सात चरणों तक चले लोकसभा चुनाव में अपने मैराथन प्रचार अभियान के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा जताया कि बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी करेगी। वह भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी गए और वहां विवेकानंद रॉक मेमोरियल में उन्होंने 45 घंटे तक साधना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता लगातार चरम पर है और उनकी विश्वसनीयता भी बनी हुई है। हालांकि मतदाता इस चुनाव में बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक विरोधी राहुल गांधी चुनाव के दौरान एक नैरेटिव बनाने में कामयाब रहे और उन्होंने कई मुद्दों पर भाजपा को जवाब देने के लिए मजबूर भी किया। राहुल गांधी ने अपने लंबे चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में कार्यकर्ताओं को चुनाव के नतीजों के प्रति आशावादी बने रहने के लिए भी कहा।
राहुल ने कहा कि वह पूरे भरोसे के साथ कांग्रेस के बब्बर शेर कार्यकर्ताओं से इस बात को कह सकते हैं कि इंडिया गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है।
राहुल गांधी के नेतृत्व में हालांकि कांग्रेस को ज्यादा चुनावी सफलता न मिली हो लेकिन उनके समर्थक और सहयोगी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वही एक मजबूत दीवार हैं। उनका तर्क है कि इस चुनाव में विपक्ष की जीत देश के लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है।

बीजेपी ने अपना चुनाव प्रचार काफी आक्रामक ढंग से शुरू किया लेकिन जल्द ही इस तरह की चर्चा सामने आई कि सतारूढ़ गठबंधन के खिलाफ ‘अंडरकरंट’ है।
Exit Poll 2024: एनडीए गठबंधन की बड़ी जीत का अनुमान
क्या नरेंद्र मोदी अपने 400 पार के मिशन में सफल होंगे या सरकार के खिलाफ किसी ‘अंडरकरंट’ का चुनाव पर कोई असर हुआ है, इसका पता वोटों की गिनती के बाद ही चलेगा। सभी बड़े एग्जिट पोल में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन की बड़ी जीत का अनुमान लगाया गया है।
एग्जिट पोल्स में कहा गया है कि बीजेपी 2019 में मिली 303 सीटों के आंकड़े से ज्यादा सीटें हासिल करेगी। कुछ एग्जिट पोल जैसे इंडिया-टुडे-माई एक्सिस और टुडेज़ चाणक्य ने कहा है कि एनडीए गठबंधन 400 सीटें हासिल कर सकता है।
चैनल/एजेंसी | एनडीए | इंडिया | अन्य |
इंडिया टुडे-एक्सिस-माई इंडिया | 361-401 | 131-166 | 8-20 |
एबीपी न्यूज-सी वोटर | 353-383 | 152-182 | 4-12 |
इंडिया टीवी-सीएनएक्स | 371-401 | 109-139 | 28-38 |
रिपब्लिक भारत-मैट्रीज | 353-368 | 118-133 | 43-48 |
न्यूज 24-टुडेज चाणक्या | 400 | 107 | 36 |
जन की बात | 362-392 | 141-161 | 10-20 |
न्यूज नेशन | 342-378 | 153-169 | 21-23 |
रिपब्लिक टीवी-पी मार्क | 359 | 154 | 30 |
इंडिया न्यूज-डी डायनामिक्स | 371 | 125 | 47 |
दैनिक भास्कर | 281-350 | 145-201 | 33-49 |
टाइम्स नाऊ-ईटीजी | 358 | 152 | 33 |
टीवी9 भारतवर्ष-पोलस्ट्रैट | 342 | 166 | 35 |
इंडिया डेली लाइव | 360-406 | 96-116 | 30-60 |
सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के चुनाव अभियान में शायद ही कभी इतना बड़ा स्विंग देखने को मिला हो, जितना इस बार देखने को मिला। एनडीए ने शुरूआती चरण में अपनी सरकार की आर्थिक उपलब्धियों और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को सामने रखा और बाद में यह संकीर्ण सामाजिक एजेंडे की ओर शिफ्ट हो गया। शुरुआत में इंडिया गठबंधन दिशाहीन दिख रहा था लेकिन जल्द ही वह लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट हुआ।
इस चुनाव में कुछ विपक्षी दल जैसे- कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कुछ राज्यों में तो गठबंधन किया जबकि कुछ राज्यों में वे एक-दूसरे के सामने चुनाव लड़े।

