Lok Sabha Elections 2024: ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों के लिए लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। टीएमसी द्वारा उम्मीदवारों की सूची जारी किए जाने के बाद कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी ने बार-बार पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी के साथ सम्मानजनक सीट-बंटवारे समझौते की अपनी इच्छा व्यक्त की, लेकिन ऐसा हो न सका। कांग्रेस चाहती थी कि टीएमसी ‘इंडिया’ गठबंधन एक साथ मिलकर भाजपा से लड़े।

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपने लोकसभा अभियान के लिए पश्चिम बंगाल में IPAC को काम पर रखा है। IPAC को ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने काम पर रखा है। जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पोलिंग कंपनी IPAC से बहुत नाखुश हैं। बता दें कि IPAC की टीम टीएमसी उम्मीदवारों के ट्वीट और वीडियोग्राफी का काम संभाल रही है।

बंगाल में TMC बनाम BJP को लेकर प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी

न्यूज चैनल एबीपी से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा, “मैंने दीदी के साथ दो साल काम किया है। बंगाल चुनाव में मैंने उन्हें फ्लेक्सिबल पाया। उनके साथ काम करना बहुत आसान था। मैं पश्चिम बंगाल में भाजपा और टीएमसी के बीच बड़ी लड़ाई देख रहा हूं। कई लोगों को ऐसा लग रहा है कि विधानसभा चुनाव में जिस तरह की सफलता टीएमसी को मिली थी, वैसी ही सफलता मिलेगी और भाजपा एक दम कमजोर हो गई है, तो यह बहुत बड़ी भूल है। बंगाल में भाजपा उभरती हुई ताकत है। टीएमसी के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। अगर टीएमसी ने ठीक से चुनाव नहीं लड़ा तो उन्हें 2019 की तरह झटका भी लग सकता है।”

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि संदेशखाली की घटना से टीएमसी को नुकसान होगा, क्योंकि इस तरह की घटनाओं से सत्ताधारी दल की ही छवि खराब होती है।

बता दें कि इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट से एक्टिविस्ट बने प्रशांत किशोर (PK) ने साल 2021 में घोषणा की थी कि वह राजनीतिक परामर्श के काम से अलग हो रहे हैं। वह पिछले 17 महीनों से अपने गृह राज्य बिहार के अंदरूनी इलाकों का दौरा कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर अपना अभियान ‘जन सुराज’ के बैनर तले चला रहे हैं। वह अपने अभियान के दौरान लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार, दोनों के कार्यकाल में दौरान बिहार में फैली कथित कुव्यवस्था के खिलाफ लोगों को ‘जागरूक’ कर रहे हैं।

चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ चुके हैं PK, लेकिन…

प्रशांत किशोर को इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट के तौर पर ही प्रसिद्धि और समृद्धि दोनों मिली थी। किशोर का दावा है कि उन्होंने राजनीतिक परामर्श का काम छोड़ दिया है, हालांकि उन्होंने इस काम के लिए जिस संगठन ‘इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी’ (IPAC) की स्थापना की थी वह अभी भी फल-फूल रहा है।

आधिकारिक तौर पर IPAC का नेतृत्व निदेशक और सह-संस्थापक प्रतीक जैन कर रहे हैं। किशोर का दावा है कि कंपनी में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं है, लेकिन जैन अभी भी आदरपूर्वक किशोर को अपना गुरु बताते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि किशोर ने हाल ही में हैदराबाद में चंद्रबाबू नायडू से तीन घंटे तक मुलाकात की, हालांकि IPAC ने आंध्र प्रदेश में 2019 विधानसभा चुनाव में नायडू के प्रतिद्वंद्वी जगन मोहन रेड्डी के लिए काम किया था।