लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटों पर जीत के साथ बहुमत हासिल किया है। वहीं, इंडिया गठबंधन के खाते में 233 सीटें गयी हैं। तमाम एग्जिट पोल्स के अनुमानों को गलत साबित करते हुए चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद जहां एनडीए की सीटें घटी हैं वहीं, इंडिया गठबंधन की सीटें बढ़ी हैं। इस बार 208 सीटें ऐसी रहीं जो सत्ताधारी पार्टी के कब्जे से विपक्षी पार्टी के कब्जे में चली गईं। 2019 में ऐसी 178 सीटें थीं।
2024 के चुनाव में 41 सीटें ऐसी रहीं जो पहले बीजेपी के खाते में थी, पर इस बार कांग्रेस के खाते में चली गईं। बीजेपी के कब्जे वाली 47 सीटें इंडिया गठबंधन की गैर कांग्रेसी पार्टियों के खाते में गईं। वहीं 9 सीटें ऐसी रहीं जो कांग्रेस से भाजपा के खाते में आयीं। 88 सीटें ऐसी रहीं जो बीजेपी से कांग्रेस व इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियों के खाते में गईं।
वे राज्य जहां सीटें एनडीए के खाते में गईं आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार, तेलंगाना और महाराष्ट्र हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिल नाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और बिहार में सीटें इंडिया गठबंधन के खाते में गईं।
इंडिया से एनडीए के खाते में गयी राज्यवार सीटें
राज्य | सीटें |
आंध्र प्रदेश | 16 |
ओडिशा | 11 |
बिहार | 8 |
तेलंगाना | 8 |
महाराष्ट्र | 5 |
एनडीए से इंडिया गठबंधन के खाते में गयी सीटें
राज्य | सीटें |
उत्तर प्रदेश | 37 |
महाराष्ट्र | 23 |
राजस्थान | 10 |
तेलंगाना | 8 |
कर्नाटक | 9 |
पश्चिम बंगाल | 9 |
तमिल नाडु | 10 |
बिहार | 8 |
लोकसभा चुनाव 2024 में बने नए रिकॉर्ड
इस बार के चुनाव के नतीजों में मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर बीजेपी के शंकर लालवानी 11 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीते जो सबसे ज्यादा मार्जिन से जीती गयी सीट है।
मुंबई की नॉर्थ वेस्ट सीट सबसे कम अंतर से जीती गयी सीट है जहां शिवसेना (यूबीटी) के रविंद्र दत्ताराम वायकर ने 48 वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की।

किस मार्जिन पर हुआ कितनी सीटों का फैसला
मार्जिन | सीटों की संख्या |
1000 से कम | 3 |
1000-10,000 | 17 |
10,000-50,000 | 97 |
50,000 से 1 लाख | 120 |
1 लाख से 3 लाख | 232 |
3 लाख से 6 लाख | 67 |
6 लाख से ज्यादा | 7 |
द्विध्रुवीय रहा मुक़ाबला
2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम में सामने आया कि लगभग 424 सीटों पर मुक़ाबला द्विध्रुवीय रहा जहां 80% से ज्यादा वोट टॉप दो प्रत्याशियों को ही मिला। इस बार के चुनाव में 108 सीटें ऐसी रहीं जहां 60-80% तक वोट दो टॉप प्रत्याशियों के खाते में ही गया था।
1991 से 2014 के बीच हुए चुनावों में ज़्यादातर सीटों पर मुक़ाबला बहुकोणीय रहा था। 2024 के चुनाव में गुजरात की सूरत सीट पर कोई मतदान नहीं हुआ था क्योंकि सभी प्रत्याशियों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। जिसके बाद बीजेपी के मुकेश दलाल को विजेता घोषित किया गया।
कब रहा कैसा मुकाबला, इस टेबल से समझिए
चुनावी वर्ष | 40% से कम वोट | 40-60% वोट | 60-80% वोट | 80% से ज्यादा वोट |
1977 | 0 | 1 | 25 | 514 |
1991 | 0 | 52 | 173 | 309 |
1996 | 2 | 50 | 225 | 266 |
1998 | 0 | 6 | 208 | 329 |
1999 | 0 | 29 | 144 | 370 |
2004 | 0 | 38 | 146 | 359 |
2009 | 1 | 62 | 208 | 272 |
2014 | 0 | 15 | 279 | 249 |
2019 | 0 | 3 | 76 | 464 |
2024 | 1 | 10 | 108 | 424 |
राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी को नुकसान
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के ओवरऑल वोट शेयर में मामूली गिरावट हुई है वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 2 प्रतिशत बढ़ा है। बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान और हरियाणा में हुआ। राजस्थान में उसका वोट शेयर 58.5% से घटकर 49.2% और हरियाणा में 58% से गिरकर 46.1% हो गया।
दक्षिण भारत में इंडिया गठबंधन को जिताने वाले दल
इंडिया गठबंधन में शामिल डीएमके का स्ट्राइक रेट 100% रहा, जहां पार्टी ने 2024 के चुनाव में लड़ी हुई सभी सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, टीडीपी ने लड़ी हुई सीटों में से 94.1% सीटों पर जीत हासिल की है। टीएमसी ने 61.7% और सपा ने लड़ी हुई 52.1% सीटों पर जीत दर्ज की है।

एससी/एसटी दलित और मुसलमान मतदाताओं ने किसे दिया वोट?
2024 के आम चुनाव में बीजेपी ने 29 ऐसे सीटें जीती हैं जो एससी के लिए आरक्षित थी, 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 84 एससी आरक्षित सीटें जीतीं थीं। कांग्रेस और सपा को क्रमशः 20 और 7 ऐसी सीटें मिलीं जो एससी के लिए आरक्षित थीं। वहीं टीएमसी के खाते में ऐसी 6 सीटें गईं। वहीं एसटी आरक्षित 47 सीटों में से 24 बीजेपी के हिस्से और 13 कांग्रेस के खाते में गईं। वहीं, मुस्लिम सीटों की बात की जाये तो बीजेपी ने 37, कांग्रेस ने 14 और टीएमसी ने 23 मुस्लिम आरक्षित सीटों पर जीत दर्ज की।
पार्टी | एससी सीट | एसटी सीट | मुस्लिम सीट |
बीजेपी | 29 | 24 | 37 |
कांग्रेस | 20 | 13 | 14 |
सबसे कम और सबसे अधिक उम्र में जीतने वाले उम्मीदवार
कांग्रेस की संजना जाटव और सपा के पुष्पेंद्र सरोज ने सबसे कम उम्र में जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। दोनों ने 25 वर्ष की उम्र में चुनाव जीता।
महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद पहला चुनाव
लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद पहला चुनाव था। 537 सीटों के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 75 महिला सांसद चुनी गईं जिनमें से 32 बीजेपी से जीतीं। इस चुनाव में 155 लोकसभा सीट ऐसी रहीं जहां कोई भी महिला उम्मीदवार नहीं खड़ी थीं।
चुनावी वर्ष | सदन में महिलाएं | सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व (प्रतिशत) |
2024 | 75 | 13.9 |
2019 | 78 | 14 |
2014 | 66 | 12 |
2009 | 59 | 11 |
2004 | 45 | 8 |
1951 | 22 | 5 |