लोकसभा चुनाव 2024 में पैसा पानी की तरह बह रहा है। 31 मार्च से 29 अप्रैल के 30 द‍िनों में केवल चार पार्ट‍ियों (बीजेपी, कांग्रेस, आप और टीएमसी) ने गूगल और मेटा (फेसबुक) पर व‍िज्ञापन देने में 60.5 करोड़ रुपये खर्च कर द‍िए। यान‍ि रोज दो करोड़ का व‍िज्ञापन। बीजेपी ने रोज 92 लाख और कांग्रेस ने 107 लाख रुपये का प्रचार गूगल व मेटा पर चलाया। इस रकम में व‍िभ‍िन्‍न बेबसाइट के जर‍िए पार्ट‍ियों द्वारा गूगल और मेटा पर चलवाए गए व‍िज्ञापनों पर क‍िया गया खर्च शाम‍िल नहीं है। इस रकम को शाम‍िल कर ल‍िया जाए तो आंकड़ा अरबों में जा पहुंचता है (आगे टेबल में बताया गया है)।

Google Facebook Election Campaign: गूगल, मेटा पर 31 मार्च से 29 अप्रैल के बीच क‍िस पार्टी ने क‍ितने का ऐड चलाया

प्लेटफ़ॉर्मराजनीतिक दलकितना धन खर्च किया
गूगल एवं मेटाबीजेपी 27.7 करोड़ से ज्यादा
कांग्रेस32 करोड़ से ज्यादा
आम आदमी पार्टी 10 लाख से ज्यादा
सीपीआई (एम)
जेडी(एस)
एसपी
एआईटीसी70 लाख से ज्यादा
सीपीआई
आरएसपी

इन आंकड़ों का स्रोत गूगल ऐड ट्रांसपैरेंसी सेंटर और मेटा ऐड लाइब्रेरी है। इसे ‘द ह‍िंंदू’ अखबार में सीएसडीएस प्रोफेसर संजय कुमार और दो अन्‍य लेखकों द्वारा भारतीय चुनावी तंत्र में खर्च की असमानता व‍िषय पर ल‍िखे एक लेख के साथ शाम‍िल क‍िया गया है।

Indian Election Budget: 2019 में कांग्रेस, बीजेपी का चुनाव खर्च 20 अरब

चुनाव में भारी-भरकम खर्च का मुद्दा लगातार गंभीर होता जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल भाजपा और कांग्रेस का कुल खर्च ही 20 अरब रुपये से ज्‍यादा बताया जाता है। जनप्रत‍िन‍िध‍ित्‍व कानून, 1951 के तहत उम्‍मीदवार के न‍िजी खर्च की सीमा तय है, लेक‍िन पार्ट‍ियों पर सीधे खर्च करने या थर्ड पार्टी के जर‍िए खर्च करने पर ऐसी बंद‍िश नहीं है।

29 जनवरी से 27 अप्रैल के बीच क‍िस पब्‍ल‍िशर के जर‍िए क‍िस पार्टी ने गूगल, मेटा पर क‍ितना ऐड चलवाया

राजनीतिक दलप्लेटफ़ॉर्मपब्लिशरकितना धन खर्च किया
बीजेपी मेटाउल्टा चश्मा108 लाख
बीजेपी मेटा नमो नयाकन- नरेंद्र मोदी फैंस4,697 लाख
बीजेपी गूगलएड सेंस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड0.89 लाख
बीजेपी गूगलO3M डायरेक्शनल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड6.9 लाख
कांग्रेसमेटा कांग्रेस है ना 0.3 लाख
कांग्रेसमेटाकांग्रेस सरकार भरोसा सरकार0.13 लाख
कांग्रेसगूगलडिजाइन बॉक्स इनोवेशंस प्राइवेट लिमिटेड 129 लाख
तृणमूल कांग्रेसमेटा तृणमूल नबो जोवार37 लाख
तृणमूल कांग्रेसगूगल आईपैक716 लाख

सेंटर फॉर मीड‍िया स्‍टडीज (सीएमएस) के चेयरमैन एन. भास्‍कर राव का अनुमान है क‍ि 2019 के लोकसभा चुनाव में 60000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, लेक‍िन 2024 चुनाव का खर्च 1.35 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। दोगुने से भी ज्‍यादा।

साल दर साल कैसे महंगा होता गया चुनाव, देखें टेबल

दुन‍िया के करीब 65 देश ऐसे हैं ज‍िन्‍होंने चुनाव में पार्ट‍ियों द्वारा क‍िए जाने वाले खर्च की भी सीमा तय कर रखी है। भारत में ऐसा नहीं है। यहां 1952 में पहले चुनाव में 10.5 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो 2014 में 3870 करोड़ पर पहुंच गया। यह आंकड़ा सरकारी है।

बढता जा रहा है चुनाव कराने का खर्च

राव का कहना है क‍ि पहले उन्‍हें 2024 के चुनाव में 1.20 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान था, लेक‍िन इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड का डेटा सार्वजन‍िक होने के बाद उन्‍होंने अपना अनुमान संशोध‍ित क‍िया। उन्‍होंने यह भी बताया क‍ि 1.25 लाख करोड़ में चुनाव से जुड़े सारे खर्च शाम‍िल हैं और इसमें चुनाव की घोषणा से 3-4 महीने पहले क‍िए गए खर्च का भी आंकलन शाम‍िल है। इस आंकलन के ह‍िसाब से प्रत‍ि वोटर 1400 रुपये का खर्च बैठता है। ‘द इकोनॉम‍िस्‍ट’ का कहना है क‍ि इतना पैसा दुन‍िया के क‍िसी देश में चुनाव में खर्च नहीं होता है।

Electoral Bond | Election Expense | Congress Account Freeze
चुनाव में खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है और इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड स्‍कीम आने के बाद बेतहाशा बढ़ा है।

सीएमएस के मुताब‍िक 2019 में कुल खर्च का करीब 45 प्रत‍िशत अकेले भाजपा ने क‍िया था। राव का अनुमान है क‍ि इस बार कुल खर्च में भाजपा की ह‍िस्‍सेदारी और बढ़ेगी।