दुनिया भर में इस समय टेक्नॉलाजी खास तौर पर सेमीकंडक्टर्स को लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है। इसी बीच नीदरलैंड की सरकार ने चीन के स्वामित्व वाली कंप्यूटर चिप निर्माता कंपनी नेक्सपेरिया (Nexperia) का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है, जिससे चीन के साथ तनाव बढ़ गया है।

सरकार ने रविवार देर रात कहा कि उसने कार और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चिप्स बनाने वाली कंपनी नेक्सपेरिया में हस्तक्षेप किया है। यह कदम एक असाधारण कदम है, ताकि बढ़ते ग्लोबल व्यापार तनाव के बीच यूरोप में इसकी चिप्स की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

नीदरलैंड सरकार ने पहली बार ‘वस्तुओं की उपलब्धता अधिनियम’ नाम के एक कानून का इस्तेमाल किया। इस फैसले के बाद सोमवार को शंघाई में नेक्सपेरिया की मूल कंपनी विंगटेक के शेयर 10% गिर गए।

क्या है ‘वस्तुओं की उपलब्धता अधिनियम’?

वस्तु उपलब्धता अधिनियम, सरकार को आपातकालीन स्थितियों की तैयारी में महत्वपूर्ण वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निजी कंपनियों में हस्तक्षेप करने की अनुमति देता है।

‘गोल्ड, सिल्वर, बिटकॉइन रिटायरमेंट में’… Rich Dad Poor Dad के लेखक हुए ट्रंप की इस पॉलिसी के क्यों हुए मुरीद…

स्वामित्व नहीं लेगी लेकिन फैसले पलटने का हक

न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, नीदरलैंड सरकार नेक्सपेरिया का स्वामित्व नहीं लेगी, लेकिन अब उसके पास मैनेजमेंट के उन फैसलों को पलटने या ब्लॉक करने की शक्ति होगी जिन्हें वह नुकसानदेह मानती है।

विंगटेक ने जताई नराजगी

विंगटेक ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। कंपनी ने नीदरलैंड सरकार के कदम को ‘भू-राजनीतिक पक्षपात से प्रेरित अत्यधिक हस्तक्षेप’ बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक व्यापक ट्रेड वार के तहत चीनी टेक कंपनियों पर दबाव बढ़ा रहे हैं, जिसके तहत उन्होंने पिछले हफ्ते चीन के निर्यात पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।

अमेरिका और नीदरलैंड आम तौर पर कंप्यूटर चिप इंडस्ट्री के निर्यात नियंत्रण पर मिलकर काम करते हैं। हालांकि, डच आर्थिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नेक्सपेरिया के संबंध में उनके फैसले में अमेरिका की कोई भागीदारी नहीं थी और यह समय ‘पूरी तरह से संयोग’ था।

पिछले महीने अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानी जाने वाली कंपनियों की लिस्ट में कुछ नई कंपनियों को जोड़ा था, जिनमें उनकी सहायक कंपनियां (subsidiaries) भी शामिल थीं।

Wingtech को पहले ही दिसंबर 2024 में अमेरिका की “entity list” में डाला गया था, क्योंकि उस पर आरोप है कि उसने चीन सरकार की मदद की थी ऐसी कंपनियां खरीदने में जिनके पास संवेदनशील सेमीकंडक्टर तकनीक है।

नेक्सपेरिया ने उस वक्त कहा था कि वह अमेरिकी नियमों का पालन करेगी, हालांकि उसने कहा था कि उसके संचालन को उसकी चीनी मूल कंपनी से दूर रखा जाएगा।

बिहार में हर महीने बुजुर्गों को मिलते हैं 1100 रुपये, जानें कैसे कर सकते हैं इस योजना में आवेदन, आसान तरीका

विंगटेक ने नेक्सपेरिया (जो कभी डच इलेक्ट्रॉनिक्स समूह फिलिप्स का हिस्सा था) में डच सरकार के हस्तक्षेप को “भू-राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित अत्यधिक हस्तक्षेप” बताया।

विंगटेक ने यह भी आरोप लगाया कि गैर-चीनी नेक्सपेरिया अधिकारियों ने कंपनी पर ‘सत्ता हथियाने’ के लिए कानूनी कार्यवाही के जरिए कंपनी की इक्विटी संरचना को जबरन बदलने की कोशिश की थी।

कार्यकारी निदेशक को पद से हटाया

न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, 7 अक्टूबर को जारी एम्स्टर्डम वाणिज्यिक अदालत के फैसले की एक प्रति से पता चलता है कि अदालत ने 1 अक्टूबर को विंगटेक के सीईओ झांग ज़ुएझेंग को नेक्सपेरिया के कार्यकारी निदेशक पद से निलंबित करने का फैसला किया था।

अदालत ने झांग का पद संभालने के लिए डच कारोबारी गुइडो डिएरिक को नियुक्त किया और मैनेजटमेंट के लिए नेक्सपेरिया के लगभग सभी शेयरों का नियंत्रण एक डच वकील को हस्तांतरित कर दिया।

विंगटेक ने रविवार को एक बयान में कहा कि वह वकीलों से परामर्श कर रही है और “कंपनी के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा” के लिए सरकारी सहायता मांग रही है। नेक्सपेरिया ने कहा कि उसने सभी संबंधित कानूनों और नियमों का पालन किया है।

न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, अदालत ने विंगटेक के चेयरमैन को नेक्सपीरिया बोर्ड से निलंबित करने का आदेश दिया।

नेक्सपीरिया के बारे में

नेक्सपीरिया डायोड और ट्रांजिस्टर जैसे साधारण कंप्यूटर चिप्स बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, हालांकि यह ‘वाइड गैप’ सेमीकंडक्टर जैसी उन्नत तकनीकें भी विकसित करती है जिनका उपयोग विद्युत सेटिंग्स में किया जाता है और जो इलेक्ट्रिक कारों, चार्जर्स और एआई डेटा सेंटरों के लिए उपयोगी हैं।

विंगटेक ने सोमवार को शंघाई स्टॉक एक्सचेंज को दी गई एक फाइलिंग में कहा कि डच आदेश और अदालती फैसलों के कारण नेक्सपीरिया पर उसका नियंत्रण अस्थायी रूप से प्रतिबंधित रहेगा, जिससे निर्णय लेने और परिचालन दक्षता प्रभावित होगी।

विंगटेक का अन्य पश्चिमी सरकारी के साथ ही हो चुका है टकराव

अमेरिका के अलावा, विंगटेक का अपने संचालन को लेकर पहले भी अन्य पश्चिमी सरकारों के साथ टकराव हो चुका है, जब ब्रिटेन ने इसे न्यूपोर्ट स्थित एक सुविधा का स्वामित्व बेचने का आदेश दिया था। नीदरलैंड ने 2023 में नेक्सपेरिया द्वारा स्टार्टअप नोवी की खरीद की जांच की।

क्या हो सकता है इसका आउटकम?

CNBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, नीदरलैंड का यह कदम गुरुवार को बीजिंग द्वारा रेयर अर्थ एलिमेंट्स और चुम्बकों के निर्यात पर प्रतिबंध कड़े करने के बाद आया है, जिससे यूरोप के मोटर वाहन उद्योग पर प्रभाव पड़ सकता है।

इस कदम से चीन और नीदरलैंड के बीच व्यापार संबंधों में और भी तनाव आ सकता है, क्योंकि डच कंपनी एएसएमएल द्वारा चीन को उन्नत सेमीकंडक्टर विनिर्माण उपकरणों के निर्यात पर वर्षों से प्रतिबंध लगा हुआ है।