केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान कर दिया है कि बीजेपी हरियाणा में अकेले ही विधानसभा का चुनाव लड़ेगी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी को जिस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद थी, वैसा नहीं हुआ।

2019 में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार पांच ही सीटें जीत पाई। हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं इसलिए चुनाव में बहुत कम वक्त बचा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूरे राज्य का दौरा कर तमाम बड़ी घोषणाएं करना शुरू कर दिया है।

बीजेपी और कांग्रेस को किन सीटों पर मिली जीत

सीटसांसद का नामराजनीतिक दल
अंबालावरुण चौधरीकांग्रेस
सिरसाकुमारी सैलजाकांग्रेस
कुरूक्षेत्रनवीन जिंदलबीजेपी
करनालमनोहर लाल खट्टरबीजेपी
सोनीपतसतपाल ब्रह्मचारीकांग्रेस
रोहतकदीपेंद्र सिंह हुडाकांग्रेस
हिसारजय प्रकाशकांग्रेस
भिवानी-महेंद्रगढ़धर्मबीर सिंहबीजेपी
गुड़गाँवराव इंद्रजीत सिंहबीजेपी
फरीदाबादकृष्ण पाल गुर्जरबीजेपी

बीजेपी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह विधानसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव में मिले झटके के बाद वह अपने पुराने सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा सकती है लेकिन पार्टी ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया है।

लोकसभा के चुनाव नतीजों का हरियाणा के विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा इसके लिए हमें 2014 और 2019 में हुए हरियाणा के विधानसभा और लोकसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करना होगा।

पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी, कांग्रेस का प्रदर्शन

राजनीतिक दलविधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीटलोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट
कांग्रेस 15131 05
बीजेपी 47740105

वोट शेयर में कांग्रेस ने बीजेपी को पिछाड़ा

राजनीतिक दललोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में)लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में)
कांग्रेस 28.51 43.67
बीजेपी 58.2146.11 

हरियाणा के 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे को देखें तो यह साफ समझ में आता है कि बीजेपी को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से कड़ी चुनौती मिलने वाली है।

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हरियाणा का विधानसभा चुनाव जीत पाएगी बीजेपी?(Source-FB)

ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस, शहरी इलाकों में बीजेपी आगे

लोकसभा चुनाव नतीजों का विश्लेषण करने से यह भी पता चलता है कि हरियाणा के ग्रामीण और जाट समुदाय की बहुलता वाले इलाकों में कांग्रेस को समर्थन मिला है जबकि शहरी इलाकों में बीजेपी आगे रही है। जाट बहुल लोकसभा सीटों- सोनीपत, रोहतक और हिसार में बीजेपी को हार मिली है। जबकि शहरी इलाके की सीटों जैसे- करनाल, फरीदाबाद, गुड़गांव, कुरुक्षेत्र में बीजेपी जीती है।

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 44 सीटों पर बीजेपी आगे रही है जबकि 46 सीटों पर इंडिया गठबंधन। कांग्रेस ने 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें से वह 42 विधानसभा सीटों और आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट की चार विधानसभा सीटों पर आगे रही। लेकिन अब आप और कांग्रेस अकेले-अकेले लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे।

इन आंकड़ों से साफ है कि कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त टक्कर दी है।  

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पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडा और सीएम नायब सैनी। (Source- FB)

कांग्रेस ने गैर जाट वोटों में लगाई सेंध

सीएसडीएस-लोकनीति के द्वारा कराए गए पोस्ट पोल सर्वे से पता चलता है कि कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गैर जाट वोटों में सेंध लगाई और बनिया, ब्राह्मण, राजपूत, पंजाबी और अन्य पिछड़ा वर्ग (यादव और गुर्जर) के वोट हासिल किए। जबकि भाजपा ने अपने अपर कास्ट के वोट बैंक को बरकरार रखा है हालांकि उसे ओबीसी वोट बैंक के मामले में बड़ा नुकसान हुआ है।

2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार यह 29% तक गिरा है। सर्वे के मुताबिक ऐसा लगता है कि इसका बड़ा हिस्सा कांग्रेस के पास चला गया है।

ओबीसी, जाट और दलित समुदाय की पसंद रही कांग्रेस

सीएसडीएस-लोकनीति के द्वारा कराए गए पोस्ट पोल सर्वे से यह भी पता चलता है कि हरियाणा में ओबीसी के आधे से ज्यादा मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट दिया है। हरियाणा में परंपरागत रूप से अनुसूचित जाति (एससी) के वोट बसपा और भाजपा के बीच बंटते रहे हैं लेकिन इस बार दलित समुदाय के लोगों में से हर तीन में से दो ने कांग्रेस को वोट दिया है। इसके अलावा जाट वोट भी कांग्रेस के साथ खड़ा रहा है क्योंकि हर तीन में से दो जाट ने पार्टी को वोट दिया है।

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गुटबाजी की वजह से किरण चौधऱी ने छोड़ी कांग्रेस? (Source-kiranchoudhry55)

बीजेपी जीती तो फिर गैर जाट ही होगा सीएम

बीजेपी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ही चेहरा बनाने का ऐलान कर यह साफ कर दिया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो फिर से एक गैर जाट नेता को ही हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगी। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी ने सरकार बनाई थी तो उसने गैर जाट समुदाय से आने वाले मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी थी।

हरियाणा में जाट समुदाय की आबादी 22 से 25% है। साफ है कि गैर जाट समुदाय 75% है। बीजेपी को उम्मीद थी कि गैर जाट समुदाय से उसे समर्थन मिलेगा। लेकिन सीएसडीएस-लोकनीति के द्वारा कराए गए पोस्ट पोल सर्वे से पता चलता है कि कांग्रेस गैर जाट वोटों में सेंधमारी करने में कामयाब रही है। ऐसे में बीजेपी के लिए आगे का रास्ता मुश्किल दिखाई देता है।

कांग्रेस के पास हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रूप में हैवीवेट जाट चेहरा है जबकि बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों ही पदों पर गैर जाट नेताओं को नियुक्त किया हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष का पद भी नायब सिंह सैनी ही संभाल रहे हैं। 

किसानों के विरोध से कैसे निपटेगी बीजेपी?

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बीजेपी के उम्मीदवारों को किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था। किसान आंदोलन के दौरान और महिला पहलवानों के यौन शोषण का मुद्दा जब हावी हुआ था तब भी बीजेपी को आलोचना का सामना करना पड़ा था। विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल किसानों के गुस्से से निपटने की ही है।

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हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी (Source- twitter)

ताबड़तोड़ घोषणाएं कर रहे सीएम सैनी

लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कल्याणकारी योजनाओं की घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि उनकी सरकार अगले दो महीने के भीतर 50000 नौकरियां देगी और बीपीएल परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लॉट मुफ्त दिए जाएंगे। पर्याप्त बुनियादी ढांचे के साथ अनधिकृत आवासीय कॉलोनियों को मंजूरी की भी घोषणा की गयी है।

सैनी ने हाल ही में हैप्पी कार्ड को लॉन्च किया था, इससे 1 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को 1,000 किमी तक मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिल गई है। इससे लगभग 90,000 लोगों को फायदा हो सकता है। सैनी ने गोहाना को प्रदेश का 23वां जिला बनाने का ऐलान किया था।

नायब सिंह सैनी के कंधों पर बीजेपी को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। देखना होगा कि वह इसमें कितने कामयाब होते हैं।