लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी को अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों से बहुत उम्मीदें हैं। कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुनाव प्रचार अभियान संभाला हुआ है तो मनोहर लाल खट्टर बीजेपी के उम्मीदवारों के लिए पसीना बहा रहे हैं।

हालांकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही उनके राष्ट्रीय नेता भी चुनाव प्रचार में उतरेंगे लेकिन हरियाणा के मद्देनजर बात करें तो यही दोनों चेहरे हैं जिन पर उनके राजनीतिक दलों का सबसे ज्यादा भरोसा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल खट्टर दोनों ही लंबे वक्त तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं। हुड्डा ने साल 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी तो मनोहर लाल खट्टर अक्टूबर, 2014 से मार्च 2024 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे।

BJP Haryana Congress: हाईकमान के करीबी हैं दोनों नेता

मनोहर लाल खट्टर जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने दोस्त और करीबी हैं। इसी तरह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं और गांधी परिवार का भरोसेमंद माना जाता है। कांग्रेस ने हरियाणा में टिकट बंटवारे में जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद को अहमियत दी है तो बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर की पसंद का ख्याल रखा है।

उदाहरण के लिए कांग्रेस ने भाजपा छोड़कर आए चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और हिसार लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बृजेंद्र सिंह को टिकट नहीं दिया। क्योंकि चौधरी बीरेंद्र सिंह जब कांग्रेस में थे तो उन्हें हुड्डा का विरोधी माना जाता था। इसके अलावा हुड्डा विरोधी खेमे की माने जाने वाली किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को भी पार्टी ने भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से उम्मीदवार नहीं बनाया।

Kuldeep Bishnoi
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कुलदीप बिश्नोई। (Source- bishnoikuldeep/FB)

गुड़गांव सीट पर अंत समय तक कैप्टन अजय यादव की उम्मीदवारी को नकारते हुए पार्टी ने यहां से हुड्डा की पसंद पर फिल्म अभिनेता रहे राज बब्बर को ही टिकट दिया है और राज्यसभा सांसद होने के बाद भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को रोहतक सीट से उम्मीदवार बनाया। दीपेंद्र यहां से पिछला चुनाव नजदीकी मुकाबले में हार गए थे।

इसी तरह बीजेपी ने भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के चयन में खट्टर की राय को तरजीह दी। मुख्यमंत्री सैनी खट्टर को अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं। खट्टर डॉ. अशोक तंवर को भी मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल की जगह टिकट दिलाने में कामयाब रहे।

Farmers Protest: किसानों की नाराजगी बड़ी चुनौती

मनोहर लाल खट्टर के सामने हरियाणा में किसानों की नाराजगी के बीच भाजपा के पुराने प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने कांग्रेस नेतृत्व के भरोसे पर खरा उतरने की अग्निपरीक्षा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा 75 साल के हो चुके हैं वहीं मनोहर लाल खट्टर की उम्र 70 साल है। ऐसे में यह दोनों बूढ़े शेर अपनी-अपनी पार्टियों की चुनावी जीत तय करने के लिए किसी युवा नेता की तरह ही ताकत लगा रहे हैं।

Haryana lok sabha 2024
भाजपा नेता ने कांग्रेस प्रत्याशी को बताया गीदड़ (PC- IE)

Haryana Jat Politics: जाट बनाम गैर जाट का समीकरण

हरियाणा की राजनीति का आधार जाट बनाम गैर जाट का समीकरण है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रूप में जहां कांग्रेस के पास एक मजबूत जाट चेहरा है, वहीं बीजेपी हरियाणा में गैर जाट कार्ड के भरोसे है। 2014 में जब से हरियाणा में भाजपा सत्ता में आई है तो उसने गैर जाट नेताओं क्रमशः मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया है।

Prime Minister Narendra Modi and Haryana Chief Minister Nayab Singh Saini
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। (Source- Facebook/Nayab Saini)

Bhupinder Singh Hooda: 5 बार सांसद, 4 बार विधायक रहे हुड्डा

हुड्डा वर्तमान में हरियाणा में विपक्ष के नेता हैं और साल 2005 से 2014 तक लगातार मुख्यमंत्री रहे हैं। वह पांच बार रोहतक लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं और चार बार विधायक का चुनाव भी जीत चुके हैं।

हुड्डा ने कुछ दिन पहले कांग्रेस हाईकमान के साथ ही भाजपा नेतृत्व को भी अपनी ताकत का एहसास कराया था। हुड्डा ने हरियाणा की भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में कर लिया था। उन्होंने दावा किया है कि हरियाणा की भाजपा सरकार अल्पमत में है। वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर भाजपा पर लगातार हमलावर हैं।

Manohar Lal Khattar: जेजेपी के विधायकों में लगाई सेंध

हुड्डा के जवाब में खट्टर ने भी अपने सियासी अनुभव और राजनीतिक दाव-पेंच का इस्तेमाल करते हुए जेजेपी के विधायकों से संपर्क किया और उनके तीन विधायकों को वह अपने साथ लाने में कामयाब रहे। खट्टर ने कहा है कि कांग्रेस के भी कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं। इस तरह सैनी सरकार के सामने आई इस मुश्किल की घड़ी में खट्टर पार्टी और सरकार के लिए संकट मोचक साबित हुए हैं। खट्टर लंबे वक्त तक हरियाणा में संगठन का काम करते रहे हैं।

Bhupinder Singh Hooda
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा। (Source- bhupinder.s.hooda/FB)

हुड्डा जहां कांग्रेस के लिए सभी लोकसभा सीटों पर प्रचार कर रहे हैं तो मनोहर लाल खट्टर करनाल से ज्यादा अन्य लोकसभा सीटों पर ताकत झोंक रहे हैं। करनाल का चुनाव प्रचार उनके करीबियों और पार्टी संगठन ने संभाला है। हुड्डा और खट्टर हाई कमान के भरोसे पर खरा उतरने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं और धुआंधार प्रचार कर रहे हैं।