बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यूपी में बढ़ते अपराध के ल‍िए सपा-कांग्रेस को ज‍िम्‍मेदार ठहराया है। त्र‍िवेदी ने 13 अगस्‍त को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा क‍ि जब से ‘यूपी में दो लड़कों’ (अख‍िलेश यादव और राहुल गांधी) की शक्‍त‍ि बढ़ी है, राज्‍य में अपराध का ग्राफ भी उसी अनुपात में बढ़ा है। त्र‍िवेदी का इशारा लोकसभा चुनाव में यूपी में सपा व कांग्रेस को म‍िली जीत की तरफ था।

त्र‍िवेदी के दावों से इतर, राष्‍ट्रीय अपराध र‍िकॉर्ड ब्‍यूरो (National Crime Records Bureau – NCRB) के आंकड़े देखें तो पता चलता है क‍ि अपराध के मामले में उत्‍तर प्रदेश का र‍िकॉर्ड पहले से खराब है। एनसीआरबी की ताजा र‍िपोर्ट (2022 के आंकड़े) के हवाले से नजर डालें तो यूपी हत्‍या सह‍ित कई अपराधों के मामले में टॉप पर था।

एनसीआरबी 2022 र‍िपोर्ट: यूपी का हाल

अपराधदर्ज मामले
बलात्‍कार3690
मह‍िला का शील भंग करने के इरादे से क‍िया गया हमला1903
हत्‍या3491

सुधांशु त्र‍िवेदी ने कोलकाता (पश्‍च‍िम बंगाल) और कन्‍नौज (यूपी) के मामलों का ज‍िक्र करते हुए ममता बनर्जी और प्र‍ियंका गांधी पर भी न‍िशाना साधा। अपराध के मामले में बंगाल का र‍िकॉर्ड भी बहुत अच्‍छा नहीं रहा है। अपराध के ल‍िहाज से उत्‍तर प्रदेश और बंगाल की तुलना इन टेबल को देख कर की जा सकती है:

उत्‍तर प्रदेश और बंगाल में 2022 में हुए बलात्‍कार के मामले (Latest NCRB Data)

उत्तर प्रदेश 3690
बंगाल 1111

महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उन पर हमला करने के मामले (Latest NCRB Report)

उत्तर प्रदेश 1903
बंगाल 539

एनसीआरबी के मुताब‍िक 2022 में हत्या के मामलों में भी यूपी का र‍िकॉर्ड सबसे खराब

उत्तर प्रदेश 3491
बंगाल 1696

एनसीआरबी के मुताब‍िक 2022 में मह‍िलाओं के ख‍िलाफ हुए अपराध के मामले में उत्‍तर प्रदेश का रिकॉर्ड सबसे ज्‍यादा खराब था। राज्‍य में देश के क‍िसी भी राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा अपराध हुए।

एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है कि भारत में महिला सुरक्षा की स्थिति बेहद गंभीर है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 4,45,256 घटनाएं हुई यानी हर घंटे लगभग 51 एफआईआर दर्ज की गईं। 

जबकि 2021 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों का आंकड़ा 4,28,278 और 2020 में 3,71,503 था। 

अब बाकी राज्‍यों में भी मह‍िलाओं के ख‍िलाफ हुए अपराध का हाल देख‍िए। इस मामले में यूपी एक, महाराष्‍ट्र दो और पश्‍च‍िम बंगाल तीन नंबर पर था।

NCRB DATA 2022: किस राज्य में महिलाओं के खिलाफ कितने अपराध हुए

आंध्र प्रदेश3491
उत्तर प्रदेश65743
उत्तराखंड4337
पश्चिम बंगाल34738
अरुणाचल प्रदेश1696
असम14148
बिहार20222
छत्तीसगढ़8693
गोवा273
गुजरात7731
हरियाणा16743
हिमाचल प्रदेश1551
झारखंड7678
कर्नाटक17813
केरल15213
मध्य प्रदेश32765
महाराष्ट्र 45331

एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ अधिकतर अपराध पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा किए गए थे और यह आंकड़ा 31.4% था। इसके अलावा महिलाओं के अपहरण का आंकड़ा 19.2%, महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के मकसद से उन पर हमला करना (18.7%) और रेप का आंकड़ा (7.1%) था।

सुधांशु त्रिवेदी ने ज‍िस मामले को लेकर व‍िरोध‍ियों पर न‍िशाना साधा, उस मामले को जान‍िए

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्‍कार और फ‍िर उसकी हत्‍या कर दी गई। इस घटना के बाद देश भर में डॉक्‍टर्स गुस्‍से में हैं और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को लेकर बहस तेज हो गई है।

देश भर के कई राज्यों में डॉक्टर्स सड़कों पर उतरे हुए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखा है और डॉक्टर्स के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की है।

उधर, कन्‍नौज में एक शख्‍स पर बलात्‍कार का आरोप लगा है। उसे सपा का करीबी बताया जा रहा है।

सुधांशु त्र‍िवेदी ने क्‍या कहा

सुधांशु त्र‍िवेदी 13 अगस्‍त को प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए आए और उन्होंने कहा कि आरजी कर कालेज के प्रिसिंपल को हटाने के 24 घंटे के भीतर दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया। इससे पता चलता है कि राज्य सरकार की ओर से अपराधियों को संरक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है।

त्रिवेदी ने कहा कि इंडी गठबंधन के लोग कन्नौज और कोलकाता के मामले पर चुप क्यों हैं और कहां गईं प्रियंका गांधी जो कहती थीं कि लड़की हूं लड़ सकती हूं। 

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पश्चिम बंगाल सरकार से अपील की है कि इस मामले में त्वरित और सख्त से सख्त कार्रवाई हो और पीड़िता के परिवार और साथी डॉक्टरों को न्याय मिले।

सीबीआई को सौंप देंगे जांच: ममता

देश भर में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को ट्रेनी डॉक्टर के घर पहुंचीं थीं। उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस को 18 अगस्त तक का वक्त देते हुए कहा था कि अगर वह इस तारीख तक इस मामले को हल नहीं कर पाई तो राज्य सरकार इस मामले को सीबीआई को सौंप देगी।