लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी समाज और सत्ता में ओबीसी की भागीदारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाते रहे हैं। चुनाव के बीच भी वह अक्सर इस संबंध में बातें करते रहते हैं। चुनावी लिहाज से देखें तो यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति भी हो सकती है। ऐसा कहने के पीछे कुछ आंकड़े हैं।
अगड़ी जातियों को छोड़ दें तो कांग्रेस को ओबीसी से मिलने वाले वोट में ही पिछले दस सालों में सबसे ज्यादा गिरावट (नौ प्रतिशत) हुई है। दस सालों में कांग्रेस को मिलने वाले अगड़ी जातियों का वोर्ट पर्सेंटेज 14 प्रतिशत कम हुआ है। एससी-एसटी के मामले में यह आंकड़ा सात प्रतिशत है। बीजेपी ने 2009 से 2019 के बीच अपना ओबीसी वोट दोगुना और एससी वोट करीब तिगुना कर लिया है।
कांग्रेस उठा रही जाति जनगणना की मांग
कांग्रेस लंबे समय से जाति जनगणना की मांग उठा रही है। पार्टी का यह भी कहना है कि जाति के आधार पर आरक्षण का संभावित लाभ मुख्य रूप से ओबीसी तक ही सीमित होना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि पार्टी को लगता है कि ओबीसी उसका एक बड़ा वोट बैंक हैं। मगर आंकड़ों को देखा जाये तो ऐसा नहीं है। पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस का ओबीसी वोट शेयर घटा है, वहीं बीजेपी के लिए यह बढ़ा है।
सीएसडीएस-लोकनीति द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चुनाव अध्ययन के आंकड़ों से पता चलता है कि 2004 और 2009 के चुनाव में ओबीसी वोट हासिल करने में कांग्रेस बीजेपी से थोड़ा ही आगे थी। इन चुनावों में कांग्रेस को भाजपा से अधिक सीटें मिलीं और भाजपा पर उसकी बढ़त एससी और एसटी मतदाताओं का ज्यादा वोट पाने के कारण रही।
ओबीसी वोट बैंक कांग्रेस या बीजेपी किसका?
2014 और 2019 के चुनावों में जब कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा और भाजपा ने बहुमत हासिल किया तो पार्टी सभी जातियों के वोट शेयर के मामले में भाजपा से पिछड़ गई। 2009 के चुनावों में जहां 24 % ओबीसी मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट दिया तो वहीं, 22% ओबीसी वोटर्स ने भाजपा का साथ दिया था। उसके बाद से ओबीसी वोटर्स का सपोर्ट कांग्रेस के लिए घटा और बीजेपी के लिए तेजी से बढ़ा है।
OBC मतदाताओं ने बीजेपी और कांग्रेस को कब दिया कितना वोट
चुनाव | कांग्रेस | बीजेपी |
2009 | 24% | 22% |
2014 | 15% | 34% |
2019 | 15% | 44% |
SC मतदाताओं ने बीजेपी और कांग्रेस को कब दिया कितना वोट
चुनाव | कांग्रेस | बीजेपी |
2009 | 27% | 12% |
2014 | 19% | 24% |
2019 | 20% | 34% |
ST मतदाताओं ने बीजेपी और कांग्रेस को कब दिया कितना वोट
चुनाव | कांग्रेस | बीजेपी |
2009 | 38% | 24% |
2014 | 28% | 38% |
2019 | 31% | 44% |
भाजपा दलित और ओबीसी की हिस्ट्री को मिटाना चाहती है- राहुल
हाल ही में कांग्रेस के एक सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा था, “पीएम कांग्रेस का मेनिफेस्टो देखकर घबरा गए हैं। हमने जाति जनगणना कराने का वादा किया है। भाजपा दलित और ओबीसी की हिस्ट्री को मिटाना चाहती है। जाति जनगणना को कोई शक्ति नहीं रोक सकती है।”
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 साल से कहा कि वो ओबीसी हैं। जैसे ही मैंने जाति जनगणना की बात की तो वो बोलने लगे की देश में सिर्फ दो जाति हैं अमीर और गरीब। मैं कहता हूं कि गरीबों की लिस्ट निकालिए उसमें आपको दलित, ओबीसी और आदिवासी सब मिल जाएंगे लेकिन अमीरों की लिस्ट में आपको इन तीनों समुदाय के लोग नहीं मिलेंगे।”

पीएम मोदी का आरोप- कांग्रेस धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती
वहीं, हाल ही में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि धर्म के आधार पर देश को बांटने वाले लोग अब धर्म के आधार पर एससी, एसटी और ओबीसी को संसद और संविधान के द्वारा मिले हुए आरक्षण पर डाका डाल करके धर्म के आधार पर मुसलमानों को देने की योजना बना रही है। उनके रहते कांग्रेस को ऐसा करने नहीं देंगे।
कांग्रेस ओबीसी का 27% आरक्षण छीनना चाहती है- पीएम मोदी
कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने एक न्यूज चैनल को दिये इंटरव्यू में भी कहा था कि कांग्रेस ओबीसी का 27% आरक्षण छीनकर धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है। टीवी चैनल नेटवर्क 18 को दिये इंटरव्यू के दौरान देश के संसाधनों पर गरीब मुसलमानों का पहला अधिकार होने के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 2006 के वीडियो पर पीएम मोदी ने कहा था कि मनमोहन हमेशा ओबीसी आरक्षण का एक हिस्सा लेना चाहते थे और मुसलमानों को देना चाहते थे।

पीएम ने कहा, “आप कांग्रेस का इतिहास देखिए। यह मांग (आरक्षण के लिए) 1990 के दशक से उठाई जा रही है। उन्होंने जो भी आयोग बनाये, जो भी समितियां बनायी, उनकी रिपोर्ट भी ओबीसी के पक्ष में आने लगी। वे इन विचारों को नकारते, अस्वीकार करते और दबाते रहे। लेकिन 90 के दशक के बाद, वोट-बैंक की राजनीति के कारण उन्हें लगा कि कुछ किया जाना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “90 के दशक में उन्होंने कर्नाटक में मुसलमानों को ओबीसी के रूप में वर्गीकृत करने का फैसला लिया। वे पहले ओबीसी को दबा रहे थे लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए उन्होंने मुसलमानों को ओबीसी का लेबल दे दिया। 2004 में जब कांग्रेस वापस आई तो उसने तुरंत आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को ओबीसी कोटा देने का फैसला किया। भारतीय संसद ने संविधान की मूल भावना के अनुरूप ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था। अब वह इस 27 प्रतिशत कोटा को लूटने की कोशिश कर रहे हैं।”

बीजेपी आरक्षण खत्म करना चाहती- तेलंगाना के मुख्यमंत्री
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने भी हाल ही में कहा कि भाजपा देश में संविधान को बदलने और आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह एससी, एसटी और ओबीसी पर “सर्जिकल स्ट्राइक” कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी, तब उसने देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने और 100 सालों में (2025 तक) आरक्षण खत्म करने का फैसला किया था। भाजपा के ‘400 पार’ नारे का कारण यह है कि वे संविधान को पूरी तरह से बदलना चाहते हैं, आरक्षण खत्म करना चाहते हैं और भारत को आरक्षण से मुक्त करना चाहते हैं।”