हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने में कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन अभी भी चुनाव नतीजों को लेकर यहां तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है। बीजेपी, कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी अकेले चुनाव लड़ रहे हैं और राज्य में चतुष्कोणीय मुकाबला दिखाई देता है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि हरियाणा में एक बार फिर से एकतरफा चुनाव नतीजे सामने आएंगे या राजनीतिक दलों में सीटों का बंटवारा होगा। 2019 में बीजेपी ने सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। हरियाणा में सभी सीटों पर मतदान छठे चरण में 25 मई को होगा।
हरियाणा की 10 लोकसभा और 90 विधानसभा सीटें 22 राज्यों में फैली हुई हैं। हर लोकसभा सीट में कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा चार जिले आते हैं।
Bhiwani-Mahendragarh Lok Sabha: श्रुति चौधरी बनीं पहली सांसद
भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट 2009 में अस्तित्व में आई थी। पहले यह भिवानी सीट हुआ करती थी। यह सीट तीन जिलों को कवर करती है। इसमें भिवानी जिले के लोहारू, भिवानी और तोशाम; चरखी दादरी जिले के बाढड़ा और दादरी (2016 में बना नया जिला) और महेंद्रगढ़ जिले की अटेली, महेंद्रगढ़, नारनौल और नांगल चौधरी विधानसभा सीटें आती हैं।

हरियाणा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष श्रुति चौधरी 2009 में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से पहली सांसद बनी थीं। तब उन्होंने इनेलो के नेता अजय चौटाला को हराया था लेकिन 2014 में वह तीसरे जबकि 2019 में दूसरे नंबर पर रही थीं। 2014 और 2019 में बीजेपी के धर्मबीर सिंह ने यहां से चुनाव जीता था। धर्मबीर सिंह इस बार फिर बीजेपी के टिकट पर भिवानी-महेंद्रगढ़ से चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने उनके सामने राव दान सिंह को उतारा है। राव दान सिंह महेंद्रगढ़ सीट से विधायक भी हैं।
Jind and Rewari: जींद और रेवाड़ी
जींद हरियाणा का सबसे पुराना जिला है और यह तीन लोकसभा सीटों का हिस्सा है। जींद जिले का उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र हिसार लोकसभा सीट का हिस्सा है। यहां से पूर्व उपमुख्यमंत्री और जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला विधायक हैं जबकि नरवाना विधानसभा सीट सिरसा लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। जुलाना, सफीदों और जींद विधानसभा सीट सोनीपत लोकसभा का हिस्सा हैं।
इसी तरह रेवाड़ी जिला भी दो लोकसभा सीटों का हिस्सा है। इसमें बावल और रेवाड़ी की सीट गुड़गांव लोकसभा में आती हैं और कोसली विधानसभा सीट रोहतक में आती है। भिवानी जिला भी दो लोकसभा सीटों का हिस्सा है। लोहारू, भिवानी और तोशाम भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट का हिस्सा हैं जबकि बवानी खेड़ा विधानसभा सीट हिसार लोकसभा सीट में पड़ती है।
गुड़गांव और फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र पांच जिलों में फैले हुए हैं। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में रेवाड़ी, गुड़गांव और नूंह जिले आते हैं जबकि फरीदाबाद लोकसभा में पलवल और फरीदाबाद जिले आते हैं। रोहतक जिसे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। इस लोकसभा सीट में 3 जिले- रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी के हिस्से शामिल हैं। इसी तरह सिरसा लोकसभा सीट में भी जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिले आते हैं।

