लाइटहाउस जर्नलिज्म को लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की एक सेल्फी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से शेयर होती हुई मिली। सेल्फी के साथ यह दावा किया जा रहा था कि फैसला सुनाने से पहले जज खुद को कांग्रेस नेता के साथ सेल्फी लेने से रोक नहीं पाए।
जांच के दौरान हमने पाया कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति जज नहीं बल्कि एक वकील था।
क्या है दावा?
X यूजर CA वर्तिका यादव ने भ्रामक दावे के साथ यह तस्वीर शेयर की।
अन्य यूजर्स भी इसी तरह के दावे के साथ तस्वीर को शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
जांच के दौरान, हमें कई पोस्ट पर कुछ टिप्पणियां मिलीं, जिन्होंने स्पष्ट किया कि सेल्फी लेने वाला व्यक्ति एक वकील है न कि जज।
एक X यूजर प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति जज नहीं बल्कि लखनऊ के एक वकील सैयद महमूद हसन हैं।
एक अन्य X यूजर ने भी स्पष्ट किया कि वे लखनऊ बार एसोसिएशन में एडवोकेट सैयद महमूद हसन थे। इसके माध्यम से, हमें वकील की प्रोफाइल भी मिली।
एक न्यूज आउटलेट से बात करते हुए वकील महमूद हसन ने खुद इस मामले को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया, “मैं राहुल गांधी से मिलने गया था लेकिन मैं जज नहीं हूं। मैं सिर्फ एक वकील हूं।”
https://www.uptak.in/neighbouring-news/lucknow/story/did-the-judge-take-a-selfie-with-rahul-gandhi-who-came-to-appear-in-lucknow-court-know-the-full-introduction-of-the-person-in-this-picture-3186764-2025-07-15
निष्कर्ष: वायरल तस्वीर में दावा किया गया था कि फैसले से पहले एक जज राहुल गांधी के साथ सेल्फी ले रहे हैं, जबकि वास्तव में इसमें एक वकील ने कांग्रेस नेता के साथ सेल्फी ली थी। वायरल दावा भ्रामक है।