उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाली लोकसभा सीटों- अमेठी और रायबरेली पर कांग्रेस का वोट शेयर साल 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद लगातार गिरता गया है। अमेठी सीट से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुनावी जीत हासिल करते रहे हैं जबकि रायबरेली से पहले फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी जीते और 2004 से 2019 तक सोनिया गांधी ने कांग्रेस को जीत दिलाई।
26 साल बाद यह पहला मौका है जब अमेठी से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं उतरा है। 1998 में गांधी परिवार के करीबी कैप्टन सतीश शर्मा यहां से चुनाव लड़े थे।
बताना होगा कि कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली की सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान करने में काफी माथापच्ची करनी पड़ी। नामांकन से ठीक पहले पार्टी ने राहुल गांधी को अमेठी से न उतारकर रायबरेली से उम्मीदवार बनाया जबकि अमेठी से पुराने कांग्रेसी और गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया है।
2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को अमेठी में 50000 से ज्यादा वोटों से हराया था।
Amethi, Rae Bareli Lok Sabha Election: अमेठी, रायबरेली में कांग्रेस को मिले वोट
साल | अमेठी में मिले वोट (प्रतिशत में) | रायबरेली में मिले वोट (प्रतिशत में) |
2009 | 71.8 | 72.2 |
2014 | 46.7 | 63.8 |
2019 | 43.9 | 55.8 |
अमेठी, रायबरेली की विधानसभा सीटों पर गिरा वोट प्रतिशत
इसके अलावा अमेठी और रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस को 2009 में मिले वोट प्रतिशत के मुकाबले 2014 और 2019 में लगातार कमी आई है।
अमेठी लोकसभा क्षेत्र में तिलोई, सलोन (एससी), जगदीशपुर (एससी), गौरीगंज और अमेठी विधानसभा सीटें आती हैं। इन सभी विधानसभा सीटों पर पिछले तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरा है।
इसी तरह रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों- बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार में भी कांग्रेस को कम वोट मिले हैं।
Amethi Lok Sabha Result: अमेठी से अब तक कौन-कौन बना सांसद
साल | सांसद | पार्टी |
1967 | विद्याधर बाजपेयी | कांग्रेस |
1971 | विद्याधर बाजपेयी | कांग्रेस |
1977 | रवीन्द्र प्रताप सिंह | जनता पार्टी |
1980 | संजय गांधी | कांग्रेस |
1981 (उपचुनाव) | राजीव गांधी | कांग्रेस |
1984 | राजीव गांधी | कांग्रेस |
1989 | राजीव गांधी | कांग्रेस |
1991 | राजीव गांधी | कांग्रेस |
1991 (उपचुनाव) | सतीश शर्मा | कांग्रेस |
1996 | सतीश शर्मा | कांग्रेस |
1998 | संजय सिंह | बीजेपी |
1999 | सोनिया गांधी | कांग्रेस |
2004 | राहुल गांधी | कांग्रेस |
2009 | राहुल गांधी | कांग्रेस |
2014 | राहुल गांधी | कांग्रेस |
2019 | स्मृति ईरानी | बीजेपी |
Rae Bareli Lok Sabha Result: रायबरेली से अब तक कौन-कौन बना सांसद
साल | सांसद | पार्टी |
1952 | फिरोज गांधी | कांग्रेस |
1957 | फिरोज गांधी | कांग्रेस |
1960 (उपचुनाव) | आरपी सिंह | कांग्रेस |
1962 | बैजनाथ कुरील | कांग्रेस |
1967 | इंदिरा गांधी | कांग्रेस |
1971 | इंदिरा गांधी | कांग्रेस |
1977 | राज नारायण | जनता पार्टी |
1980 | इंदिरा गांधी | कांग्रेस |
1980 (उपचुनाव) | अरुण नेहरू | कांग्रेस |
1984 | अरुण नेहरु | कांग्रेस |
1989 | शीला कौल | कांग्रेस |
1991 | शीला कौल | कांग्रेस |
1996 | अशोक सिंह | बीजेपी |
1998 | अशोक सिंह | बीजेपी |
1999 | सतीश शर्मा | कांग्रेस |
2004 | सोनिया गांधी | कांग्रेस |
2006 (उपचुनाव) | सोनिया गांधी | कांग्रेस |
2009 | सोनिया गांधी | कांग्रेस |
2014 | सोनिया गांधी | कांग्रेस |
2019 | सोनिया गांधी | कांग्रेस |
कांग्रेस के सामने इस बार अमेठी सीट अपने खाते में वापस लाने का दबाव तो है ही, रायबरेली की सीट को भी अपने पास बरकरार रखना है। रायबरेली से राहुल गांधी के नामांकन के वक्त पार्टी ने पूरी ताकत झोंकी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा नामांकन में मौजूद रहे जबकि रायबरेली से भाजपा के प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह के नामांकन में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित कई बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा।
बसपा ने अमेठी, रायबरेली में उतारे उम्मीदवार
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने लोकसभा चुनाव में अमेठी और रायबरेली- दोनों सीटों से बसपा के उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। पार्टी ने अमेठी से नन्हे सिंह चौहान को टिकट दिया है जबकि रायबरेली से ठाकुर प्रसाद यादव को उम्मीदवार बनाया है।

Congress-SP Alliance Uttar Pradesh: सपा का मिलता रहा है साथ
अमेठी और रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में पिछले तीन लोकसभा चुनावों में सपा कांग्रेस को समर्थन देती रही है। 2009 के लोकसभा चुनाव के वक्त से ही समाजवादी पार्टी ने अमेठी और रायबरेली में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा और ऐसा तब भी हुआ जब उत्तर प्रदेश के अंदर कांग्रेस और सपा का कोई चुनावी गठबंधन नहीं था।
लोकसभा चुनावों के उलट विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं हुआ और सपा अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों के भीतर आने वाली विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती रही है।
2022 के विधानसभा चुनाव में अमेठी लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से तीन पर बीजेपी को जीत मिली थी जबकि दो सीटें सपा के खाते में गई थी। गौरीगंज सीट से राकेश प्रताप सिंह और अमेठी सीट से महाराजी प्रजापति चुनाव जीते थे। लेकिन पिछले महीने बीजेपी ने सपा में बड़ी सेंध लगाई थी और राकेश प्रताप सिंह सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। महाराजी प्रजापति ने इस साल फरवरी में हुए राज्यसभा के चुनाव में सपा से बगावत कर दी थी।

2022 UP assembly election Result: रायबरेली में 5 में से 4 सीटें जीती सपा
2022 के विधानसभा चुनाव में रायबरेली लोकसभा क्षेत्र की बछरावां, हरचंदपुर, सरेनी और ऊंचाहार की सीट पर समाजवादी पार्टी जीती थी जबकि एक सीट रायबरेली पर बीजेपी को जीत मिली थी। लेकिन ऊंचाहार सीट पर जीते मनोज पांडेय ने भी राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा को अलविदा कह दिया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में कांग्रेस को हार मिली थी। हालांकि राहुल गांधी इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि सपा के सहारे वह अमेठी लोकसभा सीट को फिर से हासिल करने में कामयाब होगी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा है कि वह अमेठी लोकसभा क्षेत्र में पूरी ताकत से प्रचार करेंगी।
