(Story by- Manraj Grewal Sharma)

हरियाणा की हिसार एक ऐसी लोकसभा सीट है जहां से एक ही परिवार की दो बहुएं चुनाव मैदान में हैं। जननायक जनता पार्टी (JJP) की मौजूदा विधायक नैना चौटाला अपनी भाभी और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) उम्मीदवार सुनैना चौटाला के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।

एक ही परिवार के दो सदस्यों के चुनाव मैदान में उतरने से हिसार सीट पर लड़ाई काफी दिलचस्प हो गयी है। 57 वर्षीय नैना और 47 वर्षीय सुनैना की शादी चौटाला परिवार में हुई है। नैना हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की बहू हैं और सुनैना ओम प्रकाश के बड़े भाई दिवंगत प्रताप सिंह चौटाला की बहू हैं।

जाट बहुल हिसार लोकसभा सीट पर पिछले 60 सालों में कोई महिला उम्मीदवार नहीं खड़ी हुई है। हिसार लोकसभा सीट पर चुनावी लड़ाई चौटालाओं के बीच ही है। भाजपा के उम्मीदवार भी एक चौटाला हैं, पूर्व राज्य मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, जो देवी लाल के दूसरे बेटे (प्रताप से छोटे, ओम प्रकाश से बड़े) हैं।

एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने को पारिवारिक लड़ाई नहीं मानती चौटाला बहुएं

हालांकि, चौटाला बहुएं इसे पारिवारिक लड़ाई नहीं मानती हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान सुनैना कहती हैं,

”यह पारिवारिक झगड़ा नहीं बल्कि विचारधाराओं की लड़ाई है। रणजीत जी और नैना जी दोनों भाजपा से जुड़े हैं, एक वर्तमान में और दूसरा पहले बीजेपी से जुड़े हुए थे (जेजेपी मार्च तक हरियाणा में भाजपा सरकार की गठबंधन सहयोगी थी)। मैं देवीलाल जी की विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती हूं।”

वहीं, इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान नैना कहती हैं

यह पहली बार नहीं है कि चौटाला परिवार के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। कहती हैं, ”देवीलाल जी का पेड़ बहुत बड़ा हो गया है, अब इसकी अन्य शाखाएं भी हैं।” उनके पति अजय चौटाला ने एक बार डबवाली से सुनैना के पति रवि चौटाला के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

राजनीति में प्रवेश करने वाली चौटाला परिवार की पहली महिला हैं नैना

नैना कहती हैं कि उनके प्रतिद्वंद्वी पहले भी कांग्रेस के साथ जा चुके हैं। रंजीत जी पहले कांग्रेस में थे। सुनैना का परिवार भी ‘कट्टर कांग्रेसी’ था। नैना चौटाला 2014 में डबवाली विधानसभा सीट जीतकर राजनीति में प्रवेश करने वाली चौटाला परिवार की पहली महिला बनीं थीं। नैना कहती हैं, ”मैं एक गृहिणी से राजनीति में केवल इसलिए शामिल हुई क्योंकि डबवाली के मौजूदा विधायक मेरे पति अजय चौटाला को दोषी ठहराया गया और 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई।”

सुनैना का राजनीति से जुड़ाव 1994 में शुरू हुआ था

वहीं, दूसरी ओर सुनैना का कहना है कि राजनीति से उनका जुड़ाव बहुत पहले 1994 में शुरू हो गया था, जब उन्हें हिसार के एफसी कॉलेज फॉर विमेन में छात्र परिषद का अध्यक्ष चुना गया था। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान वह याद करती हैं, ”मैं एक फुटबॉल खिलाड़ी और राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज थी।” रवि चौटाला से विवाह के बाद 2018 तक वह गृहिणी रहीं। जब ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इनेलो का विभाजन हुआ तब उनके बड़े बेटे अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत ने जेजेपी की स्थापना की। फिर छोटे बेटे अभय चौटाला ने इनेलो की कमान संभाली।

सुनैना कहती हैं कि अभय जी ने मुझे मई 2018 में इनेलो महिला विंग का महासचिव बनाया। एक ही परिवार में शादी के अलावा दोनों बहुओं का होम टाउन भी एक ही है। नैना कहती हैं कि हम दोनों ने एफसी कॉलेज फॉर वुमेन में पढ़ाई की है। अब दोनों ही हिसार में महिला मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश में जुटी हैं।

महिलाओं पर है नैना-सुनैना का फोकस

महिला उम्मीदवारों के मामले में भी हरियाणा का रिकॉर्ड बहुत खराब है। इन लोकसभा चुनावों में 207 पुरुष उम्मीदवारों के मुकाबले केवल 16 महिलाएं मैदान में हैं, जिनमें से पांच राजनीतिक परिवारों से हैं। हालांकि, नैना और सुनैना दोनों ही महिलाओं के विकास पर ज़ोर देने का दावा करती हैं। सुनैना का कहना है कि उनकी रैलियों में ग्रामीण महिलाओं की अच्छी खासी मौजूदगी है। हम उन्हें गाड़ियां भेजते हैं ताकि उन्हें हमारे कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिए मेहनत न करनी पड़े।

