नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से जीतने वाले सांसद केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। पहले और दूसरे लोकसभा चुनाव में यहां से सांसद रहीं सुचेता कृपलानी बाद में यूपी की मुख्यमंत्री बनीं। इसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी भी 1777 और 1980 में यहां से सांसद रहे थे। इस सीट पर सुपरस्टार राजेश खन्ना को लाल कृष्ण आडवाणी के सामने जीत का स्वाद चखना पड़ा था। आइये जानते हैं नई दिल्ली लोकसभा सीट का दिलचस्प इतिहास और यहां से जीतने वाले दिग्गजों के बारे में।

9वीं और 10वीं लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी भी नई दिल्ली सीट से जीते हैं। वे गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री तक बने। कांग्रेस के टिकट पर लोकप्रिय फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना भी इसी सीट से सांसद रहे हैं। जनसंघ से बलराज मधोक भी इसी सीट से सांसद रहे हैं। यहां से जीतकर कृष्ण चंद पंत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कैबिनेट में रक्षामंत्री बने। नई दिल्ली से जीतने वाले अजय माकन और मीनाक्षी लेखी भी केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। यहां से जीतने वाले नेताओं की केंद्रीय मंत्री बनने की फेहरिस्त भी लंबी है।

10 बार बीजेपी ने जीती नई दिल्ली सीट

नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र 1951 में अस्तित्व में आया। यह दिल्ली का सबसे पुराना निर्वाचन क्षेत्र है जो वर्तमान में अस्तित्व में है। 1951 में अस्तित्व में आने के बाद इस लोकसभा सीट के अंदर कुल 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जिसमें नई दिल्ली, करोल बाग, पटेल नगर, मोती नगर, दिल्ली कैंट, राजेन्द्र नगर, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, आर के पुरम और ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

1952 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव से लेकर अब तक कुल 19 चुनाव हो चुके हैं, जिसमें से सबसे ज्यादा 10 बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की है। इस सीट पर हुए अब तक के चुनावों में 4 बार महिला प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। जिनमें पहली सुचेता कृपलानी थी, जिन्होंने लगातार पहली और दूसरी लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। वहीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा में बीजेपी की तरफ से मीनाक्षी लेखी दो बार सांसद चुनी गईं थीं।

ये दिग्गज नई दिल्ली से जीते हैं चुनाव

सुचेता कृपलानी- 1952 में किसान मजदूर प्रजा पार्टी की तरफ से सुचेता कृपलानी इस सीट पर जीत हांसिल कर यहां की पहली सांसद बनी थीं। वे 1957 तक इस सीट पर सांसद रहीं। दूसरे लोकसभा चुनाव 1957 में वे कांग्रेस की टिकट पर इसी सीट से सांसद बनीं और 1960 तक सांसद रहीं।

एलके आडवाणी और राजेश खन्ना के बीच मुकाबला- 10वीं लोकसभा 1991-96 के बीच इस सीट पर दो बार चुनाव हुए। बीजेपी की तरफ से दोबारा लाल कृष्ण आडवाणी को चुनावी मैदान में उतारा गया था। अपना पहला चुनाव लड़ रहे राजेश खन्ना ने आडवाणी को कड़ी टक्कर दी थी और महज 1589 वोटों से हारे थे। चूंकि, आडवाणी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था इसलिए उन्होंने नई दिल्ली लोकसभा सीट को छोड़ दिया था। जिस पर 1992 में उप चुनाव हुए और राजेश खन्ना ने जीत हांसिल की और 1996 तक यहां से सांसद रहे। उसके बाद 11वीं, 12वीं और 13वीं लोकसभा के लिए 1996 से 2004 बीच आडवाणी लगातार तीन बार बीजेपी की तरफ से सांसद बने। वो एक मात्र नेता हैं जो लगातर तीन बार इस सीट से सांसद बने।

अटल बिहारी वाजपेयी- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने जनता पार्टी के टिकट पर 1977 और 1980 में नई दिल्ली सीट से जीत हासिल की थी।

अजय माकन- कांग्रेस नेता अजय माकन ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली लोकसभा सीट से जीत का स्वाद चखा था। 2004 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेता जगमोहन को हराया था।

मीनाक्षी लेखी- भाजपा सांसद मेनाक्षी लेखी ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में इस सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने दोनों बार कांग्रेस के अजय माकन को हराया था।

नई दिल्ली लोकसभा सीट से अब तक कौन-कौन बने सांसद?

पहले और दूसरे चुनाव में यहां से सुचेता कृपलानी सांसद बनी। तीसरी लोकसभा 1962-67 तक कांग्रेस के मेहर चंद खन्ना, चौथी लोकसभा 1967-71 तक बीजेपी के प्रोफेसर मनोहर लाल सोंधी, पांचवी लोकसभा 1971-77 तक कांग्रेस के कृष्ण चंद पंत, छठी लोकसभा 1977-80 तक जनता पार्टी से अटल बिहारी वाजपेयी, सातवीं लोकसभा में 1980-84 तक बीजेपी से अटल बिहारी वाजपेयी, आठवीं लोकसभा 1984-89 तक कांग्रेस के कृष्ण चंद्र पंत, नवीं लोकसभा 1989-91 तक बीजेपी से लाल कृष्ण आडवाणी सांसद रहे। 1992 में यहां से राजेश खन्ना, 1996-1999 तक भाजपा के जगमोहन मल्होत्रा, 2004-2009 तक कांग्रेस के अजय माकन और 2014-2019 के चुनाव में भाजपा की मीनक्षी लेखी ने यहां से जीत का स्वाद चखा था।

आप और कांग्रेस का गठबंधन

दिल्ली में बीजेपी की कोशिश एक बार फिर से सभी सातों सीटें जीतने की है। वहीं, कांग्रेस और आप गठबंधन कर बीजेपी को हराने के विचार से दिल्ली के चुनावी मैदान में उतरे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं कांग्रेस के खाते में चांदनी चौक समेत 3 सीटें गई हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली में नई दिल्ली, वेस्ट दिल्ली, साउथ दिल्ली और ईस्ट दिल्ली लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं कांग्रेस नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ वेस्ट और चांदनी चौक सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से कौन-कौन हैं चुनाव मैदान में?

लोकसभा चुनाव 2024 के छठें चरण में दिल्ली की सभी 7 सीटों पर 25 मई 2024 को मतदान होगा। भाजपा की ओर से इस सीट पर दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज चुनाव मैदान में हैं। बांसुरी के सामने दिल्ली में सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और तीन बार के विधायक सोमनाथ भारती हैं, जो कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में हैं। भाजपा के उम्मीदवार के रूप में अपनी पहली चुनावी लड़ाई के लिए प्रचार कर रही बांसुरी हर भाषण में अपनी दिवंगत मां का जिक्र जरूर करती हैं। बांसुरी को इस बार भाजपा ने दो बार नई दिल्ली सीट से सांसद रहीं मीनक्षी लेखी के स्थान पर उतारा है।

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम

2019 के चुनावों में, मीनाक्षी लेखी ने लगभग 55% (5.04 लाख) वोट हासिल किए थे। उन्होंने कांग्रेस के अजय माकन और AAP के बृजेश गोयल को हराया था। अजय को 2.47 लाख और बृजेश को 1.50 लाख वोट मिले थे।

लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम

2014 के आम चुनावों में, मीनाक्षी लेखी ने लगभग 47% (4.53 लाख) वोट हासिल किए थे। उन्होंने कांग्रेस के अजय माकन और AAP के आशीष खेतान को हराया था। अजय को 1.82 लाख और आशीष को 2.90 लाख वोट मिले थे।