भारत-चीन के बीच रिकॉर्ड स्तर पर व्यापार जारी है। पिछले आठ महीनों में दोनों देशों के बीच 84.49 बिलियन डॉलर, भारतीय मुद्रा में करीब 70 खरब रुपये (69,70,81,98,00,000) का व्यापार हुआ है। जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स ऑफ चाइना ने गुरुवार को डेटा जारी कर बताया कि भारत-चीन के बीच जनवरी से अगस्त में व्यापार 5.2 प्रतिशत बढ़ा है।
चीन के साथ कितना आयात और निर्यात?
पिछले कुछ वर्षों में चीन और भारत के बीच सीमा पर गतिरोध बढ़ा है। गलवान और डोकलाम में सेनाएं आमने सामने हुई हैं। जवानों की मौत भी हुई है। लेकिन सीमा पर जारी तनाव का व्यापार पर असर नहीं पड़ा है। इस वर्ष आठ महीनों में भारत ने चीन से 533 बिलियन युआन (भारतीय मुद्रा में 61,12,23,61,30,000 रुपये) का आयात किया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 5.2 प्रतिशत अधिक है।
वहीं भारत ने चीन को 86.69 बिलियन युआन (भारतीय मुद्रा में 9,80,38,26,32,459.50 रुपये) का निर्यात किया है। यह पिछले साल से 5.7 प्रतिशत अधिक है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत चीन से आयात तो भारी मात्रा में कर रहा है। लेकिन निर्यात की मात्रा बहुत कम है।
सिर्फ अगस्त में 9 खरब से ज्यादा का व्यापार
दोनों देशों के बीच सिर्फ अगस्त माह में 82.74 बिलियन युआन (भारतीय मुद्रा में 9,35,82,47,29,152.60) का व्यापार हुआ है। पिछले साल यानी साल 2022 में चीन-भारत में क्रॉस-बॉर्डर ट्रेड 135.98 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। 2021 में भी दोनों देशों के बीच 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार हुआ था।
वर्ष | चीन से आयात (बिलियन डॉलर में) | चीन को निर्यात (बिलियन डॉलर में) | चीन के साथ व्यापार में घाटा (बिलियन डॉलर में) | भारत का कुल व्यापार घाटा (बिलियन डॉलर में) |
2014-15 | 60.41 | 11.93 | -48.48 | -137.69 |
2015-16 | 61.71 | 9.01 | -52.7 | -118.72 |
2016-17 | 61.28 | 10.17 | -51.11 | -108.5 |
2017-18 | 76.38 | 13.33 | -63.05 | -162.05 |
2018-19 | 70.32 | 16.75 | -53.57 | -184 |
2019-20 | 65.26 | 16.61 | -48.65 | -161.35 |
2020-21 | 65.21 | 21.19 | -44.03 | -102.63 |
2021-22 | 94.57 | 21.26 | -73.31 | -191.05 |
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित हरिकिशन शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, 2013-14 से 2017-18 तक चीन भारत का नंबर वन ट्रेडिंग पार्टनर था। 2018-19 और 2019-20 में चीन की जगह अमेरिका ने ले ली। हालांकि 2020-21 और 2022-23 में चीन फिर से भारत नंबर वन व्यापारिक साझेदार बन गया और दोनों देशों के बीच 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार हुआ।
एक तथ्य यह भी है कि चीन हमेशा से भारत का सबसे अच्छा ट्रेड पार्टनर नहीं था। 1998-99 में चीन भारत के ट्रेड पार्टनर की सूची में 18वें नंबर पर आता था। 1999 में 16वें नंबर पर आया। 2000-2001 में 12वें नंबर पर रहा। 2001 से 2012 के बीच चीन भारत का 10वें नंबर का ट्रेड पार्टनर रहा है। लेकिन इसके बाद स्थिति बदली और चीन भारत के प्रमुख व्यापारिक सहयोगियों में शामिल हो गया।
भारत और चीन एक दूसरे से क्या खरीदते और बेचते हैं?
भारत, चीन से मुख्यत: इलेक्ट्रॉनिक के सामान, जैसे लैपटॉप, पॉमटॉप, साउंड सिस्टम, टीवी स्क्रीन, आदि खरीदता है। इसके अलावा प्लास्टिक के सामान और फर्टिलाइजर भी आयात करता है। जहां तक चीन को निर्यात करने का सवाल है तो भारत अपने इस पड़ोसी देश को लोहा, स्टील, एल्यूमीनियम, कॉटन, मिनरल ऑयल और ऑर्गेनिक केमिकल आदि बेचता है।