Heart Attacks In India: उत्तराखंड के प्रमोद बिंजुला रोज की तरह अपनी एक्सरसाइज कर रहे थे, सेहत के प्रति हमेशा से जागरूक रहे, लेकिन 17 अप्रैल को एक्सरसाइज के दौरान उन्हें थोड़ी थकावट महसूस हुई। आराम करने के लिए सड़क के किनारे बने एक स्लैब पर जाकर बैठ गए और बैठते ही उनका मुंह सीधे सड़क को लगा और वे गिर पड़े। आज प्रमोद बिंजुला की मौत हो चुकी है, उन्होंने कम उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक है।

23 साल की परिणीता इंदौर से विदिशा गई थीं, अपने कजन की शादी में उन्हें शामिल होना था, लेडी संगीत में स्टेज पर डांस कर रही थीं, 30 सेकंड तक वे थिरकती रहीं, लोग तालियां बजा रहे थे, लेकिन तभी अचानक से वे स्टेज पर ही गिर गईं। उनको उठाने की मेहमानों ने काफी कोशिश की, सीपीआर तक दिया गया, लेकिन परिणीता को होश नहीं आया, पास के अस्पताल में लेकर गए तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। करण वही- हार्ट अटैक।

हार्ट अटैक को लेकर कई सवाल

यहां बात सिर्फ प्रमोद या परिणीता की नहीं है, ऐसे कई युवा हैं, कई लोग हैं जो हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा रहे हैं। सोशल मीडिया की दुनिया में तो इतने सारे वीडियो वायरल हो चुके हैं कि एक आम आदमी बुरी तरह डर चुका है। उसे यह समझ ही नहीं आ रहा कि कोई जिम जाने वाला व्यक्ति कैसे हार्ट अटैक से मर सकता है, कोई जिंदादिल आदमी आखिर कैसे डांस करते-करते इस दुनिया को अलविदा कह सकता है। लेकिन यह सब कुछ हो रहा है, एक कड़वी सच्चाई बनकर हमारे सामने खड़ा है। इस बारे में और ज्यादा जानने के लिए हमने कई डॉक्टरों से बात की, उनसे जानने की कोशिश की कि ऐसा क्या हुआ कि अचानक से देश में हार्ट अटैक के मामले इतनी तेजी से बढ़ने लगे? मन में सवाल तो यह भी आया कि कहीं कोरोना के बाद तो अचानक से हार्ट अटैक के मामले नहीं बढ़े? जानने की कोशिश तो यह भी रही कि क्या इन हार्ट अटैक से बचा जा सकता है और अगर किसी को अचानक से दिल का दौरा पड़ता भी है तो हम लोग उसकी कैसे मदद कर सकते हैं?

बदले लाइफस्टाइल ने बिगाड़ी सेहत

इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए हमने फोर्टिस अस्पताल के सीनियर डायरेक्टर आफ कार्डियोलॉजी डॉक्टर संजीव से बात की। उनके अलावा इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में कार्डियोलॉजी के निदेशक और प्रमुख डॉक्टर असमी ढल से भी विस्तृत चर्चा की। सबसे पहला सवाल तो यही रहा कि आखिर हार्ट अटैक के मामले इतने ज्यादा क्यों बढ़ गए हैं, क्या वो बड़े कारण हैं जिस वजह से लोग इतनी जल्दी बीमार पड़ रहे हैं। इस बारे में फोर्टिस अस्पताल के सीनियर डायरेक्टर आफ कार्डियोलॉजी डॉक्टर संजीव कहते हैं कि लाइफस्टाइल इसका बड़ा कारण है, बीमारी तो पहले भी होती थी, लेकिन तब मेल में आती थी 70 के बाद और फीमेल में 50-55 के बाद। लेकिन इस बदले हुए लाइफस्टाइल ने काफी कुछ बदल दिया है। हमारे देश में तो वैसे भी लोगों को ज्यादा हार्ट की प्रॉब्लम रहती हैं, उनकी छोटी आरट्री होती है, लो गुड कोलोस्ट्राल होता है, हाई बैड कोलोस्ट्राल भी रहता है। इसके अलावा हाई कारबोहाइड्रेट वाला खाना खाते हैं, फ्राइड फूड भी काफी खाते हैं। अब ये सबकुछ तो पहले से था।

