खालिस्तान मूवमेंट के लिए काम करने वाले अलग-अलग आतंकी संगठनों से जुड़े 3 वाटेंड अलगाववादी डेढ़ महीने के अंदर मारे गए। दो की गोली मारकर हत्या कर दी गई, तो एक की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुई। खालिस्तान टाइगर फोर्स का मुखिया हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) तीसरा वांटेड था, जो डेढ़ महीने के अंदर मारा गया। निज्जर की 18 जून की रात कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
लाहौर में मारा गया था पंजवार
हरदीप सिंह निज्जर से पहले बीते 6 मई को पाकिस्तान में खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार (Paramjit Singh Panjwar) उर्फ मलिक सरदार सिंह की भी ठीक इसी तरह हत्या कर दी गई थी। पंजवार लाहौर में अपने घर से मॉर्निंग वॉक के लिए निकला था, इसी दौरान अज्ञात हथियारबंद लोगों ने उसे गोली मार दी थी।
63 साल के परमजीत सिंह पंजवार (Paramjit Singh Panjwar) उर्फ मलिक सरदार को भारत सरकार ने जुलाई 2020 में UAPA एक्ट के तहत आतंकी घोषित किया था। पंजाब के तरनतारन के पंजवार गांव में साल 1960 में जन्मा परमजीत सिंह खालिस्तान कमांडो फोर्स का सर्वेसर्वा था और लाहौर से ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया करता था।
लंदन के हॉस्पिटल में खांडा की मौत
इससे पहले, पिछले हफ्ते ही लंदन के बर्मिंघम में एक हॉस्पिटल में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) से जुड़े अवतार सिंह खांडा की मौत हो गई थी। खांडा की मौत किस वजह से हुई, यह साफ नहीं है। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि खांडा को ब्लड कैंसर था। खांडा, इसी साल मार्च में ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग पर प्रदर्शन और तोड़फोड़ का मुख्य आरोपी था। उसके तार ‘वारिस पंजाबी दे संगठन’ के नेता अमृतपाल सिंह से भी जुड़े थे। जांच एजेंसियों के मुताबिक, खांडा ही वो शख़्स था जो अमृतपाल की मदद कर रहा था।
3 साल पहले इसी तरह मारा गया था हैप्पी पीएचडी
जनवरी 2020 में हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी की भी लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच एजेंसियों के मुताबिक हैप्पी पीएचडी भारत में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स मॉड्यूल के लिए काम कर रहे लोगों को ट्रेनिंग दे रहा था और खाड़ी देशों में भी संगठन तैयार कर रहा था। हैप्पी, साल 2016 से 2017 के बीच पंजाब में हुई टारगेट किलिंग का भी आरोपी था। इस दौरान छह लोग मारे गए थे, जिनमें आरएसएस नेता ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा और लुधियाना के पादरी सुल्तान मसीह भी शामिल थे।
इससे पहले, पिछले साल 15 जून को कनाडा सरे में ही रिपुदमन रमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रिपुदमन और उसका साथी अजैब सिंह बागड़ी साल 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट बम रखने के आरोपी थे, लेकिन साल 2005 में बरी हो गए थे। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक 75 साल का मलिक बब्बर खालसा संगठन से जुड़ा था।
वांटेड लिस्ट में और कौन-कौन?
भारत सरकार की वांटेंड लिस्ट में वधावा सिंह बब्बर ऊर्फ चाचा, लखबीर सिंह उर्फ रोड़ी, रंजीत सिंह ऊर्फ नेता, भूपिंदर सिंह भिंडा, गुरमीत सिंह बग्गा. गुरपतवंत सिंह पन्नू परमजीत सिंह पम्मा, अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श दाला और हरविंदर सिंह संधू के नाम शामिल हैं। इन सब पर खालिस्तान के नाम पर देश के खिलाफ षडयंत्र रचने का आरोप है। NIA समेत जांच एजेंसियां छानबीन कर रही हैं ।