दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरुआत करने वाले कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट पर उन्हें दो बार के मौजूदा भाजपा सांसद और पूर्वांचली चेहरा मनोज तिवारी से मुकाबला करना है। कन्हैया पिछला आम चुनाव (2019) बिहार के बेगूसराय सीट से सीपीआई की टिकट पर लड़े और हारे थे।

द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कन्हैया ने अन्य बातों के अलावा अपनी उम्मीदवारी, चुनाव में चुनौतियों और “टुकड़े-टुकड़े गैंग” के आरोपों के बारे में बात की। पढ़ें:

सवाल- यह देखते हुए कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत हासिल की है, आपके सामने चुनौती कितनी बड़ी है?

जवाब- मुझ पर विश्वास जताने के लिए मैं दिल्ली की जनता, दिल्ली कांग्रेस के नेतृत्व और कार्यकर्ताओं तथा कांग्रेस आलाकमान का आभारी हूं। पार्टी नेतृत्व को लगता है कि मैं अच्छी लड़ाई लड़ सकता हूं। हम लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस की लड़ाई को कायम रखेंगे।

हालांकि मुकाबला चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे देश में जमीन पर जो देख रहे हैं, वह यह है कि लोग इस सरकार से नाखुश हैं। हम टीवी और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जो आंकड़े देखते हैं, वे सभी फर्जी हैं। बीजेपी बार-बार वही बातें कर रही है। उनकी सरकार ने काम नहीं किया है, लोगों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पाई है। भाजपा बेरोजगारी, महंगाई, किसानों के मुद्दे, महिला सुरक्षा और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर बात नहीं करती है।

लोकतंत्र में हर चुनौती जनता पर निर्भर करती है। मुझे यकीन है कि चीजें सकारात्मक (हमारे लिए) और कांग्रेस के पक्ष में होंगी। कांग्रेस का एक राष्ट्रीय एजेंडा है। हमारे न्याय पत्र (घोषणा पत्र) में हमने समाज के सभी वर्गों – महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए न्याय और प्रतिनिधित्व की बात की है।

पिछले 10 साल ‘अन्याय काल ‘ से कम नहीं रहे हैं, जहां बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी हैं। इस बार लड़ाई अन्याय और न्याय के बीच है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोगों के लिए भाजपा ने क्या किया है? कितने लोगों को नौकरी मिली? उन्होंने कितने अस्पताल, स्कूल या कॉलेज बनाये हैं? ये असली मुद्दे हैं।

सवाल- आप ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के सदस्य होने के भाजपा के आरोपों का मुकाबला कैसे करने वाले हैं?

जवाब- मुझे झूठ का काउंटर नहीं करना है। यह उनके ध्यान भटकाने के एजेंडे में शामिल होगा। दरअसल, सवाल उन्हीं पर है। सभी एजेंसियां – राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), केंद्रीय जांच ब्यूरो (cbi) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनके अधीन हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री उनके हैं। जब वे एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत के जेल में डाल सकते हैं तो उन्हें (मुझे गिरफ्तार करने से) कौन रोक रहा है? वे पिछले 10 वर्षों से ऐसा कह रहे हैं क्योंकि उनके पास और कुछ नहीं है और वे लोगों का ध्यान (असली मुद्दों से) भटकाना चाहते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि उसे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह राजनीतिक प्रोपेगेंडा है, जिसका मतलब है कि उनके पास कोई असली एजेंडा नहीं है।

सवाल- क्या आप चिंतित हैं कि आपकी उम्मीदवारी से ध्रुवीकरण होगा?

जवाब- बिल्कुल नहीं। यही कारण है कि मैं (भाजपा के आरोपों) का जवाब नहीं दे रहा हूं। लोग इन बातों से तंग आ चुके हैं। आप उन्हें यह नहीं बता रहे हैं कि बेरोजगारी और महंगाई क्यों बढ़ रही हैं। बुलेट ट्रेन और पक्का घर कहां गया? उन्होंने कुछ भी डिलीवर नहीं किया है, इसलिए ध्रुवीकरण, प्रोपेगेंडा और विभाजनकारी राजनीति का सहारा ले रहे हैं।

सवाल- आप बिहार से हैं और पिछला लोकसभा चुनाव बेगूसराय से लड़ा था। क्या आप अपने गृह राज्य की किसी सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे थे?

जवाब- जैसा कि मैंने पहले कहा, यह स्थानीय चुनाव नहीं है और कांग्रेस भाजपा की तरह एक अखिल भारतीय पार्टी है। क्या मोदीजी वाराणसी से हैं? जहां तक दिल्ली की बात है तो यह राजधानी है। तो यह प्रश्न क्यों?

सवाल- मेरा सवाल यह था कि अगर विकल्प दिया जाता तो क्या बेगुसराय या बिहार की कोई अन्य सीट आपकी पहली पसंद होती?

जवाब- ज़ाहिर तौर से। मैं बेगूसराय से चुनाव लड़ना पसंद करता। मेरी तैयारी भी बेगूसराय के लिए थी। लेकिन कांग्रेस इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है और वह सीट हमारे एक साथी को दी गई है। ऐसे में कांग्रेस वहां से उम्मीदवार कैसे उतार सकती है?

सवाल- आप इस चुनाव को कैसे देखते हैं?

जवाब- भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने हमें दिखाया है कि समाज के सभी वर्ग अलग-अलग मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं। सरकार क्या कर रही है? दिन भर प्रोपेगेंडा और दुष्प्रचार। वे बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में हर घंटे कम से कम एक किसान आत्महत्या से मर जाता है। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि हुई है, लेकिन प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि नहीं हुई है। एक अरबपति उद्योगपति दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर लोगों में से एक है, जबकि देश हंगर इंडेक्स में लगातार गिरता जा रहा है। असमानताएं बढ़ी हैं।

सवाल-  लंबे समय से एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली में सहयोगी हैं। क्या इससे प्रचार के दौरान समन्वय पर असर नहीं पड़ेगा?

जवाब- मुझे लगता है कि ऐसी स्थिति में पार्टी कार्यकर्ता और लोग पहले एक साथ आते हैं जबकि नेता अंत में हाथ मिलाते हैं। जो लोग देश को कमजोर करना चाहते हैं, उनके खिलाफ लड़ने के लिए यह गठबंधन जमीन पर आकार ले चुका है। एक तरफ ‘मित्र काल’ और अन्याय काल है और दूसरी तरफ न्याय की तलाश में आम लोग हैं।

सवाल- कुछ समय पहले ऐसी अटकलें थीं कि आप दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे। क्या उत्तर पूर्वी दिल्ली से आपकी उम्मीदवारी उसी की पूर्वपीठिका है?

जवाब- राजनीति भविष्यवाणी से नहीं चलती। मुझे नहीं लगता कि ऐसी कोई दीर्घकालिक योजना है।