प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि पीएम मोदी पहले ईवीएम के इस्तेमाल का विरोध कर चुके हैं। हालांकि हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो क्लिप्ड है, जिसे फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या वायरल हो रहा है?

ट्विटर हैंडल MP Youth Congress ने वायरल क्लिप अपने प्रोफाइल पर शेयर किया है।

अन्य यूजर्स भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।

कैसे हुई पड़ताल?

हमने अपनी जांच, वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट लेकर शुरू की। रिवर्स इमेज सर्च में स्क्रीनशॉट को अपलोड करने पर हमें यूट्यूब पर एक शॉर्ट वीडियो मिला। इस वीडियो से हमें यह पता चला कि जिस पोडियम से प्रधानमंत्री मोदी जनसभा को सम्बोधित कर रहे हैं, उस पर ‘परिवर्तन रैली’ लिखा है।

फिर हमने ‘परिवर्तन रैली’ को कीवर्ड की तरह इस्तेमाल कर, गूगल सर्च किया। इससे हमें नरेंद्र मोदी यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला।

इस वीडियो का टाइटल है: PM Modi at Parivartan Rally in New Moradabad, Uttar Pradesh

वीडियो सात साल पहले अपलोड किया गया था। मतपत्र के संबंध में उनके सटीक विचार वीडियो में लगभग 55 मिनट 18 सेकंड पर सुने जा सकते हैं।

55 मिनट 18 सेकंड पर पीएम मोदी के शब्द हैं- कुछ लोग कहते है हमारा देश गरीब है, लोग अनपढ़ है, लोगों को कुछ आता नहीं। दुनिया के पढ़े लिखे देश में भी जब चुनाव होता है, तो बैलट पेपर पर नाम पढ़ कर ठप्पा लगाना होता है। ये अमेरिका में भी होता है। दूसरी तरफ हिंदुस्तान है, जिसे आप गरीब कहते हो, अनपढ़ कहते हो वो बटन दबा कर वोट देना जानता है।

निष्कर्ष: वायरल पोस्ट जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अतीत में चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ बात की थी, वह सात साल पहले उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुई उनकी परिवर्तन रैली का क्लिप किया गया वीडियो है। वायरल दावा फर्जी और भ्रामक है।