दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा (Delhi Police Commissioner Sanjay Arora) के बेटे की शादी हाल में ही संपन्न हुई है। समारोह में वरिष्ठ नौकरशाहों से लेकर मीडिया घरानों के बड़े नाम तक पहुंचे थे। इन मेहमानों के आवभगत के काम में दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारों को लगा दिया गया था। अखबार The Indian Express के दैनिक कॉलम Delhi Confidential में इसका जिक्र हुआ है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में नियुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर दिल्ली पुलिस के तमाम अधिकारियों को संजय अरोड़ा के बेटे की शादी का अलग-अलग काम सौंपा गया था। इस शादी से जुड़े काम में एडिशनल डीसीपी से लेकर एडिशनल सीपी तक को लगाया गया था।
पुलिस अधिकारियों को मेहमानों को रिसीव करने की जिम्मेदारी दी गई थी। समारोह से एक दिन पहले दिल्ली पुलिस के कई अधिकारी अलग-अलग मेहमानों के ऑफिस से संपर्क साधने में लगे हुए थे।
सभी पहले से ही कोऑर्डिनेट कर मेहमानों की सुविधा सुनिश्चित करने में लगे हुए थे। शादी वाले दिन कार्यक्रम स्थल के प्रवेश द्वार पर पुलिस के कई अधिकारी मेहमानों के इंतजार में खड़े नजर आए, ताकि वह उन्हें रीसिव कर सकें। यदि किसी पुलिस वाले को सौंपा गया कोई अतिथि समारोह में नहीं आ रहा था, तो उस पुलिस वाले को तत्काल किसी अन्य मेहमान को रीसिव करने में लगा दिया जा रहा था।
वरिष्ठता को हावी नहीं होने देते संजय अरोड़ा!
अभी हाल में संजय अरोड़ा ने कुछ ऐसा किया, जिससे उनकी खूब तारीफ हुई। दिसंबर के दूसरे सप्ताह की बात है। संजय अरोड़ा दिल्ली पुलिस अकादमी पहुंचे थे। वहां पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें नवनियुक्त पुलिस कर्मियों के साथ फोटो खिंचवानी थी। तभी उन्होंने देखा कि उनके और दिल्ली पुलिस अकादमी के प्रमुख के लिए दो विशेष कुर्सियां रखी हुई हैं। जबकि शेष अन्य अधिकारी अलग-अलग कुर्सियों पर बैठे थे। अरोड़ा तुरंत अपनी कुर्सी से उठे और विशेष कुर्सियों को बदलने के लिए कहा। जब वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यक्रम में एक तरह की कुर्सियों पर बैठकर तस्वीरें क्लिक करवाई तो लगा पदानुक्रम पीछे छूट गया।
G-20 के बाद दी थी पार्टी
जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद संजय अरोड़ा ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों और दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त डीसीपी से लेकर विशेष सीपी रैंक के अधिकारियों को डिनर पार्टी दी थी। उन्होंने पुलिस न्यू लाइंस में रात्रिभोज के आयोजन की व्यवस्था करने के लिए नौ डीसीपी-रैंक अधिकारियों को नियुक्त किया था। आईटीबीपी से दिल्ली पुलिस में शामिल होने के बाद जी-20 शिखर सम्मेलन पहला बड़ा आयोजन था, जिसकी सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख अरोड़ा ने की थी।
वीरप्पन का पीछा करने वाले संजय अरोड़ा
संजय अरोड़ा ने राजस्थान में मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनने से पहले वह आईटीबीपी के महानिदेशक थे। उन्होंने 31 अगस्त, 2021 को यह पद संभाला था।
संजय अरोड़ा तमिलनाडु-कैडर के अधिकारी हैं। आईपीएस में शामिल होने के बाद, उन्होंने तमिलनाडु पुलिस में विभिन्न पदों पर कार्य किया। वह स्पेशल टास्क फोर्स के पुलिस अधीक्षक (एसपी) थे, जहां उन्होंने वीरप्पन गिरोह के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री वीरता पदक से सम्मानित किया था।
संजय अरोड़ा 2002 से 2004 तक कोयंबटूर शहर के पुलिस आयुक्त के पद पर रहे। उन्होंने विल्लुपुरम रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक और विजिलेंस एंड एंटी करप्शन के उप निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। इसके अलावा भी वह देश के विभिन्न संवेदनशील इलाकों में अनेक जिम्मेदारियां संभाली।
अरोड़ा को साल 2004 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक, 2014 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस विशेष कर्तव्य पदक, अंतरिक्ष सुरक्षा पदक और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है।