केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़े सवालों के जवाब में राज्यवार आंकड़ा बताया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से दिए आंकड़ों से पता चलता है कि नशीली दवाओं से जुड़े मामलों में उत्तर प्रदेश अव्वल है। NDPS (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट, 1985 के तहत सबसे अधिक मामले यूपी में ही दर्ज हुए हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
NDPS एक्ट के तहत दर्ज मामलों को तीन 6 भागों में बांटा गया है। सीआर (दर्ज मामले), सीसीएस (आरोप पत्रित मामले), सीओएन (दोष सिद्ध मामले), पीएआर (गिरफ्तार हुए व्यक्ति), पीसीएस (आरोप पत्रित व्यक्ति) और पीसीवी (दोष सिद्ध व्यक्ति)
साल 2020 में उत्तर प्रदेश में इस एक्ट के तहत 10852 मामले दर्ज किए गए। इतने मामले देश के किसी दूसरे किसी राज्य में दर्ज नहीं हुए। 10852 में से 10728 मामलों में आरोप पत्र दाखिल हुआ और उसमें से 4170 मामलों को साबित किया जा सका। इसी तरह पीएआर में 12013 मामला दर्ज हुए, उसमें से 11748 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ और 4274 लोगों के खिलाफ मामला सिद्ध हो सका।
इस सूची में दूसरे नंबर पर पंजाब है। यहां यूपी की तुलना में 3943 मामले कम दर्ज हुए हैं। पंजाब में एक अलग तरह का ट्रेंड देखने को मिला है, यहां समूह की तुलना में पर्सन पर दर्ज मामलों की संख्या अधिक है। 2020 में पंजाब के भीतर NDPS एक्ट के तहत 11455 लोगों पर मामले दर्ज हुए, उसमें से 10615 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ और 1652 लोगों पर दोष सिद्ध हुआ।
क्या होता है NDPS एक्ट ?
यह एक कानून है, जिसका इस्तेमाल नशीले पदार्थों की खरीद ब्रिकी करने वालों के खिलाफ किया जाता है। NDPS एक्ट के तहत नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार से अर्जित संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है। इस एक्ट के तहत दो तरह के नशीले पदार्थ आते हैं नारकोटिक और साइकोट्रोपिक। नारकोटिक ड्रग्स में नेचुरल रिसोर्सेज से बना होता है, जैसे -चरस, गांजा, अफीम आदि। साइकोट्रोपिक ड्रग्स हानिकारक केमिकल से बनाये जाते हैं, जैसे- एलएसडी, एमएमडीए, अल्प्राजोलम आदि।
सरकार क्या कर रही है?
संसद में पूछा गया कि सरकार ने नशीली दवाओं की समस्याओं से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या कदम उठाए हैं। इसके जवाब में सरकार ने बताया कि भारत ने ड्रग्स संबंधि अपराधों ने निपटने के लिए 27 देशों के साथ द्वीपक्षीय समझौता किया है। इसके अलावा 15 देशों के साथ समझौता ज्ञापनों और दो देशों के साथ सुरक्षा सहयोग के समझौते पर भी हस्ताक्षर किया है।
सरकार ने बताया कि एनसीबी अन्य देशों के विभिन्न ड्रग संपर्क अधिकारियों जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका की ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी, यूनाइटेड किंगडम की नेशनल क्राइम एजेंसी, ऑस्ट्रिया की फेडरल पुलिस, कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस, सऊदी अरब के जनरल डॉयरेक्टोरेट ऑफ नारकोटिक्स कंट्रोल और अफ्रीका पुलिस सर्विसेज के साथ संपर्क में रहता है।