जलंधर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मतदान से एक सप्‍ताह पहले एक ट्व‍िस्‍ट आ गया है। बैंस बंधुओं की पार्टी लोक इंसाफ पार्टी (LIP) ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है। बैंस बंधुओं में से एक, सिमरजीत सिंह बैंस (Simarjit Singh Bains) बलात्‍कार के आरोपी हैं। वह तीन महीने से जमानत पर बाहर हैं। पाक‍िस्‍तान से व्‍यापार बढ़ाने की वकालत करने वाले बैंस ने 2017 में आप के साथ म‍िल कर व‍िधानसभा चुनाव लड़ा था। 2022 में वह अकेले लड़े, पर एक भी सीट नहीं जीत सके।

LIP प्रमुख और लुधियाना के आत्म नगर निर्वाचन क्षेत्र से दो बार के विधायक (2012-2022) सिमरजीत सिंह बैंस (Simarjit Singh Bains) ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी 10 मई को होने वाले चुनाव में भाजपा के इंदर इकबाल सिंह अटवाल का समर्थन करेगी।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की प्रिंसिपल कॉरेस्‍पोंडेंट (पंजाब) दिव्या गोयल लिखती हैं कि बलात्कार के आरोप के बाद से लगातार खिसकते जनाधार के बीच सिमरजीत का अचानक भाजपा को समर्थन देने के फैसला न सिर्फ उनके राजनीतिक करियर, बल्कि LIP में भी नई जान डाल सकता है। जमानत पर रिहा होने के बाद यह उनका पहला बड़ा राजनीतिक कदम है।

भाजपा से क्या चाहते हैं?

भाजपा को समर्थन देने के अपने फैसले पर सिमरजीत ने कहा है कि अकाली दल के अलावा, उन्होंने कभी भी पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत के लिए काम करने वाली किसी पार्टी का विरोध नहीं किया है। उन्होंने पंजाबी समुदाय के लिए ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेम’ और भाजपा के एक व्यक्ति या परिवार के प्रभुत्व वाली एकमात्र पार्टी नहीं होने के लिए प्रशंसा भी की है। उन्होंने कहा है, “मोदी के मन में दस्तार (पगड़ी) का बहुत सम्मान है, उनकी तारीफ पाकिस्तान में युवा भी करते हैं।”

यह पूछे जाने पर कि वह भाजपा से क्या चाहते हैं, सिमरजीत ने कहा कि वह केंद्र सरकार से आग्रह करेंगे कि पंजाब में खस खस (पोस्ता) की खेती की अनुमति दी जाए। सिमरजीत का मानना है कि यह “भूमिगत पानी को बचाने के लिए, किसानों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और सिंथेटिक दवाओं से युवाओं को बचाने के लिए” जरूरी है।

इसके अलावा सिमरजीत चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया जाए क्योंकि यह लुधियाना के उद्योग के हित में है। साथ ही सिंह की मांग है कि केंद्र सरकार दलित छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान करे।

जनवरी 2022 में पंजाब राज्य के चुनावों से पहले सिमरजीत ने द इंडियन एक्सप्रेस को संकेत दिया था कि वह भाजपा के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं क्योंकि “तीन ‘काले’ कृषि कानून पर रोक लग गई और पीएम मोदी ने उसके लिए माफी मांग ली”।

जलंधर लोकसभा उपचुनाव को आप सरकार के लिए एक लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पिछले साल सत्ता में आने के तुरंत बाद इस तरह का पहला उपचुनाव पार्टी हार गई थी। संगरूर में हुए उस उपचुनाव में अकाली दल के स‍िमरनजीत स‍िंंह मान जीते थे

बलात्कार के मामले में जमानत पर हैं सिमरजीत

जुलाई 2022 में सिमरजीत सिंह बैंस ने रेप के एक मामले में अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण क‍िया था। तब से वह जेल में थे। तीन महीने पहले ही जमानत पर बाहर आए हैं और अब भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है। सिमरजीत पर एक मामला हत्या के प्रयास का भी दर्ज है। सिमरजीत के बड़े भाई बलविंदर सिंह बैंस भी लुधियाना दक्षिण से दो बार के पूर्व विधायक हैं।

क्‍यों हो रहा जलंधर में उपचुनाव?

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी का अचानक हार्ट अटैक से निधन हो गया था। 14 जनवरी, 2023 को चौधरी के निधन के बाद से जलंधर की सीट खाली थी। अब उपचुनाव के लिए 10 मई को मतदान है और 13 मई को परिणाम की घोषणा होगी। कांग्रेस ने इस सीट से संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर को टिकट दे दिया है। भाजपा ने इंदर इकबाल सिंह अटवाल को मैदान में उतारा है।

2017 में व‍िधानसभा चुनाव में AAP के साथ थी LIP

2017 का चुनाव AAP और LIP ने साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन सिर्फ 2 सीटें ही बचा पाई थी। 2022 का विधानसभा चुनाव LIP ने अकेले लड़ा और आप की लहर में एक भी सीट नहीं बचा पाई।

बलविंदर और सिमरजीत ने अपने राजनीति की शुरुआत अकाली दल से की थी। बाद में टिकट न मिलने पर नाराज होकर पार्टी छोड़ दी। इसके बाद 2012 में सिरमजीत सिंह बैंस और उनके भाई बलविंदर सिंह बैंस ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत भी गए। बाद में अपनी पार्टी बनाई।

राजनीति में पहले एंट्री बलविंदर ने की थी। उनकी राजनीति की शुरुआत एसएडी (अमृतसर) के चुनाव से हुई थी। वह 1991 में एक स्वतंत्र पार्षद के रूप में जीते थे। सिमरजीत भी 2002 में एक स्वतंत्र पार्षद के रूप में चुने गए और 2004 में एसएडी (बादल) में शामिल हुए। 2007 में उन्होंने अकाली की टिकट पर लुधियाना से पार्षद का चुनाव जीता था।