बहस का मुद्दा था राज कुमार आनंद का आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ना, अरविंंद केजरीवाल की अर्जी अदालत में खारिज होना…आदि। लेकिन, बहस होने लगी पैनलिस्ट के ज्ञान पर। चुनावी मौज देने वाली यह बहस चल रही थी टीवी चैनल टाइम्स नाउ नवभारत पर। शो होस्ट कर रही थीं नाविका कुमार।
टाइम्स नाऊ नवभारत की एंकर व मैनेजिंग एडिटर नाविका कुमार दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद के पार्टी से इस्तीफा देने को लेकर चर्चा कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक विश्लेषक आकाशदीप मुनि से कहा, “राजकुमार आनंद ने कहा है कि उन्हें अब तक लग रहा था कि भ्रष्टाचार हुआ है लेकिन हाईकोर्ट के इस बयान के बाद कि शराब नीति के मामले में भ्रष्टाचार हुआ है, तब से इन भ्रष्टाचारियों के साथ रहना मुश्किल हो गया है और दम घुटने लगा है।” नाविका कुमार ने आकाशदीप मुनि से कहा कि हाईकोर्ट के बयान के बाद भी तो कहीं लोकतंत्र खतरे में तो नहीं आ गया है?
जवाब में आकाशदीप मुनि ने कहा कि 7 फरवरी, 2024 को हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि संजय सिंह को बेल नहीं मिलनी चाहिए और वह बेल के लिए डिजर्व नहीं करते हैं। उस वक्त राजकुमार आनंद ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया और अभी तक वह किसका इंतजार कर रहे थे।

आकाशदीप मुनि ने आगे कहा कि राजकुमार आनंद जांच एजेंसी ईडी का इंतजार कर रहे थे क्योंकि जब ईडी ने उनके घर में 23 घंटे तक छापेमारी की तब वह डर गए और डर के मारे उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
राजनीतिक विश्लेषक के परिचय के साथ डिबेट में शिरकत कर रहे मुनि ने कहा कि अगर आपके और हमारे घर में भी जांच एजेंसी इस तरह की छापेमारी करेगी तो हम भी डर जाएंगे और यह कोई बड़ी बात नहीं है।
डिबेट को आगे बढ़ाते हुए नाविका कुमार ने कहा कि आपकी गाड़ी 7 फरवरी पर ही अटकी हुई है। इसके बाद नाविका ने पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी से सवाल किया कि हाईकोर्ट ने जो कहा है और उसके बाद राजकुमार आनंद का जो बयान आया है, उस पर क्या कहेंगे?
आम आदमी पार्टी पर है गंभीर खतरा: त्रिपाठी
इसके जवाब में हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा कि राजकुमार आनंद ने जो कुछ कहा है उसके बाद यह संकट गंभीर हो गया है। उन्होंने कहा कि पूरी आम आदमी पार्टी पर गंभीर खतरा है।
नाविका कुमार ने आकाशदीप मुनि से पूछा कि हर्षवर्धन त्रिपाठी के आम आदमी पार्टी को खतरा है, इस बयान के जवाब में आपका क्या कहना है। इस पर आकाशदीप मुनि ने कहा कि हर्षवर्धन त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश भी पढ़ लेना चाहिए जहां पर जस्टिस खन्ना ने कहा है कि किसी भी तरह का कोई मनी ट्रेल नहीं हुआ है।

सिलेक्टिव पढ़ाई करने का आरोप
मुनि ने कहा कि पत्रकार के तौर पर त्रिपाठी को यह पढ़ना चाहिए और 2000 करोड़ के शराब घोटाले पर जो सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, उसे भी पढ़ा जाना चाहिए। आकाशदीप मुनि ने त्रिपाठी पर हमलावर होते हुए कहा कि आप सिलेक्टिव पढ़ाई क्यों करते हैं, कहीं से ऐसा नहीं लगता कि आप पत्रकार हैं, बीजेपी के समर्थक मत बनिए।
इसके जवाब में हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा कि राजनीतिक दलों के प्रवक्ताओं का यह सबसे फूहड़ तर्क होता है कि पत्रकारिता सिखाने आ जाते हैं। इस दौरान हर्षवर्धन त्रिपाठी और आकाशदीप मुनि के बीच गरमागरम बहस हुई।

बुरी तरह भड़क गए आकाशदीप मुनि
त्रिपाठी ने कहा कि आकाशदीप मुनि को 338 करोड़ के मनी ट्रेल के बारे में पढ़ना चाहिए, इससे उनका दिमाग खुला रहेगा। इस दौरान आकाशदीप मुनि बार-बार कहते रहे कि प्रोड्यूसर उनकी आवाज को बढ़ाए। त्रिपाठी के बयान के बाद आकाशदीप मुनि बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने कहा कि अगर प्रोड्यूसर उनकी आवाज को नहीं बढ़ाएंगे तो वह इस शो को छोड़कर चले जाएंगे।
आकाशदीप मुनि ने हर्षवर्धन त्रिपाठी से आमने-सामने होते हुए कहा, “आप पढ़ाई-लिखाई की बात कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि मैं कौन हूं। मैं पीएचडी कर रहा हूं और प्रोफेसर हूं। आपने इतनी पढ़ाई नहीं की होगी जितनी मैंने की है। आपको टीवी पर आकर बकवास नहीं करनी चाहिए।”
इस दौरान एंकर नाविका कुमार ने उन्हें शांत करने की कोशिश की लेकिन आकाशदीप मुनि नहीं रुके। आकाशदीप ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल से नहीं हैं, लेकिन हर्षवर्धन त्रिपाठी किसी राजनीतिक दल से जरूर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगली बार वे थोड़ा सा लिहाज से डिबेट करने आएं।