चुनाव प्रचार में छाए रहे पीएम मोदी
बीजेपी के आक्रामक ध्रुवीकरण वाले चुनाव प्रचार ने विपक्ष को एकजुट कर दिया। सत्तारूढ़ गठबंधन पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसे था। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भी जहां पर बीजेपी के पास बेहद लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, वहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही चुनाव प्रचार में छाए रहे। कुछ अन्य राज्यों में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को अपने अंदरूनी झगड़ों, गठबंधन के मतभेदों और सत्ता विरोधी लहर को शांत करने के लिए इस्तेमाल किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान रिकॉर्ड तोड़ जनसभाएं की और इनकी संख्या कुल 206 रही। इसमें सार्वजनिक रैलियां और रोड शो भी शामिल हैं। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने 80 साक्षात्कार भी दिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 107 चुनावी कार्यक्रम किए।
इस चुनाव में बीजेपी के 441 उम्मीदवार मैदान में थे जबकि कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करते हुए 328 सीटों पर चुनाव लड़ा। कांग्रेस ने आज तक कभी भी इतनी कम सीटों पर लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा।
केंद्र के कुछ कदमों से चुनाव में विपक्ष को मदद मिलती दिखाई दी। इसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी शामिल है। इसने विपक्ष को और उत्साहित किया और उनके संयुक्त चुनाव प्रचार अभियान में एकजुटता लाने का काम किया।

NDA 400 Paar Slogan: 400 पार के नारे पर घमासान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 400 पार का नारा बीजेपी के कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने के लिए दिया था। लेकिन इंडिया गठबंधन ने आरोप लगाया कि एनडीए गठबंधन इतना बड़ा जनादेश इसलिए मांग रहा है क्योंकि वह संविधान को बदल सके और आरक्षण की व्यवस्था को कमजोर कर सके।
विपक्ष ने 400 पार के नारे को समाज के कुछ वर्गों विशेषकर दलित समुदाय के बीच बीजेपी के खिलाफ इस्तेमाल किया।
Washing Machine Theme: वाशिंग मशीन की थीम पर केंद्रित रहा चुनाव अभियान
विपक्ष का चुनाव प्रचार अभियान वाशिंग मशीन की थीम पर केंद्रित रहा। इसके तहत विपक्ष आरोप लगाता है कि बीजेपी में दूसरे दलों से शामिल होने वाले भ्रष्टाचारी नेताओं को क्लीन चिट मिल जाती है। देश भर के गांवों और कस्बों में लोगों की आपसी बातचीत के दौरान यह मुद्दा भी चर्चा में आया।
बीजेपी ने ऐसे कई नेताओं को शामिल किया जिनके खिलाफ उसने पहले भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। ऐसे नेताओं में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी शामिल हैं। इसके अलावा जेडीएस और टीडीपी को एनडीए गठबंधन में शामिल किए जाने को भी विपक्ष ने मुद्दा बनाया जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव अभियान में भ्रष्टाचार और परिवारवाद को सबसे बड़े मुद्दों के रूप में सामने रखा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा बीजेपी को कई नेगेटिव फैक्टर से पार पाने में मदद कर सकता है और सत्ता में तीसरी बार आने पर बीजेपी की सीटों का आंकड़ा बढ़ सकता है या विपक्ष बीजेपी के कुछ मजबूत किलों में सेंध लगाने में कामयाब हो सकता है। हालांकि अभी भी एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए ही आगे का रास्ता बहुत आसान नहीं है।