FIR Registered Against Sandeep Singh: भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और हरियाणा (Haryana) के खेल मंत्री (State Sports minister) संदीप सिंह (Sandeep Singh) पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज हुई है। 35 वर्षीय संदीप सिंह पर एक महिला कोच ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। FIR दर्ज होने के बाद संदीप सिंह ने अपना खेल विभाग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Chief Minister Manohar Lal Khattar) को सौंप दिया है।
संदीप सिंह की राजनीति में एंट्री साल 2019 में हुई थी। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly election) मे पिहोवा (Pehowa) से कांग्रेस के मनदीप सिंह को 5,000 से अधिक मतों से हराया था। इसके बाद भाजपा की खट्टर सरकार में उन्हें खेल मंत्री बनाया गया था।
संदीप सिंह को विधानसभा में शायद ही कभी किसी बहस में भाग लेते देखा गया हो, जब तक कि मामला उनके विभाग से संबंधित न हो।
संदीप सिंह का शुरुआती सफर
संदीप सिंह का जन्म साल 1987 में गुरुचरण सिंह सैनी और दलजीत कौर सैनी के घर घर हुआ था। बचपन में संदीप सिंह बड़े भाई बिक्रमजीत के साथ हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में शाहाबाद हॉकी अकादमी में कोच बलदेव सिंह के अंडर हॉकी खेलने जाते थे।
अपने भाई के साथ अभ्यास करते हुए साल 2004 में संदीप सिंह सुल्तान अजलन शाह कप में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बने। इसी साल सिंह ने एथेंस ओलंपिक में भी भाग लिया। तब वह ओलंपिक खेलने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे। एक साल बाद संदीप सिंह जूनियर विश्व कप में सर्वोच्च स्कोरर बन गए।
टूर्नामेंट से पहले रीढ़ में लगी गोली
साल 2006 की बात है। संदीप जर्मनी में आयोजित होने वाली सीनियर विश्व कप टूर्नामेंट की तैयारी कर रहे थे। टूर्नामेंट से कुछ दिन पहले वह टीम के एक साथ राजपाल सिंह के साथ कालका शताब्दी ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। उसी दौरान ट्रेन में ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के एक गार्ड ने संदीप सिंह की रीढ़ में गलती से गोली मार दी। यह 22 अगस्त, 2006 की बात है। इसके बाद सिंह काफी दिनों तक दिनों से चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में भर्ती रहे।
दो साल बाद हुई वापसी
रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद सिंह का वजन 40 प्रतिशत कम हो गया। ठीक होने के बाद उन्होंने कड़ी ट्रेनिंग की। दो साल बाद संदीप सिंह मैदान में वापसी की। साल 2008 के सुल्तान अजलन शाह कप में खेलते हुए उन्होंने कुल नौ गोल दागे। वह इस टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर थे। इसी वर्ष उन्हें भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया।
करियर का चरम
उनकी कप्तानी में भारत ने 2009 में सुल्तान अजलन शाह कप जीता। सिंह ने जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छह गोल किए और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए। भारतीय हॉकी टीम साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पायी थी। लेकिन सिंह के नेतृत्व में 2012 के लंदन ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम जगह बनाने में कामयाब हुई। उन्होंने क्वालीफाइंग कैंपेन में 16 गोल किए, जिसमें अंतिम क्वालीफायर में फ्रांस के खिलाफ पांच गोल शामिल थे। फ्रांस के खिलाफ सभी पांच गोल पेनल्टी कार्नर से हुए।
यह संदीप सिंह के खेल करियर का चरम था। इसी दौरान उन्हें “फ्लिकर सिंह” के नाम से पुकारा जाने लगा। यह उपनाम उन्हें उनकी ड्रैग-फ्लिक स्पीड की वजह से मिला। उनकी ड्रैग-फ्लिक स्पीड 145 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से होती थी। उनका ट्विटर अकाउंट भी “फ्लिकर सिंह” के नाम से ही है।
जिंदगी पर बन चुकी है फिल्म
अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने 13 जुलाई, 2018 को रिलीज़ हुई हिंदी फिल्म ‘सूरमा’ में संदीप सिंह की भूमिका निभाई थी। शाद अली द्वारा निर्देशित इस फिल्म में तापसी पन्नू और अंगद बेदी भी मुख्य भूमिकाओं में थे।
संदीप सिंह पर क्या लगे हैं आरोप
शिकायतकर्ता ने संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न, गलत तरीके से बंधक बनाने, पीछा करने और आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाया है। रविवार को रोहतक में विरोध प्रदर्शन किया गया, जहां कार्यकर्ताओं ने सरकार से सिंह को बर्खास्त करने की मांग की गई।