लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा एक वीडियो मिला। वीडियो में पुलिस मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति और एक अन्य शख्स को लाठी से पीटती हुई दिखाई दे रही थी। सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के बरेली का है और ये लोग दंगाई हैं।
जांच के दौरान हमने पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि 2020 का है और पुलिस ने कोविड-19 लॉकडाउन दिशा-निर्देशों का पालन न करने वाले व्यक्तियों की पिटाई की। वायरल दावा भ्रामक है।
क्या है दावा?
X यूजर @Raajsays ने वीडियो शेयर किया।


जांच पड़ताल:
हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की। इससे हमें चार साल पहले डेली मोशन पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।

विवरण में बताया गया है कि पुलिस कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
वीडियो के अंत में इज़्ज़तनगर, जनपद, बरेली का एक पुलिस स्टेशन दिखाया गया है, जो स्पष्ट करता है कि वीडियो उत्तर प्रदेश के बरेली का है।
हमें वायरल वीडियो में दिखाए गए समान दृश्य, न्यूज़ स्टेट के यूट्यूब चैनल द्वारा चार साल पहले अपलोड किए गए वीडियो में मिले।
वीडियो के विवरण में कहा गया है: UP: कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भीड़ बनी हिंसक, बरेली में पुलिस पर हिंसक हमला
इस बारे में यू ट्यूब पर वीडियो भी मिला।
हमें 2020 में X पर इसी विषय पर बरेली पुलिस की एक पोस्ट भी मिली।
निष्कर्ष: बरेली में पुलिस द्वारा कोविड दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों की पिटाई का 2020 का वीडियो भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।