वर्क फ्रॉम होम ने बढ़ाई मुश्किल

डॉक्टर संजीव आगे कहते हैं कि अब कोरोना काल के बाद एक बड़ा चेंज हो गया है। वर्क फ्रॉम होम वाले कल्चर की वजह से लोगों का जो पहले थोड़ा-बहुत भी चलना होता था, वो भी बंद हो गया। इसके ऊपर इतनी आसानी से लोगों को प्रोसेस्ड फूड मिलने लगा, उनकी डिलीवरी इतनी आसान हो चुकी है कि लोग ऑनलाइन ही खाना मंगवा लेते हैं। ऐसे में बीपी की शिकायत भी बढ़ने लगी है। आज की डेट में तो 50 फीसदी से ज्यादा लोग मोटापे का शिकार हैं। इंडिया में तो एवरेज बॉडी मास इंडेक्स अगर निकालें तो वो काफी ज्यादा रहता है। इन परेशानियों के बीच लोगों ने स्मोकिंग शुरू कर दी है, कई तरह के स्ट्रेस फैक्टर्स ने भी लोगों को घेर लिया है। नौकरियों की डिमांड ऐसी है कि देर रात तक काम करना पड़ता है, नींद पूरी मिल नहीं रही है। शुगर लेवल भी इस वजह से बढ़ने लगा है। इसी बढ़ी शुगर की वजह से शरीर में Cortisol Stress Hormone भी बढ़ जाते हैं। इस हारमोन के बढ़ने से बीपी भी लोगों का ज्यादा रहने लगता है। Cortisol की वजह से लोगों की हार्ट रेट भी बढ़ जाती है। आईटी के कितने लोग यहां आते हैं, उनका हार्ट रेट का बेस लाइन 100 होता है, जो होना चाहिए सिर्फ 60।

डॉक्टर संजीव जोर देकर बोलते हैं कि अब अगर कोई 100 बेस लाइव वाली हार्ट रेट के साथ जिमिंग भी करने लग जाए तो उसका हार्ट रेट तो बढ़कर 140 तक जा सकता है। उसी वजह से हार्ट अटैक आ जाता है। अब डॉक्टर संजीव ने वर्क फ्रॉम होम को काफी हद तक जिम्मेदार माना है, लेकिन जब हमने इसी बारे में डॉक्टर असीम ढल से बात की तो उन्होंने दो कारणों को सबसे प्रमुख माना- पहली रही स्मोकिंग और दूसरी वेस्टर्न कल्चर से ज्यादा प्रभावित रहना।

जिम करने वालों को क्यों हार्ट अटैक?

डॉक्टर असीम कहते हैं कि स्मोकिंग का कल्चर यंगर पॉपुलेशन में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उनका वर्कआउट भी कम हो चुका है। इसके ऊपर स्ट्रेस और स्ट्रेन दोनों काफी ज्यादा बढ़ चुका है, नौकरी नहीं मिलने की टेंशन, घर की टेंशन, शादी की टेंशन और कई दूसरी टेंशन। इन सभी फैक्टर्स की वजह से भी नौजवानों में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। अब यहां पर किन वजह से हार्ट अटैक आ सकता है, यह तो पता चला, लेकिन एक बात साफ नहीं हो रही कि फिटनेस के लिए जो लोग वर्कआउट कर रहे हैं, उनको कैसे हार्ट अटैक आ रहा है, वो कैसे जिम में गिर रहे हैं? इस बारे में भी डॉक्टर असीम ने काफी विस्तार से बताया है।

वे कहते हैं कि अचानक से हुई ऐसी मौतों को हम Sudden Cardiac Death कहते हैं। जब एक्सरसाइज करते-करते आप अचानक से गिर पड़ते हैं। ऐसे मामलों में देखा गया है कि लोग कई बार Cardiomyopathy से ग्रसित होते हैं। इसी तरह एक होता है Arrhythmogenic right ventricular cardiomyopathy (ARVC)। इन्हीं पेशेंट्स में देखा गया है कि उन्हें अचानक से हार्ट अटैक आता है। डॉक्टर असीम के मुताबिक अगर हार्ट बीट काफी ज्यादा हो जाएगी, 200 तक चली जाएगी, उस स्थिति में हमारे हार्ट और ब्रेन को ब्लड स्प्लाई खत्म हो जाता है और इसी वजह से चोकिंग होती है और इंसान की मौत हो जाती है।

डांस करते हुए क्यों जा रही जान?

