आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी घोटाले में जमानत दे दी है। अरविंद केजरीवाल की जमानत का आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे क्योंकि हरियाणा में विधानसभा चुनाव का प्रचार जोरों पर है और ऐसे में पार्टी को केजरीवाल की जरूरत महसूस हो रही थी।
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में पिछले कुछ दिनों में चुनाव प्रचार तेज किया है। केजरीवाल की गैर मौजूदगी में राज्यसभा सांसद संजय सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, राज्यसभा के सांसद राघव चड्ढा सहित तमाम नेता चुनाव प्रचार तो कर रहे थे लेकिन निश्चित रूप से इस प्रचार को धार तब मिलेगी जब केजरीवाल हरियाणा की सड़कों पर पार्टी के लिए वोट मांगेंगे।
केजरीवाल को कथित आबकारी घोटाले में इस साल मार्च में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।
कांग्रेस से नहीं हो सका गठबंधन
कांग्रेस ने काफी कोशिश की थी कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में उसका आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन हो जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब आम आदमी पार्टी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
मूल रूप से हरियाणा के ही हैं केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के सिवानी के रहने वाले हैं। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान जो गाना लॉन्च किया गया है उसमें अरविंद केजरीवाल को हरियाणा का लाल बताया गया है। सुनीता केजरीवाल ने भी पिछले दिनों जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार किया तो उन्होंने खुद को हरियाणा की बहू बताया।
दिल्ली और पंजाब में है आम आदमी पार्टी की सरकार
हरियाणा के कई विधानसभा क्षेत्र दिल्ली और पंजाब से लगते हैं और दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। हरियाणा और दिल्ली के बीच फरीदाबाद से लेकर गुड़गांव, नजफगढ़ और बवाला, नरेला के इलाके लगते हैं। इसके अलावा सिरसा, अंबाला, पंचकूला, कालका, नारायणगढ़ आदि इलाके भी पंजाब की सीमा से छूते हैं और इनमें सिख और पंजाबी मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का पूरा फोकस इन्हीं इलाकों में पड़ने वाली विधानसभाओं पर है।
आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी से टिकट पाने से वंचित रह गए कई नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है।
5 गारंटियां की थी लांच
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में पार्टी के चुनाव अभियान को रफ्तार देते हुए अगस्त में अरविंद केजरीवाल की पांच गारंटियां लांच की थी। इन गारंटियों में हरियाणा को मुफ़्त और 24 घंटे बिजली, सबको अच्छा और मुफ़्त इलाज, सरकारी स्कूलों में अच्छी और मुफ़्त शिक्षा, सभी माताओं-बहनों को हर महीने 1000 की सम्मान राशि और हर युवा को रोजगार देने की बात कही गई थी। पार्टी के नेता चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार हरियाणा के लोगों को इन गारंटियों के बारे में बता रहे हैं।
हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था लेकिन यह बात भी सच है कि तब पार्टी ने इतनी ताकत के साथ चुनाव नहीं लड़ा था।
केजरीवाल ने खड़ा किया संगठन, बनाई सरकार
2012 में बनी आम आदमी पार्टी अगर पिछले कुछ ही सालों में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर सकी है और दो राज्यों में बड़े बहुमत के साथ सरकार चला रही है तो इसके पीछे बड़ा चेहरा अरविंद केजरीवाल ही हैं। केजरीवाल ने इन दोनों राज्यों में सरकार बनाने के साथ ही गुजरात, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में पार्टी का संगठन भी खड़ा किया है।
केजरीवाल ने पिछले कुछ सालों में अपने राजनीतिक कौशल को साबित किया है और वह पार्टी के लिए निश्चित रूप से सबसे बड़े चुनावी चेहरे हैं। उनके हरियाणा में चुनाव प्रचार करने से विपक्ष के वोटों का बंटवारा होगा।
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद जिस तरह हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच बेहद कड़ा मुकाबला माना जा रहा था, उसमें अब आम आदमी पार्टी की भी एंट्री हो गई है क्योंकि आम आदमी पार्टी के दिल्ली और पंजाब के भी कई बड़े नेता हरियाणा में लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं और अब जब उन्हें पार्टी के मुखिया का साथ मिलेगा तो कई सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उलटफेर भी कर सकते हैं। ऐसी सूरत में हरियाणा के चुनाव नतीजों में केजरीवाल के चुनाव प्रचार करने का असर होने से इनकार नहीं किया जा सकता।