लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा एक वीडियो मिला। दावा किया गया कि वीडियो में पश्चिम बंगाल के विधायक मंसूर मोहम्मद डिमिर पुलिसकर्मी पर हमला करते हुए दिख रहे हैं।
जांच के दौरान हमने पाया कि वीडियो पुराना है और उत्तर प्रदेश का है।
क्या है दावा?
X यूजर महावीर जैन ने अपने प्रोफाइल पर भ्रामक दावे के साथ वीडियो शेयर किया है।

अन्य यूजर भी इसी तरह के दावों के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।


जांच पड़ताल:
हमने वीडियो को InVid टूल पर अपलोड करके जांच शुरू की।
रिवर्स इमेज सर्च के दौरान हमें Patrika की वेबसाइट पर एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है: शुक्रवार रात एनएच-58 दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित रेस्टोरेंट ब्लैक पेपर में अपनी महिला मित्र के साथ आए पुलिस इंस्पेक्टर के साथ भाजपा पार्षद मनीष चौधरी द्वारा मारपीट करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहां डीजीपी ओपी सिंह ने एडीजी मेरठ जोन को पार्षद के रेस्टोरेंट के लाइसेंस की जांच करने के निर्देश दिए हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के जनप्रतिनिधि इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
हमें इस घटना से जुड़ी कुछ और रिपोर्ट मिलीं।
हमें timesofindia की वेबसाइट पर वीडियो रिपोर्ट मिली।
रिपोर्ट में कहा गया है: यूपी के सब-इंस्पेक्टर पर हमला करने वाले बीजेपी पार्षद मनीष चौधरी के समर्थकों ने चौधरी की रिहाई का जश्न मेरठ में एक व्यस्त सड़क के बीच में एसयूवी के साथ मनाया। मनीष चौधरी की जमानत याचिका स्वीकार कर ली गई थी। बीजेपी पार्षद के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनकी रिहाई का जश्न मनाने वाला वीडियो और तस्वीरें भी शेयर कीं। बीजेपी पार्षद मनीष चौधरी को 2 नवंबर को जमानत मिल गई थी। मनीष चौधरी एक रेस्तरां में पुलिस पर हमला करने के आरोप में न्यायिक हिरासत में थे और यह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था।
निष्कर्ष: यूपी में बीजेपी पार्षद मनीष चौधरी द्वारा पुलिसकर्मी पर हमला करने का 2018 का वीडियो पश्चिम बंगाल के विधायक का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।