भारत में CAA (Citizenship Amendment Act) लागू होने के साथ ‘नागरिकता’ का मुद्दा चर्चा में है। CAA के माध्यम से भारत तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देगा।
लेकिन, एक सच यह है कि जहां भारत एक तरफ पड़ोसी देशों के लोगों को नागरिकता देने जा रही है, वहीं बड़ी संख्या में भारत के लोग अपनी नागरिकता छोड़ विदेशी नागरिकता ले रहे हैं और लेने को लालायित हैं। पिछले कुछ वर्षों में यह ट्रेंड बढ़ा है। आलम यह है कि भारतीय लोग अवैध रूप से भी दूसरे देशों में घुसने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
अवैध रूप से अमेरिका में घुसते पकड़े गए 1 लाख भारतीय
पिछले साल के आखिर में भारत सरकार ने यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन का हवाला देते हुए राज्यसभा को सूचित किया था कि अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या 2023 में बढ़कर लगभग एक लाख हो गई है।
तब विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा था कि हजारों भारतीयों के अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का चलन नया है और यह पिछले चार वर्षों में ही देखा गया है।
यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक अमेरिका में पकड़े जाने, निष्कासित किए जाने या प्रवेश से वंचित रहने वाले भारतीयों की संख्या 96,917 थी। जबकि अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 के बीच यह आंकड़ा 19,883 था। यानी अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की कोशिश करने वाले भारतीयों की संख्या पांच गुना बढ़ी है।
यह आंकड़ा इस आशंका के बावजूद बढ़ रहा है कि अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में घुसने के दौरान पकड़े जाने पर मोटा जुर्माना देना पड़ेगा।
अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में घुसने पर कितना लगता है जुर्माना?
अमेरिका या कनाडा में अवैध रूप से प्रवेश करने के दौरान पकड़े जाने पर प्रति व्यक्ति 60 से 70 लाख रुपये जुर्माना देना पड़ता है। अगर पति-पत्नी का जोड़ा जहाज या किसी अन्य वाहन में छिपकर अमेरिका या कनाडा जाने की कोशिश करता है तो जुर्माना राशि बढ़कर 1 करोड़ से 1.25 करोड़ तक हो सकती है।
अगर माता-पिता और बच्चा यानी पूरा परिवार गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करता है, तो माता-पिता को जितना जुर्माना लगेगा, उसमें 50 लाख रुपया जुड़ जाएगा। जुर्माना के अलावा जान जाने का भी खतरा रहता है।
नौ साल में 13,75,319 भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता
साल 2014 से जून 2023 तक 13 लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है। आंकड़ों में सबसे उछाल कोविड के बाद साल 2022 में देखने को मिली। इस साल 2,25,620 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी थी।

सीएए से क्या करने वाली है सरकार?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार (11 मार्च) को केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नियमों का नोटिफिकेशन जारी किया। इसका मतलब यह हुआ कि भारत के नागरिकता कानून में जो संशोधन सरकार ने किया था, अब वह लागू हो चुका है।
CAA के तहत भारत सरकार 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता देगी।
मुसलमानों को इस सूची से बाहर रखा गया है, जिसके कारण इस कानून को संवैधानिक भावना के विपरीत और भेदभावपूर्ण बताकर, विरोध किया जाता है। सीएए का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।