इसी जिम वाली बात पर डॉक्टर संजीव ने भी एक जरूरी इनपुट दिया है। उनके मुताबिक लोग अब समय-समय पर अपना बॉडी चेक अप नहीं करवाते हैं, उन्हें अपने ही शरीर की कोई नॉलेज नहीं होती, बिना कुछ भी जाने वे जिम चले जाते हैं, काफी ज्यादा वर्कआउट करने लगते हैं। इस बारे में वे कहते हैं कि लोग आजकल बिना कोई टेस्ट करवाए ही सीधे जिम हिट करते हैं। पहले कुछ किया नहीं होता, एकदम से वजन उठाते हैं, अपनी लिमिट को पुश करते हैं। अब अगर कोई छोटा ब्लॉकेज भी हार्ट में होगा तो वो उस वजह से हार्ट अटैक में तब्दील हो जाएगा। वैसे जिस तरह से जिमिंग करते हुए मौत हो रही हैं, डांस करते हुए भी लोगों को हार्ट अटैक आए हैं। यहां भी डॉक्टर संजीव लोगों में जागरूकता की कमी को एक बड़ा कारण मानते हैं।

इस बारे में वे बताते हैं कि कई बार बॉडी में साइलेंट ब्लॉकेज पड़ी होती हैं, अब अगर आप अचानक से एक्सरसाइज करेंगे, तेज डांस करेंगे या स्विमिंग करने चले जाएंगे, तो दिक्कत बढ़ जाएगी। आप या तो अपने खुद के लक्षणों को इग्नोर कर रहे थे, चलने में छाती में भारीपन आ रहा था, दर्द हो रहा था, आपने उन बातों पर ध्यान नहीं दिया होगा। इन्हीं सब कारणों से जो साइलेंट ब्लॉक होता है वो फट जाता है, बीपी भी क्योंकि शूट अप करता है, उस वजह से भी हार्ट अटैक आता है। अब जिम करते हुए, डांस करते हुए हार्ट अटैक क्यों आता है, इस बारे में पता चल गया, लेकिन क्या इस हार्ट अटैक को हम कोरोना से जोड़कर भी देख सकते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि कोरोना काल के बाद हार्ट अटैक के मामले ज्यादा बढ़ने लगे?

हार्ट अटैक का कोरोना से कोई कनेक्शन?

इस बारे में डॉक्टर असीम ने काफी स्पष्ट जवाब दिया है। उनकी माने तो कोरोना का डायरेक्टर टॉक्सिक इफेक्ट हार्ट पर देखा गया है। इसके ऊपर जब कोविड वायरल हमारी बॉडी में आया था, हमारी आर्ट्रीस के अंदर जो क्लॉट बढ़ने की टेंडेंसी होती थी, उसे बढ़ा दिया था। इसके अलावा जो हमारी ब्लड वैसल्स हैं, कोविड वायरस ने उनमें भी इन्फ्लेमेशन किया, अब जहां पर भी इन्फ्लेमेशन होता है, वहां क्लॉट बन जाते हैं और बाद में उनकी वजह से ही हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ता है।

किसी को आए हार्ट अटैक, हमें क्या करना है?

अब सवाल आता है कि अगर किसी को हार्ट अटैक आए या वैसे लक्षण दिखाई दें, तब क्या करना चाहिए। वो कौन से स्टेप होंगे जिन्हें फॉलो करने से किसी को बचाय जा सकता है। इस सवाल के जवाब में डॉक्टर संजीव कहते हैं कि घर में एक डिसप्रिन की टैबलेट होती है, उसे पानी में घोलकर खा लेना चाहिए। ये सबसे पहला स्टेप होता है। हर किसी को Sorbitrate नहीं खानी चाहिए, कई बार उससे बीपी भी गिर जाता है। ऐसे में सबसे बेहतर तो यह है कि जितना जल्दी हो सके एक ECG करवा लेना चाहिए। गोल्डन ऑर सिर्फ एक से दो घंटे का ही होता है। अगर तब तक अस्पताल आ जाएंगे तो हार्ट डैमेज को रोक सकते हैं। वैसे इसी बारे में डॉक्टर असीम ने भी लोगों को जरूरी सलाह दी है। उनका मानना है कि समय रहते बॉडी चेक अप करवाने चाहिए, इसके अलावा स्मोकिंग जैसी आदतों से निजात पाना बहुत जरूरी है।

वे कहते हैं कि जब भी कोई हार्ट अटैक आता है तब हमारे पास कुछ टैबलेट्स होनी चाहिए। जैसे एस्प्रिन की टैबलेट होती है, 325 ग्राम वाली तुरंत ले लेनी चाहिए। इसके अलावा अगर घर में Clopidogrel की टैबलेट है तो उसे भी साथ में लेना चाहिए। इन दोनों के साथ कोलोस्ट्रॉल की मेडिसिन को भी साथ में लेना चाहिए। वहीं अगर पूरी तरह पक्का पता हो कि किसी को हार्ट अटैक ही आया है तो उस स्थिति में जीभ के नीचे Sorbitrate रखवा सकते हैं। लेकिन उसके साइड इफेक्ट भी होते हैं। सबसे बेहतर तो ये है कि एस्प्रिन, Clopidogrel की टैबलेट खाने के बाद तुरंत पास के अस्पताल में ले जाया जाए।

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