गुना लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर राजघराने से आते हैं इसलिए लोग उन्हें सम्मान से महाराज कहकर बुलाते हैं। लेकिन ज्योतिराज सिंधिया खुद को गुना का दर्जी यानी टेलर कहलाना पसंद करते हैं। वह कहते हैं कि उन्होंने गुना लोकसभा क्षेत्र में सड़कें, स्कूल और रेलवे लाइन बनवाई।
ग्वालियर-चंबल संभाग में पड़ने वाले गुना लोकसभा क्षेत्र में पिछले 37 साल से सिंधिया परिवार की तीन पीढ़ियों के लोग ही चुनावी जीत हासिल करते रहे हैं।
Jyotiraditya Scindia Lost Guna: 2019 में केपी यादव ने हराया था
ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 से 2019 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व करते रहे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के उम्मीदवार केपी यादव ने हरा दिया था। केपी यादव एक वक्त में ज्योतिरादित्य सिंधिया के ही करीबी थे।
मार्च, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। सिंधिया बताते हैं कि वह पिछले चुनाव में मिली हार से आगे बढ़ चुके हैं।

सिंधिया कहते हैं कि ग्वालियर-चंबल संभाग के लोग उनके परिवार की तरह हैं हालांकि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां की जनता का आशीर्वाद नहीं मिला और यह देखना जरूरी है कि कहां कमी रह गई थी। वह कहते हैं कि मैं फिर आशीर्वाद लेने के लिए जनता के पास जाऊंगा। गुना सीट पर 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होना है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे व परिवार के अन्य लोग भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
Double Engine Government: डबल नहीं ट्रिपल इंजन सरकार की बात
एक ओर जहां पूरे देश में बीजेपी के नेता अपने चुनाव प्रचार के दौरान डबल इंजन की सरकार बनाने की बात करते हैं, वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया डबल इंजन के अलावा एक और इंजन की बात लोगों से कहते हैं। महू आलमपुर गांव में एक जनसभा के दौरान वह जनता से कहते हैं कि केंद्र में एक बार फिर से डबल इंजन की सरकार बनेगी लेकिन मैं आपसे गुना में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की बात कहने आया हूं।
सिंधिया कहते हैं, “केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं, राज्य में मुख्यमंत्री मोहन यादव जी हैं और गुना और अशोकनगर में आपके परिवार का मुखिया है।”
Guna BJP Congress: गुना में बीजेपी, कांग्रेस का प्रदर्शन
साल | बीजेपी को मिले वोट (प्रतिशत में) | कांग्रेस को मिले वोट (प्रतिशत में) | अन्य को मिले वोट (प्रतिशत में) |
2014 | 52.94 | 40.57 | 6.49 |
2019 | 52.11 | 41.45 | 6.44 |
2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया को हराने वाले केपी यादव भी चुनाव प्रचार के दौरान कोशिश कर रहे हैं कि यादव मतदाता बीजेपी से दूर न जाएं। वह चुनाव प्रचार में जुटे हैं। कांग्रेस ने यहां से यादव समुदाय से आने वाले राव यादवेंद्र सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत का श्रेय यादव मतदाताओं की एकजुटता को दिया गया था।
महू आलमपुर गांव में मिले देवेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि कुशवाहा मतदाता महाराज के साथ जाएंगे क्योंकि उन्होंने हमेशा हमें सुरक्षा दी है। वह कहते हैं कि इस बार सभी लोग एकजुट हैं और महाराज ही जीतेंगे।

Guna Lok Sabha Election: स्थानीय मुद्दों पर लड़ रहे चुनाव
ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी तरह स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं। वह चुनाव प्रचार के दौरान बताते हैं कि साल 2002 तक यहां बिजली की आपूर्ति और सड़कों के लिए किस तरह संघर्ष करना पड़ता था। वह लोगों से कहते हैं कि उनके परिवार का जनता के साथ पुराना रिश्ता है और यह वही खून है जो सेवा करता है और आपकी सुरक्षा भी करता है।
सिंधिया अपने चुनाव प्रचार के दौरान हाल ही में हुई ओलावृष्टि पर भी बात करते हैं। ओलावृष्टि की वजह से फसलों को हुए नुकसान को लेकर वह बताते हैं कि उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव से बात की और 48 घंटे के भीतर ही वह 28 गांवों के दौरे पर गए और लोगों को खुद मुआवजा बांटा।
नवंबर, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही सिंधिया ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू कर दिया था और खुद को महाराजा वाली छवि से दूर रखते हुए वह एक भाजपा कार्यकर्ता की तरह ही लोगों के बीच गए थे।

सिंधिया बोले- एक जिले में बनवाए तीन केंद्रीय विद्यालय
चुनाव प्रचार के दौरान जनसभा में सिंधिया बताते हैं कि उन्होंने यहां पर ऐसी सड़कें बनाई हैं जैसी दिल्ली में भी नहीं हैं। देवास में एक छह लेन का हाईवे बनाया है, गुना, चंदेरी और मुंगावली में तीन केंद्रीय विद्यालय बनवाए हैं। वह लोगों से कहते हैं कि देश के किसी भी और जिले में तीन केंद्रीय विद्यालय नहीं हैं।
अनुसूचित जाति के मतदाताओं के साथ एक जनसभा के दौरान सिंधिया उनसे कहते हैं कि कांग्रेस को सिंध नदी में फेंक दीजिए। वह याद दिलाते हैं कि कांग्रेस ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया था। सिंधिया लोगों से कहते हैं, “क्यों चिपक रहे हो कांग्रेस और बीएसपी के साथ।” इस दौरान वह विपक्षी गठबंधन इंडिया को ठगबंधन कह कर भी बुलाते हैं।

Ladli Behna Yojana: लाडली बहना योजना का फायदा मिल पाता?
चुनावी सभा के दौरान एक महिला उनसे मांग करती है कि एक तालाब बना दो। सिंधिया अपने हाथ उठाते हैं और कहते हैं आप लोगों ने उन्हें हथकड़ी लगा दी थी। वह महिला कहती है कि उसे केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना का फायदा नहीं मिला है तो सिंधिया उससे पूछते हैं कि क्या उन्हें राज्य सरकार की लाडली बहना योजना का फायदा मिला है? जवाब में महिला हां में सिर हिलाती है।
सिंधिया कहते हैं अगर उन्होंने कांग्रेस की सरकार नहीं गिराई होती तो क्या आपको लाडली बहना योजना का फायदा मिल पाता? बता दें कि लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को हर महीने राज्य सरकार की ओर से 1250 रुपए भत्ते के रूप में दिए जाते हैं।