सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे (Harish Salve) इन दिनों लंदन शिफ्ट हो गए हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने भारत छोड़ने की वजह बताई। साल्वे कहते हैं कि मैंने साल 1978 में महज 19 साल की उम्र में सुप्रीम कोर्ट जाना शुरू किया था। साल 2014 तक 36 साल लगातार वहां प्रैक्टिस की। उम्र के इस पड़ाव पर आकर आप बोर हो जाते हैं…वही बिल्डिंग, वही काम और वही लोग। मुझे अंतरराष्ट्रीय मामलों पर काम करना पसंद है और जब आप इंटरनेशनल वर्क करने लगते हैं तो भारत केंद्र नहीं हो सकता है। इसीलिए मुझे लंदन शिफ्ट होना पड़ा। इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे भारत की कोर्ट्स पसंद नहीं हैं। लगातार भारत आता-जाता रहता हूं।

लोग आपको भक्त कहते हैं? टाइम्स नाउ पर इस सवाल के जवाब में साल्वे कहते हैं कि मैं पहली बार सुन रहा हूं। लेकिन अगर कोई बात मुझे पसंद आती है तो मैं आंख बंद कर उसका समर्थन करता हूं। यही मेरा माइंडसट हैष इसके लिए आप मुझे कुछ कहना चाहते हैं तो कह सकते हैं।

‘भक्त’ कहने पर क्या जवाब?

हरीश साल्वे (Advocate Harish Salve) कहते हैं कि जिस वक्त मेरे पिता कांग्रेस में हुआ करते थे उस दौर में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने मुझे सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (SG) बनाया था। मेरा न तो कभी किसी राजनीतिक पार्टी की तरफ झुकाव रहा है और न ही अभी भी कोई खास दिलचस्पी है। इसीलिए मुझे किसी व्यक्ति का समर्थन करने की जगह किसी फैसले का समर्थन करने में कोई परेशानी नहीं है।

साल्वे कहते हैं कि मैं सरकार के किसी फैसले की आलोचना कर सकता हूं, लेकिन लेकिन सरकार की आलोचना नहीं कर सकता। आपको यह तय करना होगा कि व्यक्ति केंद्रित न होकर मुद्दे की बात करें।

पिता नहीं चाहते थे बनें SG

एक और इंटरव्यू में हरीश साल्वे बताते हैं कि वाजपेयी सरकार ने जब उन्हें सॉलिसिटर जनरल बनने का ऑफर दिया तो उनके पिता एनकेपी साल्वे (NKP Salve) चाहते थे कि यह ऑफर स्वीकार न करें। साल्वे कहते हैं कि मेरे और मेरे पिता के बीच राजनीतिक मतभेद था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मुझे कांग्रेस कभी पसंद नहीं आई।

सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे कहते हैं कि बीजेपी ने यह जानने के बावजूद कि मैं एनकेपी साल्वे का बेटा हूं, मुझे सॉलिसिटर जनरल बनाया। यदि कांग्रेसी यही काम करती तो परिवारवाद का एक और उदाहरण होता। यही मुझे पसंद नहीं है।

कितनी फीस लेते हैं साल्वे?

हरीश साल्वे कहते हैं कि मेरी फीस सामान्यत: थोड़ी ज्यादा है, लेकिन रिजनेबल है। लंदन में मैं जितना चार्ज करता हूं, भारत के टॉप लॉयर्स उसका एक चौथाई लेते हैं। लेकिन कई ऐसे वकील भी हैं जिनकी फीस मुझसे कहीं ज्यादा है। साल्वे कहते हैं कि मैं हर हाल में शाम को 6-6:30 बजे तक अपना काम खत्म कर लेता हूं। जल्दी डिनर करने का प्रयास करता हूं और जल्दी सोने की कोशिश करता हूं।