सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अक्सर हल्के-फुल्के वाकये होते रहते हैं। ऐसा ही एक वाकया शुक्रवार (3 मार्च) को होली की छुट्टी से ठीक पहले हुआ। जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन (V. Ramasubramanian) के सामने एक वकील पहुंचा और कहा कि उसके मुवक्किल सीनियर सिटीजन हैं। इसलिये उसे जल्दी सुनवाई की डेट दे दें। वकील की इस गुहार पर जस्टिस रामासुब्रमण्यन ने सवाल कि उनके मुवक्किल (याचिकाकर्ता) की उम्र कितनी है?

इस पर वकील ने बताया कि 60 साल है। इस जवाब पर जस्टिस रामासुब्रमण्यन ने मुस्कुराते हुए कहा कि हम दोनों 60 साल के हैं। इस तरीके से हमारा मजाक बनाने के लिए आप की याचिका खारिज कर देंगे। इस बात पर सभी मुस्कुरा पड़े।

‘मेरे नाम से भी ऊपर लगा दो इनका केस’

3 मार्च को ही एक अन्य वकील ने जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन (V. Ramasubramanian) से अपने मामले को बोर्ड में सबसे ऊपर (Top of the Board) लगाने की दरख्वास्त की। इस पर जस्टिस रामासुब्रमण्यन ने मुस्कुराते हुए कहा कि जब मैं मद्रास हाई कोर्ट में जज हुआ करता था तब कोई वकील इस तरह की अर्जी लेकर आता था तो मैं कहता था कि इनके केस को मेरे नाम से भी ऊपर लगा दो। जस्टिस रामासुब्रमण्यन की इस बात पर सभी मुस्कुरा पड़े।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 3 मार्च से होली की छुट्टी हो गई है। अब कोर्ट दोबारा 12 मार्च को खुलेगा। होली की छुट्टी से ठीक पहले 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में काफी गहमागहमी दिखी थी। तमाम एडवोकेट अपने मामले को लिस्ट करने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के सामने पहुंचे और एक साथ बोलने लगे।

एक साथ बोलने लगे वकील तो कुर्सी से खड़े हो गए सीजेआई

इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ अपनी कुर्सी से उठ खड़े हो गए और हाथ जोड़ते हुए वकीलों से कहा कि अगर आप लोग एक साथ बोलेंगे तो किसी की बात सुनाई नहीं देगी। हैप्पी होली….। यह कहते हुए बेंच उठ गई। बता दें कि 3 मार्च को होली की छुट्टी से ठीक पहले सीजेआई चंद्रचूड़ के सामने कर्नाटक में हिजाब से जुड़ा मामला भी पहुंचा था। इस मामले में भी वकील ने परीक्षाओं का हवाला देते हुए जल्द सुनवाई की मांग की थी। जिस पर चीफ जस्टिस ने जल्द बेंच गठित करने का आश्वासन दिया था।