बिहार में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मछली खाने को भाजपा ने राष्ट्रीय चर्चा का मुद्दा बना दिया था। खुद पीएम मोदी तक ने प्रतिक्रिया दी थी। लेकिन कर्नाटक में सीएम सिद्धारमैया का कैमरे के सामने चिकन करी खाना मुद्दा नहीं बन रहा है। भाजपा इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
क्या है पूरा मामला?
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर नेताओं का प्रचार और पत्रकारों की रिपोर्टिंग जारी है। हाल में वरिष्ठ टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का इंटरव्यू किया है।
बातचीत के दौरान सीएम सिद्धारमैया पत्रकार को सिखा रहे हैं कि रागी मुद्दे के साथ चिकन करी कैसे खाते हैं। वीडियो में राजदीप और सिद्धारमैया, दोनों ही चिकन और रागी मुद्दे का खाते भी नजर आ रहे हैं।
इस इंटरव्यू के लिए राजदीप सरदेसाई को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। उन्हें इस वजह से ‘हिंदू विरोधी’ बताया जा रहा है क्योंकि वह नवरात्रि के दौरान चिकन खा रहे हैं। हालांकि अब तक यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं बना है। न ही इसे लेकर सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ भाजपा ने कोई बयान दिया है।
ध्यान रहे राजदीप के शो का नाम ‘एलेक्शंस ऑन माय प्लेट’ है, जिसमें वह नेताओं के साथ खाना खाते हुए बात करते हैं। सीएम सिद्धारमैया अपने गृह क्षेत्र ओल्ड मैसूर में थे, जब राजदीप ने उनका इंटरव्यू किया।
क्यों नहीं बना मुद्दा?
इसके दो कारण नजर आ रहे हैं, पहला तो यह कि दक्षिण भारत का कोई राज्य शाकाहारी नहीं। भारत के रजिस्ट्रार जनरल – Registrar General of India (RGI) द्वारा साल 2014 में प्रकाशित सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि शाकाहारी राज्यों की सूची में किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य का नाम नहीं है। जबकि इसमें राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और पंजाब शामिल हैं। असल में तेलंगाना मांसाहारी राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है। दक्षिण भारत में कर्नाटक ही सबसे अधिक शाकाहारी आबादी वाला राज्य है, जहां के करीब 80 प्रतिशत लोग मांसाहारी है।

दूसरी वजह यह है कि उत्तर भारत की तरह दक्षिण भारत में चैत नवरात्रि, बहुत प्रसिद्ध नहीं है। अभी हाल में राजदीप से ही बातचीत में तमिलनाडु भाजपा प्रमुख और कोयंबटूर से उम्मीदवार के. अन्नमलाई ने कहा था कि, “…चिकन करी खाने मैं कोई समस्या नहीं है, मैं आपके साथ चलूंगा।”
कर्नाटक में कैसे मनाते हैं नवरात्रि?
नवरात्रि के दौरान कर्नाटक के घरों में सजी-धजी गुड़िया रखी जाती हैं। लोग आपस में नारियल, कपड़े और मिठाइयां बांटते हैं। महाकाव्यों और पुराणों में विभिन्न कहानियों के दृश्यों का अभिनय किया जाता है और कई भक्त उडुपी में स्थित प्रसिद्ध कोल्लूर मूकाम्बिका मंदिर में जाते हैं। नवरात्रि में चामुंडा पहाड़ी की देवी चामुंडेश्वरी या देवी दुर्गा के अवतार की पूजा की जाती है। दशहरे के दौरान मैसूर के महल को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है, जहां एक प्रसिद्ध जुलूस “जंबू सावरी” निकलता है। इसमें हाथी परेड शामिल होती है, जिसमें उनमें से एक देवी चामुंडेश्वरी को ले जाता है।
कुछ दिन पहले तेजस्वी के मछली खाने पर हुआ था बवाल
कुछ सप्ताह पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने मछली खाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था। उस वक्त मांसाहार को लेकर खूब बहस हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनावी भाषण में कहा था, “देश का कानून किसी को भी कुछ भी खाने से नहीं रोकता, ना ही ये मोदी किसी को नहीं रोकता है। सबकी स्वतंत्रता है, वेज खाएं या नॉन वेज खाएं। लेकिन ये लोग वीडियो जारी कर देश के लोगों को चिढ़ाते हैं। …इन लोगों की मनसा दूसरी होती है।” भारत के रजिस्ट्रार जनरल – Registrar General of India (RGI) के आंकड़े ही बताते हैं कि बिहार में 92.45 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं। विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

पीएम मोदी ने मांसाहार को लेकर विपक्षी दलों पर हमला करते हुए जो बातें कहीं थी, उसका विश्लेषण पढ़ने के लिए नीचे दिए फोटो पर क्लिक करें:
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