Faridabad Lok Sabha Seat: कृष्ण पाल गुर्जर फिर बीजेपी के टिकट पर
फरीदाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर कृष्ण पाल गुर्जर को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने यहां से वरिष्ठ नेता महेंद्र प्रताप को उम्मीदवार बनाया है। फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में पलवल जिले की हथीन, होडल और पलवल की विधानसभा सीट जबकि फरीदाबाद जिले में पृथला, फरीदाबाद एनआईटी, बड़खल, बल्लभगढ़, फरीदाबाद और तिगांव विधानसभा सीट आती है।
Gurgaon Lok Sabha Seat: राज बब्बर और राव इंद्रजीत सिंह में है टक्कर
गुड़गांव लोकसभा सीट से बीजेपी ने फिर से राव इंद्रजीत सिंह को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने पुराने अभिनेता राज बब्बर को चुनाव मैदान में उतारा है। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में तीन जिले- नूंह, रेवाड़ी और गुड़गांव के हिस्से आते हैं। बावल और रेवाड़ी की विधानसभा सीट रेवाड़ी जिले में है जबकि पटौदी, बादशाहपुर, गुड़गांव और सोहना गुड़गांव जिले में है। फिरोजपुर झिरका, नूंह और पुन्हाना नूंह जिले में आते हैं।
फरीदाबाद और गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में कुल 18 विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें से बीजेपी के पास 11 सीटें हैं जबकि कांग्रेस के पास पांच सीटें हैं, दो सीटों पर निर्दलीय विधायक हैं। हरियाणा की हर लोकसभा सीट पर 9 विधानसभा सीटें हैं।

बीजेपी के अंबाला, करनाल, हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट में पांच-पांच विधायक हैं जबकि फरीदाबाद में उसके 7 विधायक हैं। गुड़गांव और कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर बीजेपी के चार-चार विधायक हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के पास रोहतक लोकसभा सीट पर सात विधायक हैं जबकि सोनीपत में पांच, गुड़गांव और अंबाला लोकसभा सीट पर कांग्रेस के चार-चार विधायक हैं। हिसार लोकसभा सीट पर जेजेपी के भी चार विधायक हैं जबकि इनेलो के पास सिर्फ एक विधायक है और यह सीट सिरसा लोकसभा क्षेत्र में पड़ती है।
Hisar Lok Sabha Seat: चौटाला परिवार के तीन लोग हैं मैदान में
हिसार लोकसभा सीट पर चौतरफा मुकाबला दिखाई देता है। इसमें से तीन उम्मीदवार ऐसे हैं, जो चौटाला परिवार से आते हैं। बीजेपी के उम्मीदवार रणजीत सिंह, इनेलो की सुनैना चौटाला और जेजेपी की नैना चौटाला, एक ही परिवार से हैं। कांग्रेस ने यहां से जयप्रकाश को उम्मीदवार बनाया है।

Rohtak Lok Sabha Seat: पिछली बार हारे थे दीपेंद्र हुड्डा
रोहतक लोक सभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। इस बार भी यहां पर भाजपा के डॉक्टर अरविंद शर्मा और कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा चुनाव मैदान में हैं। रोहतक लोकसभा सीट में तीन जिले आते हैं। इसमें महम, गढ़ी सांपला किलोई, रोहतक और कलानौर रोहतक जिले में; बहादुरगढ़, बादली, झज्जर और बेरी झज्जर जिले में और कोसली रेवाड़ी जिले में शामिल हैं।
सोनीपत लोकसभा सीट दो जिलों को कवर करती है, जिनमें सोनीपत जिले में गन्नौर, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बरोदा और जींद जिले में जुलाना, सफीदों और जींद शामिल हैं।
Kurukshetra Lok Sabha Seat: कुरुक्षेत्र में त्रिकोणीय है मुकाबला
करनाल लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने कांग्रेस के उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा हैं। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। बीजेपी ने यहां से नवीन जिंदल को टिकट दिया है जबकि आम आदमी पार्टी से सुशील गुप्ता और इनेलो से अभय चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं।

अंबाला लोक सभा सीट पर बीजेपी की उम्मीदवार बंतो कटारिया और कांग्रेस के वरुण चौधरी के बीच सीधा मुकाबला है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि बीजेपी हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने जा रही है। जबकि विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि इस बार बदलाव की लहर है और यह कांग्रेस के पक्ष में है।
हुड्डा कहते हैं कि हरियाणा के लोगों ने अपना मन बना लिया है कि उन्हें भाजपा को सत्ता से बाहर करना है और राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।