नैना, हरि चुनरी चौपाल शुरू करने पर गर्व करती हैं। वह कहती हैं, “यह महिलाओं द्वारा, महिलाओं के लिए एक कार्यक्रम है। इसमें मंच प्रबंधक से लेकर श्रोता तक हर कोई महिला है।” दोनों इस बात पर सहमत हैं कि जो मुद्दे महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं वह हैं, हिसार के गांवों में पानी की भारी कमी, बढ़ती बेरोजगारी, कृषि संकट और नशीली दवाओं और शराब का बढ़ता इस्तेमाल। नैना कहती हैं, “ये वे मुद्दे भी हैं जो पुरुषों को प्रभावित करते हैं लेकिन महिलाओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। मैंने यह भी पाया है कि बड़ी संख्या में लड़कियां कक्षा 5 या कक्षा 10 के बाद स्कूल छोड़ देती हैं, अगर उनका स्कूल या कॉलेज नजदीक नहीं है।”

विरोधियों से परेशान नहीं नैना-सुनैना

न तो नैना और न ही सुनैना विरोधियों से निराश हैं। सुनैना कहती हैं कि वह जहां भी जाती हैं, लोग उनसे कहते हैं कि वे वर्तमान भाजपा सरकार से तंग आ चुके हैं। यह सिर्फ कृषि आंदोलन नहीं है बल्कि मुद्रास्फीति और बेरोजगारी भी चिंता का विषय है। नैना जो किसानों के विरोध का सामना कर रही हैं, उनका आरोप है कि ये कांग्रेस द्वारा किराए पर लिए गए गुंडों की करतूत है। वह कहती हैं कि किस्मत एक जैसी नहीं रहती अगर चींटी भी प्रयास करती रहे तो वह भी पहाड़ पर चढ़ सकती है।

क्या कहती है हिसार की जनता?

एक तरफ जहां ज़मीनी स्तर पर चौटाला बहुओं के चुनाव मैदान में उतरने से हलचल पैदा हो गयी है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कुछ गृहिणियां इससे अनजान हैं। खरार गांव में स्नातक अंजलि इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहती हैं, “उनके पास ‘मोदी के चुनाव’ में ऐसी रैलियों में भाग लेने का समय नहीं है। हमें चार दिनों में एक बार नल का पानी मिलता है।” जहां तक ​​दोनों चौटाला बहुओं का सवाल है, अंजलि कहती हैं, “हमारा दो पंचायतों वाला एक बहुत बड़ा गांव है। मुझे यकीन है कि वो दोनों यहां गांव के चौराहे पर आई होंगी लेकिन मेरी गली में नहीं।”

हिसार लोकसभा क्षेत्र

यहां की एक तिहाई आबादी जाट है और पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक है। यहां पुरुष 9.52 लाख और महिलाएं 8.32 लाख हैं। हिसार लोकसभा सीट पर एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि भाजपा यहां 2019 से पहले कभी चुनाव नहीं जीती थी। 2019 में बृजेंद्र सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी। जाट बहुल हिसार लोकसभा क्षेत्र में 15.76 लाख मतदाता हैं, जिनमें 500,000 से अधिक जाट (33%), 70,000 से अधिक प्रजापति/कुम्हार (5%), 180,000 से अधिक ब्राह्मण (15%), 65,000 पंजाबी (4%), 36,000 (2.2%) से अधिक बिश्नोई शामिल हैं। शेष 400,000 (23%) विभिन्न अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के हैं।

हरियाणा लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम

पिछले आम चुनाव में यहां से बृजेंद्र सिंह ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी। उन्होंने जेजेपी के दुष्यंत चौटाला को हराया था। बृजेंद्र को 6.03 लाख और दुष्यंत को 2.89 लाख वोट मिले थे।

पार्टी प्रत्याशी वोट प्रतिशत
बीजेपी बृजेंद्र सिंह 51.13
जेजेपी दुष्यंत चौटाला 24.51
कांग्रेस भव्य बिश्नोई15.63

हरियाणा लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम

2014 के आम चुनाव में यहां से आईएनएलडी के दुष्यंत चौटाला ने जीत हासिल की थी। उन्होंने HJC(BL) के कुलदीप बिश्नोई को हराया था। दुष्यंत को 4.94 लाख और कुलदीप को 4.62 लाख वोट मिले थे।

पार्टीप्रत्याशीवोट प्रतिशत
आईएनएलडी दुष्यंत चौटाला42.75
एचजेसी (बीएल) कुलदीप बिश्नोई39.99
कांग्रेससंपत सिंह 8.86