लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी के बीच आम आदमी पार्टी ने अपनी दो यूनिट्स भंग कर दी है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आप का चुनाव अभियान तेजी पकड़ रहा है। वहीं, पार्टी के ही कुछ नेताओं ने आप पर मतदाताओं को गुमराह करने आ आरोप लगाया तो वहीं AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर उनके साथ बदतमीजी, मारपीट का आरोप लगाया। जिसके चलते चुनाव से पहले आप की चुनौतियां बढ़ गयी हैं।

बगावत के चलते AAP की दो यूनिट्स भंग

यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पार्टी का लोकसभा चुनाव अभियान गति पकड़ रहा है। सूत्रों ने कहा कि कार्रवाई लंबे समय से पेंडिंग थी और इस समय पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल अंतरिम जमानत पर बाहर हैं इसलिए जल्द से जल्द कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया।

आप ने दिल्ली में अपनी लक्ष्मीनगर और पटेल नगर यूनिट भंग कर दी। दरअसल, लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक नितिन त्यागी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें दावा किया गया कि आम आदमी पार्टी महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये देने का वादा करके मतदाताओं को गुमराह कर रही है। जिसके बाद पार्टी नेतृत्व ने लक्ष्मीनगर में अपनी यूनिट को भंग कर दिया है।

नितिन त्यागी ने पार्टी पर लगाया महिलाओं को गुमराह करने का आरोप

यह निर्णय बुधवार को लिया गया जब नितिन त्यागी ने एक और वीडियो पोस्ट किया जिसमें दावा किया गया कि आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को धमकाया जा रहा है और चुप कराया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक साल में पार्टी के साथ नितिन के कई मतभेद रहे हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने पटेल नगर में अपनी संगठनात्मक इकाई भी भंग कर दी। निर्वाचन क्षेत्र से विधायक राज कुमार आनंद ने पार्टी पर दलित समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाते हुए अप्रैल में आप छोड़ दी थी।

स्वाति मालीवाल का आप पर आरोप

13 मई को अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट हुई थी। ऐसा कहा गया कि केजरीवाल के पीए बिभव कुमार ने मालीवाल के साथ बदतमीजी की, मारपीट भी हुई। आप सांसद संजय सिंह ने मीडिया के सामने उस घटना की पुष्टि भी की और यहां तक कहा कि सीएम केजरीवाल ने मामले का संज्ञान ले लिया है। लेकिन ऐसा सिर्फ कहा गया, इस मामले पर अभी तक केजरीवाल की तरफ से एक बयान भी जारी नहीं किया गया। कई दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ है जिस पर मारपीट और अभद्रता के आरोप लगे हैं।

हैरानी की बात ये है कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रोड शो के दौरान सीएम केजरीवाल, बृजभूषण का मुद्दा उठा रहे हैं, महिलाओं के सम्मान की बात कर रहे हैं, उस आधार पर महिलाओं को बीजेपी को वोट ना देने की अपील भी कर रहे हैं। लेकिन वही केजरीवाल, स्वाति मालीवाल के मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। केजरीवाल की जगह आप नेता संजय सिंह इस मामले पर बयान दे रहे हैं और कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं, हालांकि, आरोपी के खिलाफ अब तक कोई एक्शन लिया नहीं गया है। ऐसे में महिलाएं आप से कुछ नाराज हो सकती हैं और पार्टी के कुछ वोट कट सकते हैं।

बीजेपी बना रही मुद्दा

विपक्षी भाजपा भी इस मुद्दे का जमकर फायदा उठा रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, “यह बहुत स्पष्ट है कि नारी शक्ति AAP में सुरक्षित नहीं है। अगर पूर्व DCW प्रमुख और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल सीएम हाउस में सुरक्षित नहीं हैं तो सवाल यह है कि क्या वह परिवार या पार्टी में सुरक्षित थीं। पीए या किसी और ने उन्हें पीटा।

दिल्ली की महिलाएं क्या चाहती हैं?

