फरवरी 1949 की बात है। आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी (राजाजी) को एक प्राइवेट पार्टी का निमंत्रण मिला। यह पार्टी दिल्ली के मशहूर रोशनारा क्लब में फेडरल कोर्ट के जस्टिस एमसी महाजन के लिए रखी गई थी। ‘राजाजी’ को जब पता चला कि पार्टी जस्टिस महाजन के लिए है, तो बहुत नाराज हुए। उन्होंने गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल हो चिट्ठी लिख दी। राजगोपालाचारी ने पटेल से शिकायत की कि उन्हें रसूखदारों द्वारा जजों, सरकारी अफसरों के लिए ऐसी पार्टियां आयोजित करना कतई पसंद नहीं है।

सरदार पटेल को CJI से करनी पड़ी थी बात

एडवोकेट और लेखक अभिनव चंद्रचूड़ अपनी किताब Supreme Whispers में लिखते हैं कि ‘राजाजी’ की आपत्ति के बाद सरदार पटेल ने चीफ जस्टिस एच जे कानिया से इस बारे में बात की। साथ ही जस्टिस महाजन को भी गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी के रुख के बारे में बता दिया। चीफ जस्टिस कानिया और जस्टिस महाजन से बात करने के बाद सरदार पटेल ने ‘राजाजी’ को जवाब दिया कि मैंने आपकी बात पहुंचा दी है और हो सकता है यह पार्टी कैंसिल हो जाए। बाद में साल 1954 में जब जस्टिस महाजन रिटायर हुए तब उन्होंने कहा था कि उनके लिए बार और स्टाफ की तरफ से सामान्य पार्टी ही आयोजित की गई थी।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बेटे अभिनव चंद्रचूड़ लिखते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच वकीलों और रसूखदारों की प्राइवेट लैविश पार्टीज में जाने को लेकर लंबे वक्त से मतभेद रहा है। एक धड़ा इसके पक्ष में और एक खिलाफ रहा है। अभिनव लिखते हैं तमाम लोग (जिसमें बड़े वकील भी शामिल हैं) ऐसी पार्टी लॉबिंग के लिए आयोजित करते हैं, ताकि पार्टी में मेलजोल बढ़ाकर अपनी नियुक्ति की राह आसान कर सकें।

प्राइवेट पार्टी में जाने के खिलाफ थे CJI

पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एम. हिदायतुल्लाह (M. Hidayatullah) जजों के प्राइवेट पार्टी में जाने के सख्त खिलाफ थे। जस्टिस हिदायतुल्लाह जब नागपुर हाईकोर्ट में थे तब इस तरह के इनविटेशन स्वीकार करने की सख्त मनाही थी। हां, शादी जैसा कोई आयोजन हो तो अलग बात थी। बाद में जब जस्टिस हिदायतुल्लाह सुप्रीम कोर्ट आए और चीफ जस्टिस बने तो यही परंपरा कायम रही। जस्टिस हिदायतुल्लाह के कार्यकाल का एक किस्सा मशहूर है।

शादी में राष्ट्रपति को बुलाना चाहते थे जज

उन दिनों सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस ए.एन ग्रोवर ( Justice A.N. Grover) के बेटे की शादी थी। जस्टिस ग्रोवर की दिली इच्छा थी कि उनके बेटे की शादी में राष्ट्रपति वीवी गिरी और उपराष्ट्रपति जीएस पाठक आएं। दोनों जस्टिस ग्रोवर के करीबी मित्र भी थे और उन्हें आमंत्रित करना चाहते थे। लेकिन जब चीफ जस्टिल हिदायतुल्लाह को यह बात बता चली तो उन्होंने जस्टिस ए.एन ग्रोवर को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति को आमंत्रित करने से साफ मना कर दिया और कहा कि इससे गलत मैसेज जाएगा।