लोकसभा चुनाव 2024 में ‘बाहरी’ एक बड़ा मुद्दा बन गया है। किसी दूसरे प्रदेश के नेता अगर किसी लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे हैं तो विरोधी पार्टी और उम्मीदवार मतदाताओं से कह रहे हैं कि यह नेता उस क्षेत्र से ताल्लुक नहीं रखते हैं और बाहरी नेता क्षेत्र की जनता का ख्‍याल नहींं रख सकते। उत्तर प्रदेश में भी मथुरा सीट पर हेमा मालिनी और मेरठ सीट पर अरुण गोविल के खिलाफ विपक्षी दलों ने उनके ‘बाहरी’ होने के टैग का जमकर इस्तेमाल क‍िया। इस बीच, बिहार के रहने वाले 7 नेता दूसरे प्रदेशों में चुनाव लड़ रहे हैं। कई नेता अपने मूल राज्‍य से इतर, दूसरे राज्‍य में चुनाव जीत कर इस मुद्दे को बेमतलब साब‍ित कर चुके हैं, लेक‍िन कई द‍िग्‍गज ऐसे भी हैं ज‍िनकी परीक्षा इसी बार होनी है। इनमें कन्‍हैया कुमार और कीर्त‍ि आजाद का नाम प्रमुख है।

2024 में बिहार के रहने वाले 7 नेता दूसरे प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। कन्हैया कुमार, मनोज तिवारी, महाबल मिश्रा, सोमनाथ भारती दिल्ली से और पश्चिम बंगाल के आसनसोल से शत्रुधन सिन्हा, एसएस अहलूवालिया और वर्धमान दुर्गापुर से कीर्ति आजाद चुनाव लड़ रहे हैं। जिन सीटों पर बिहार के नेता पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां चौथे चरण में 13 मई को चुनाव होगा जबकि दिल्ली में छठें चरण में 25 मई को मतदान होगा।

बिहार के चार नेता दिल्ली से उतरे चुनाव मैदान में

दिल्ली की 4 लोकसभा सीटों पर बिहार के नेता चुनाव लड़ रहे है। इसमें बिहार के भभुआ के रहने वाले मनोज तिवारी उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी है। भोजपुरी अभिनेता मनोज इस सीट से पहले भी सांसद रह चुके है। वहीं, एक और बिहारी उम्मीदवार कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने मनोज तिवारी के खिलाफ उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से उतारा है। कन्हैया बेगूसराय के रहने वाले हैं। मधुबनी के रहने वाले पूर्व सांसद महाबल मिश्रा आप के टिकट पर पश्चिम दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे। तीन बार के विधायक रह चुके और बिहार के नवादा के निवासी सोमनाथ भारती नई दिल्ली लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

मनोज तिवारी- 2009 में मनोज तिवारी ने गोरखपुर निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा, जहां वह योगी आदित्यनाथ से हार गये थे। जिसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 2014 में उत्तर पूर्वी दिल्ली से आम चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी ने नई दिल्ली के उत्तर पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस की उम्मीदवार शीला दीक्षित के खिलाफ 3.63 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

कन्हैया कुमार- जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कुमार कन्हैया कुमार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई के टिकट पर बेगुसराय से चुनाव लड़ा था। वह यह चुनाव हार गए थे। इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी के मनोज तिवारी के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।

महाबल मिश्रा- 2009 के लोकसभा चुनाव में महाबल मिश्रा को कांग्रेस ने पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा था। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, भारतीय जनता पार्टी के जगदीश मुखी को 1 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। पूर्व सांसद महाबल मिश्रा 2024 का लोकसभा चुनाव पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से लड़ेंगे। कभी कांग्रेस के प्रमुख पूर्वांचली चेहरे रहे मिश्रा आम आदमी पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरेंगे। वह 2022 में नगर निगम चुनाव से पहले आप में शामिल हुए थे। 2014 के लोकसभा में महाबल मिश्रा पश्चिमी दिल्ली सीट पर तीसरे स्थान पर आए थे। उन्होंने 2019 का चुनाव फिर से कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से लड़ा था लेकिन भाजपा के प्रवेश वर्मा से 5.7 लाख से अधिक वोटों से हार गए थे।

सोमनाथ भारती- वकील से नेता बने सोमनाथ भारती इस बार नई दिल्ली से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। मालवीय नगर से तीन बार विधायक रहे भारती कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद आप द्वारा घोषित किए गए उम्मीदवारों में से एक थे।

बंगाल के चुनाव मैदान में बिहारी नेता

पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी की ओर से पटना साहिब से 2 बार सांसद रहे हैं। 2019 में वह इसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव हार गए थे। शत्रुघ्न 2022 में आसनसोल के उप चुनाव में टीएमसी के टिकट पर सांसद बने। 2024 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट दिया है। आसनसोल से भाजपा ने एसएस आहलूवालिया को अपना प्रत्याशी बनाया है। भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह के इनकार के बाद भाजपा ने आहलूवालिया को आसनसोल से उतारा है। दरभंगा से BJP के पूर्व सांसद रहे कीर्ति आजाद तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पश्चिम बंगाल की बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव मैदान में हैं।

शत्रुघ्न सिन्हा- तृणमूल कांग्रेस ने आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट दिया है। शत्रुघ्न ने 2009 के आम चुनावों में भाजपा के टिकट पर बिहार के पटना साहिब लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। उन्होंने एक और सेलिब्रिटी शेखर सुमन को हराया था। उन्होंने इसके बाद 2014 के आम चुनावों में भी उन्होंने बीजेपी के टिकट पर यह सीट जीती। साल 2019 में वह कांग्रेस के सदस्य बने। मार्च 2022 में शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। 2022 में उन्हों ने भारतीय जनता पार्टी की अग्निमित्रा पॉल को 3 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की।

एस.एस आहलूवालिया- भारत सरकार में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रहे एस.एस आहलूवालिया लोकसभा (2019-2024) में पश्चिम बंगाल की बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था जब 2014 के आम चुनावों में वह यहां से सांसद चुने गए थे। भाजपा ने इस बार आसनसोल से एसएस आहलूवालिया को अपना प्रत्याशी बनाया है।

कीर्ति आजाद- पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद टीएमसी के टिकट पर पश्चिम बंगाल की बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव मैदान में हैं। कीर्ति ने 2014 का लोकसभा चुनाव दरभंगा से जीता था। दिसंबर 2015 में उन्हें दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर खुलेआम निशाना साधने के लिए भाजपा से निलंबित कर दिया गया था। कीर्ति आजाद फरवरी 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2019 में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हुए भाजपा उम्मीदवार पशुपति नाथ सिंह के खिलाफ धनबाद लोकसभा क्षेत्र से आम चुनाव लड़ा और 4.8 लाख के अंतर से हार गए थे। नवंबर 2021 में कीर्ति आज़ाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।

2024 के चुनाव में बिहार में कोई बाहरी प्रत्याशी नहीं

2024 में बिहार में कोई बाहरी प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ रहा है। इससे पहले आजादी के बाद से हर लोकसभा चुनाव में किसी न किसी सीट पर बाहरी राज्य के रहने वाले चुनाव लड़ चुके हैं। 2019 में शरद यादव मधेपुरा से चुनाव लड़े थे। शरद यादव मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के रहने वाले थे।