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के बाद से पिछले पांच सालों में पुरुषों की तुलना में नए मतदाताओं के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। दिल्ली में इस बार 5.5 लाख नयी महिला वोटर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया। वहीं, दिल्ली के 1.52 करोड़ मतदाताओं में से 69.37 लाख महिला वोटर्स हैं। महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में इस वृद्धि ने राजनीतिक दलों को महिला मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से आम आदमी पार्टी की महिला सम्मान योजना और भाजपा के लखपति दीदी कार्यक्रम जैसी पहल शुरू करने के लिए प्रेरित किया है। वहीं, दिल्ली में महिला मतदाताओं ने महिला सुरक्षा, अपर्याप्त सार्वजनिक सुविधाओं, किफायती परिवहन, मुद्रास्फीति और रोजगार के अवसरों सहित विभिन्न मुद्दों पर चिंता व्यक्त की है।

विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अलग-अलग सपोर्ट

2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को दिल्ली में क्रमशः 67 और 62 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और बीजेपी को 3 और 8 सीटें मिली थी। लेकिन, विधानसभा चुनाव में आप को जिस तरह का समर्थन दिल्ली से मिलता है लोकसभा चुनाव में ठीक इसका उल्टा होता है। वहीं, बीजेपी को पिछले दो विधानसभा चुनावों में दिल्ली में कम सीटें मिली हैं लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनावों में लगातार दोनों बार सातों सीटों पर उसे जीत मिली है। दिल्ली में 2019 लोकसभा में बीजेपी को करीब 57% वोेट मिला जो कांग्रेस (22.6%) और आप (18.2%) को मिले कुल वोट से ज्यादा था।

सालबीजेपी को मिली सीटेंआप को मिली सीटेंकांग्रेस को मिली सीटें
2013 विधानसभा चुनाव31288
2014 लोकसभा चुनाव700
2015 विधानसभा चुनाव 3670
2019 लोकसभा चुनाव700
2020 विधानसभा चुनाव8620

आप-कांग्रेस गठबंधन

आम आदमी पार्टी INDIA गठबंधन के हिस्से के रूप में कांग्रेस के साथ 2024 का चुनाव लड़ रही है। इस गठबंधन के तहत आप दिल्ली की चार लोकसभा सीटों- पूर्वी दिल्ली, वेस्ट दिल्ली, साउथ दिल्ली और नई दिल्ली लोकसभा सीट पर जबकि कांग्रेस पार्टी नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और चांदनी चौक लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दिलचस्प बात यह है कि आम आदमी पार्टी आज तक दिल्ली में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई है।

2019 के चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटें चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी। 2014 में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था जब भाजपा ने कांग्रेस को हराकर सभी सीटें जीत ली थीं। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो बीजेपी पिछले दो चुनावों से मतदाताओं का भरोसा जीतने में कामयाब रही है। AAP को 2014 में 33% और 2019 में 18% वोट मिले थे।

AAP की चुनौतियां

नई दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर छठे फेज में 25 मई 2024 को वोट डाले जाएंगे। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद जमकर प्रचार कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी कथित एक्साइज पॉलिसी स्कैम के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सहानुभूति पैदा करने की कोशिश कर रही है।

पार्टी का चुनाव अभियान भी केजरीवाल की गिरफ्तारी के आसपास ही घूम रहा है। आप का ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान लोगों से केजरीवाल की गिरफ्तारी का जवाब अपने वोटों से देने का आग्रह करता है। पिछले महीने न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था, “इस समय, मुझे दिल्ली के बाहर की स्थिति के बारे में नहीं पता है लेकिन मैं दिल्ली के बारे में विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आप और अरविंद केजरीवाल के लिए लोगों के बीच भारी सहानुभूति है। यहां तक ​​कि भाजपा का समर्थन करने वाले लोगों को भी लग रहा है कि यह बहुत ज्यादा है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था।”

कौन-कौन है दिल्ली के मैदान में?

लोकसभा क्षेत्र बीजेपी इंडिया गठबंधन
नई दिल्लीबांसुरी स्वराजसोमनाथ भारती
पूर्वी दिल्लीहर्ष मल्होत्राकुलदीप कुमार
उत्तर पूर्वी दिल्लीमनोज तिवारीकन्हैया कुमार (कांग्रेस)
चांदनी चौकप्रवीण खंडेलवालजयप्रकाश अग्रवाल (कांग्रेस)
साउथ दिल्लीरामवीर सिंह बिधुड़ीसहीराम पहलवान
पश्चिमी दिल्लीकमलजीत सेहरावतमहाबल मिश्रा
उत्तर पश्चिमी दिल्लीयोगेंद्र चंदौलियाउदित राज (कांग्रेस)