अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ का असर भारत के निर्यात पर दिखने लगा है। सितंबर में भारत से अमेरिका को माल निर्यात में सालाना आधार पर 12% की भारी गिरावट दर्ज की गई, लेकिन कुल निर्यात में 6.74 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से यूएई और चीन के बाजारों में बेहतर प्रदर्शन की वजह से हुई।

हालांकि, सोना, चांदी और उर्वरक के आयात में तेज बढ़ोतरी के कारण व्यापार घाटा बढ़कर 31.15 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले एक साल से भी ज्यादा का उच्चतम स्तर है। यह आंकड़े वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए।

आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को निर्यात में 24.33% और चीन को निर्यात में 34.18% तेजी आई। हालांकि, यूएई और चीन से आयात में भी क्रमशः 16.35% और 32.83% की तेजी आई।

सितंबर में 6.74% बढ़ा कुल निर्यात

हमारी सहयोगी द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सितंबर में कुल निर्यात 6.74% बढ़कर 36.38 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह 34.08 अरब डॉलर था। इस बीच, आयात 16.6% बढ़कर 68.53 अरब डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले यह 58.74 अरब डॉलर था।

मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, इस महीने सेवाओं का निर्यात 5% घटकर 30.82 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 32.60 अरब डॉलर था।

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व्यापार के लिए उथल-पुथल भरा साल

कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने कहा, ‘व्यापार के लिए यह एक उथल-पुथल भरा साल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सप्लाई चेन में पुनः समायोजन हुआ है। सकारात्मक पहलू यह है कि चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में भारत का वस्तु एवं सेवा निर्यात पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बढ़ा है। यहां तक कि व्यापार घाटा भी कम हुआ है।’

उन्होंने कहा कि उद्योग ने उथल-पुथल का मैनेजमेंट किया है और सप्लाई चेन को लागत पर बनाए रखा है। उन्होंने आगे कहा कि निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव सितंबर और अक्टूबर में स्पष्ट होगा और वाणिज्य मंत्रालय इस प्रभाव को समझने के लिए वस्तु-वार आंकड़ों का आकलन करेगा।

सोने और उर्वरकों का सबसे ज्यादा योगदान

हमारी सहयोगी द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सितंबर में आयात में आई तेज वृद्धि में सोने और उर्वरकों का सबसे ज्यादा योगदान रहा। सोने का आयात दोगुना से ज्यादा बढ़कर 9.6 अरब डॉलर हो गया, जो 106.93% की ग्रोथ दर्शाता है, जबकि उर्वरक आयात 202% बढ़कर 2.3 अरब डॉलर हो गया।

इस बीच, पेट्रोलियम उत्पादों का आयात 5.85% घटकर 14.03 अरब डॉलर रह गया। आंकड़ों से यह भी पता चला कि रूस से आयात में 16.69% की गिरावट आई, जबकि अमेरिका से आयात में 11.78% की वृद्धि हुई।

कपड़ा, जूट, कालीन और हस्तशिल्प के निर्यात में 5 से 13% की गिरावट आई। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्यात में 5% की वृद्धि हुई। चीन को लौह अयस्क के निर्यात में संभावित वृद्धि के बीच, इस वस्तु में 60% की वृद्धि देखी गई।

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वैश्विक मुश्किलों के बावजूद निर्यात बढ़ा

निर्यात संगठन के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि वैश्विक कठिनाईयों के बावजूद निर्यात बढ़ा है, जो भारतीय निर्यातकों की मेहनत दिखाता ह लेकिन आयात बढ़ने से इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी में अपने देश में प्रोडक्शन बढ़ाना होगा।

उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग के सर्वे में कहा गया कि 85% व्यवसायियों का माल जमा हो रहा है और अधिकतर को 25% छूट देनी पड़ रही है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने 31 जुलाई को 25% टैरिफ लगाया और 6 अगस्त को रूस से तेल आयात के कारण 25% अतिरिक्त टैरिफ जोड़ा। यहां टैरिफ 27 अगस्त से लागू हुआ। भारत ने अमेरिका को 2024-25 में 87 अरब डॉलर का सामान भेजा, जिसमें 55% पर टैरिफ का असर होगा।