हेमंत सोरेन की सक्रियता से यह साफ पता चलता है कि वह बीजेपी को घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज के मुद्दे पर सरकार को घेरने का मौका नहीं देंगे और ऐसे में हिंदुत्व के चेहरे और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की ओर से बनाया जा रहा अवैध घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज का दांव फेल हो सकता है।