पश्चिम बंगाल में आने वाली 10 जुलाई को एक बार फिर बीजेपी और टीएमसी के बीच चार विधानसभा सीटों पर बड़ी चुनावी लड़ाई होनी है। इन विधानसभा सीटों के नाम- रायगंज, राणाघाट-दक्षिण, मानिकताला और बगदा हैं। इनमें से तीन सीटों- रायगंज, राणाघाट दक्षिण और बगदा में 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उसके विधायक टीएमसी में चले गए थे।
बीजेपी से आए तीनों विधायकों को टीएमसी ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था लेकिन इन सभी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
तीन सीटें- रायगंज, राणाघाट-दक्षिण और बगदा जीते विधायकों के इस्तीफा देने की वजह से जबकि मानिकतला की सीट टीएमसी के विधायक साधन पांडे के निधन से खाली हुई है। बीजेपी और टीएमसी इन सीटों को जीतकर 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी लीड लेना चाहती हैं।
पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन उसकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि अगर वह इस उपचुनाव में इन तीनों सीटों को फिर से जीत जाती है तो इससे उसके कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा।

लोकसभा चुनाव के नतीजों में भले ही टीएमसी को ज्यादा सीटें मिली हों लेकिन राज्य के शहरी स्थानीय निकायों में बीजेपी उससे आगे रही है। बंगाल के 125 नगर निगम और नगर पालिका परिषदों में 60% ऐसे स्थानीय निकाय हैं, जहां लोकसभा चुनाव में टीएमसी बीजेपी से पीछे रही है।
पिछले तीन लोकसभा चुनावों में बीजेपी और टीएमसी को मिली सीटें
लोकसभा चुनाव 2014 | लोकसभा चुनाव 2019 | लोकसभा चुनाव 2024 | |
बीजेपी को मिली सीटें | 2 | 18 | 12 |
टीएमसी को मिली सीटें | 34 | 22 | 29 |
पिछले तीन चुनावों में बीजेपी और टीएमसी का वोट शेयर
लोकसभा चुनाव 2014 | लोकसभा चुनाव 2019 | लोकसभा चुनाव 2024 | |
बीजेपी को मिले वोट (प्रतिशत में) | 16.84 | 40.25 | 38.73 |
टीएमसी को मिले वोट (प्रतिशत में) | 39.35 | 43.28 | 45.76 |
चार में से तीन सीटों पर आगे रही बीजेपी
लोकसभा चुनाव में बगदा सीट से बीजेपी को 20 हजार से ज्यादा वोटों की लीड मिली थी जबकि राणाघाट दक्षिण से 36,000 और रायगंज में उसकी लीड 46,000 से अधिक वोटों की थी। जबकि टीएमसी मानिकताला सीट पर आगे थी लेकिन उसकी जीत का अंतर सिर्फ 3,500 वोटों का था।

टीएमसी ने सोच-समझकर दिए टिकट
टीएमसी को उम्मीद है कि वह लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी को बरकरार रखेगी और सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी। पार्टी ने बेहद सोच-समझकर उम्मीदवारों का चयन किया है। मानिकताला से साधन पांडे की पत्नी सुप्ति पांडे को टिकट दिया गया है जबकि बगदा से राज्यसभा सांसद ममता बाला ठाकुर की बेटी मधुपर्णा को मैदान में उतारा गया है।
मधुपर्णा केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर की चचेरी बहन हैं। कृष्णा कल्याणी को लोकसभा चुनाव में हार मिलने के बाद भी टीएमसी ने रायगंज विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। राणाघाट में भी टीएमसी ने पिछला चुनाव बीजेपी के टिकट पर जीते मुकुट मणि अधिकारी को मैदान में उतारा है।
किन सीटों से कौन हैं उम्मीदवार
विधानसभा सीट | बीजेपी उम्मीदवार का नाम | टीएमसी उम्मीदवार का नाम |
रायगंज | मानस कुमार घोष | कृष्णा कल्याणी |
राणाघाट-दक्षिण | मनोज कुमार बिस्वास | मुकुट मणि अधिकारी |
मानिकतला | कल्याण चौबे भट्टाचार्य | सुप्ति पांडे |
बगदा | बिनय कुमार बिस्वास | मधुपर्णा ठाकुर |
कांग्रेस-वाम दल मिलकर लड़ रहे चुनाव
कांग्रेस के साथ गठबंधन करके वामपंथी दल भी चारों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ रहे हैं। सीपीआई (एम) ने क्रमशः राणाघाट दक्षिण और मानिकतला में अरिंदम विश्वास और राजीब मजूमदार को मैदान में उतारा है, जबकि वाम मोर्चा के घटक दल ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने बगदा से गौरादित्य विश्वास को टिकट दिया है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक मोहित सेनगुप्ता को रायगंज से मैदान में उतारा है।
बीजेपी के लिए नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी और बंगाल बीजेपी की पूरी इकाई ने उपचुनाव में जमकर प्रचार किया तो टीएमसी के उम्मीदवारों के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के अन्य नेताओं ने पसीना बहाया।

बगदा में मतुआ वोटों पर कब्जे की है लड़ाई
बगदा विधानसभा सीट बोगांव लोकसभा सीट में आती है। इस लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता शांतनु ठाकुर और टीएमसी की राज्यसभा सांसद ममता बाला ठाकुर के बीच राजनीतिक लड़ाई है। इस विधानसभा सीट में मतुआ वोटों की संख्या ज्यादा है और 2024 के लोकसभा चुनाव में शांतनु ठाकुर यहां पर 73 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीते हैं।
इस सीट से उम्मीदवार बनाए गए बिश्वजीत दास को लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने बोंगांव सीट से उतारा था लेकिन वह शांतनु ठाकुर से हार गए थे।
टीएमसी ने बीजेपी के एक और विधायक मुकुट मणि अधिकारी को राणाघाट लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्हें भाजपा के मौजूदा सांसद जगन्नाथ सरकार के हाथों हार मिली है। यह सीट नदिया जिले में है और अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आरक्षित है। इस सीट पर भी मतुआ समुदाय के लोगों की अच्छी-खासी आबादी है।
रायगंज
बीजेपी छोड़कर टीएमसी में जाने के बाद कृष्णा कल्याणी को टीएमसी ने रायगंज से लोकसभा चुनाव लड़ाया था लेकिन वह बीजेपी उम्मीदवार कार्तिक पॉल से चुनाव हार गए थे।