लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर की जा रही एक अख़बार की क्लिपिंग मिली। हिंदी भाषा की इस अख़बार की क्लिपिंग का शीर्षक था, ‘मुस्लिमों की भीड़ ने आंबेडकर की मूर्ति तोड़ी, दलितों को पिटा’। तस्वीर में दिख रही यह खबर ‘अमर उजाला ब्यूरो’ ने दर्ज की है।
जांच के दौरान हमने पाया कि यह खबर हाल की नहीं है। 2019 की यह अख़बार की क्लिप फिर से वायरल हो रही है और इसे हाल ही का बताकर शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।
क्या है दावा?
X यूजर Sunil Shukla ने अख़बार की कटिंग अपने प्रोफ़ाइल पर साझा की.
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखें।
अन्य उपयोगकर्ता भी इस अखबार की क्लिप को साझा कर रहे हैं।


जांच पड़ताल:
हमने हिंदी हेडलाइन को कॉपी करके एक्स पर सर्च करके जांच शुरू की।
हमने पाया कि एक एक्स उपयोगकर्ता ने 16 मई, 2019 को यह समाचार रिपोर्ट पोस्ट की थी।
इसके बाद हमने इस टेक्स्ट को गूगल सर्च के ज़रिए खोजा और हमें एक लिंक मिला जिसमें यह न्यूज़ रिपोर्ट थी।

इसी के जरिए हमें amarujala.com की वेबसाइट पर यह खबर मिली।
रिपोर्ट 21 अप्रैल 2019 को प्रकाशित हुई थी और यह घटना गौरी बाजार के करजहा गांव के महुवा क्षेत्र में हुई थी।

निष्कर्ष: 2019 में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ने की अख़बार की क्लिपिंग हाल ही की बताकर वायरल की जा रही है। वायरल दावा भ्रामक है।