MUDA (Mysuru Urban Development Authority) में हुए कथित भूमि घोटाले को लेकर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री एस. सिद्धारमैया बीजेपी के निशाने पर हैं। बीजेपी का आरोप है कि सिद्धारमैया भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं और कथित MUDA घोटाला मामले में नियमों का उल्लंघन करते हुए जमीनों का आवंटन किया गया है।

बीजेपी का कहना है कि इससे राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है और कथित MUDA घोटाला 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये तक का है। राज्य के बीजेपी प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि पारदर्शी और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सिद्धारमैया को इस्तीफा दे देना चाहिए।

कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत के द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की अनुमति दिए जाने के बाद कांग्रेस का केंद्रीय नेृतत्व सिद्धारमैया के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा हो गया है।

कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से राज्य के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि इस वक्त में वह सिद्धारमैया के साथ खड़े रहें। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस मुद्दे पर पहले ही सीएम और डिप्टी सीएम के साथ चर्चा कर ली थी क्योंकि पार्टी को इस बात का अंदाजा था कि राज्यपाल मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे सकते हैं।

सीएम के चेहरे को लेकर चली थी लड़ाई

कर्नाटक में मई, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी और उस वक्त मुख्यमंत्री के चयन को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच काफी दिनों तक सियासी लड़ाई चली थी।

राज्यपाल ने ऐसे वक्त में सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, जब कर्नाटक कांग्रेस में इन दोनों बड़े नेताओं के बीच गुटबाजी की खबरें मीडिया में चल रही हैं। सिद्धारमैया खेमे का मानना ​​है कि भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) द्वारा उनके खिलाफ MUDA मामले में किए गए हमलों और राज्यपाल के फैसले के बाद कांग्रेस नेतृत्व उनका समर्थन करने के लिए मजबूर है।

लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस दक्षिण में अपने इस मजबूत किले को नहीं खोना चाहती। पार्टी इन दिनों हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुटी है और इसके बीच वह अपने मुख्यमंत्री को हटाकर राज्य में पार्टी के लिए मुश्किल नहीं खड़ा करना चाहती।

Om Prakash Chautala
पिछले विधानसभा चुनाव में जेजेपी को मिली थी 10 सीटें। (Source-FB)

प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की मांग

कर्नाटक कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सिद्धारमैया पर विपक्ष के हमलों के साथ-साथ, कर्नाटक कांग्रेस में पिछले दिनों यह मांग भी उठी है कि शिवकुमार की जगह किसी और नेता को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। शिवकुमार पिछले चार साल से प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं।

सिद्धारमैया और शिवकुमार खेमों के बीच चल रही इस लड़ाई के बीच शिवकुमार खेमे का मानना ​​है कि प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की मांग मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इशारे पर ही उठाई गई है जबकि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी वक्त-वक्त पर उठती रही है।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद इन दोनों नेताओं के गुटों के बीच लड़ाई फिर से शुरू हई है। शिवकुमार के समर्थकों को उम्मीद है कि उनके नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी जल्द मिलेगी। उन्होंने लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए सीएम की कुर्सी पर शिवकुमार की दावेदारी को फिर से जिंदा कर दिया था। लेकिन इसके जवाब में सिद्धारमैया के गुट ने तीन और डिप्टी सीएम की मांग को उठा दिया।

अगर राज्य में एक से ज्यादा डिप्टी सीएम बनेंगे तो निश्चित रूप से शिवकुमार की ताकत इससे कम होगी। लोकसभा चुनाव में शिवकुमार के छोटे भाई डीके सुरेश शिवकुमार के ही गृह क्षेत्र बेंगलुरु ग्रामीण से चुनाव हार गए थे।

Dilip Ghosh
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के कार्यकर्ता दिलीप घोष को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर बगावत पर उतर आए हैं। (Source-bjpbengal.org)

पिछड़े वर्ग से आते हैं सिद्धारमैया

राज्यपाल के फैसले के बाद कर्नाटक कांग्रेस में निश्चित रूप से उथल-पुथल का माहौल है। दिल्ली में कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व सिद्धारमैया को बदलना नहीं चाहता क्योंकि वह कांग्रेस में पिछड़े वर्ग से आने वाले लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं और ऐसे वक्त में जब कांग्रेस ओबीसी समुदाय के राजनीतिक हक और हिस्सेदारी की मांग को जोर-शोर से उठा रही है, ऐसे में सिद्धारमैया को बदले जाने से कांग्रेस को राजनीतिक रूप से नुकसान हो सकता है।

सिद्धारमैया कर्नाटक में कुरूबा समुदाय से आते हैं और यह ओबीसी के अंदर सबसे बड़ा जातीय समूह है। इसके अलावा सिद्धारमैया को अभी मुख्यमंत्री बने हुए सवा साल का ही वक्त हुआ है।

ओबीसी कार्ड के जरिये जवाब देगी कांग्रेस

कांग्रेस की ओर से इस तरह के भी संकेत हैं कि वह बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लगाए गए आरोपों के जवाब में ओबीसी कार्ड खेलेगी। कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी पिछड़े वर्ग से आने वाले एक मुख्यमंत्री को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है।

कर्नाटक में कांग्रेस के प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि राज्यपाल का कदम गरीबों, पिछड़ों, एससी-एसटी और वंचित वर्ग के लोगों के खिलाफ बीजेपी और मोदी सरकार की साजिश है और ऐसा पीएमओ और गृह मंत्रालय के इशारे पर कर्नाटक के लोगों और वहां की चुनी हुई सरकार के खिलाफ किया जा रहा है।

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