उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के खराब नतीजे के बाद से ही भाजपा लगातार इस बात पर मंथन कर रही है कि आखिर चुनाव के नतीजे उसके खिलाफ क्यों रहे हैं और इसमें एक बड़ी वजह यह निकलकर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश में पिछड़े और दलित मतदाताओं ने बीजेपी को वोट नहीं दिया।
अखिलेश यादव के पीडीए फार्मूले का जवाब देने के लिए भाजपा के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ‘डीपीए यात्रा’ निकालने जा रहे हैं। कौशल किशोर को लोकसभा चुनाव में मोहनलालगंज सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आरके चौधरी ने 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।
अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से काफी वक्त पहले ही पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक फार्मूले के आधार पर अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी थी और निश्चित रूप से पार्टी को लोकसभा चुनाव में इसका फायदा भी मिला है।
| राज्य | 2019 में मिली सीटें | गंवाई सीटें | 
| उत्तर प्रदेश | 62 | 29 | 
| महाराष्ट्र | 23 | 14 | 
| पश्चिम बंगाल | 18 | 6 | 
| राजस्थान | 25 | 11 | 
| बिहार | 17 | 5 | 
| कर्नाटक | 25 | 8 | 
| हरियाणा | 10 | 5 | 
कौशल किशोर ने कहा है कि वह अखिलेश यादव के पीडीए फार्मूले के जवाब में जो ‘डीपीए यात्रा’ निकालेंगे, उसके तहत दलित, पिछड़े और ऊंची जातियों के लोगों के बीच पहुंचेंगे। यह यात्रा 15 अगस्त से देश भर में परख महासंघ के बैनर तले निकाली जाएगी। यह यात्रा लखनऊ से शुरू होगी। आगे यह यात्रा सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और आगे कई इलाकों में जाएगी।

मुस्लिमों और सिखों तक भी पहुंचेंगे
यह सवाल उठता है कि क्या कौशल किशोर ने अपने ‘डीपीए यात्रा’ के फार्मूले में अल्पसंख्यकों जैसे- मुस्लिमों और सिखों को इससे बाहर रखा है। इसके जवाब में कौशल किशोर कहते हैं कि वह पिछड़ा वर्ग के तहत मुसलमानों और सिखों के बीच भी पहुंचेंगे।
‘संविधान के खतरे’ का देंगे जवाब
लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने इस बात को जोर-शोर से कहा था कि भारत में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार से संविधान और आरक्षण को खतरा है और बीजेपी के नेता 400 पार का नारा इसलिए दे रहे हैं क्योंकि वे संविधान को बदलना चाहते हैं।
इसके जवाब में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में कहा था कि संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर भी अगर धरती पर आ जाएं तो वह भी संविधान को नहीं बदल सकते। बीजेपी ने इस मुद्दे पर विपक्ष को जवाब देने की भरपूर कोशिश की थी लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली थी।
कौशल किशोर ने कहा है कि उनकी ‘डीपीए यात्रा’ का मतलब लोगों को यह समझाने का है कि भारत में जब तक एनडीए की सरकार है संविधान को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।

दलित समुदाय से आते हैं कौशल किशोर
कौशल किशोर का कहना है कि दलित, आदिवासी ओबीसी, अगड़े और समाज के सभी वर्गों के लिए मोदी सरकार काम कर रही है। मोदी सरकार के रहते हुए संविधान को कहीं कोई खतरा नहीं है और इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दल जानबूझकर लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं।
कौशल किशोर का इस यात्रा को निकालना इसलिए भी अहम है क्योंकि वह खुद भी दलित समुदाय से आते हैं। उत्तर प्रदेश में दलित मतदाता 22% हैं। राज्य में लोकसभा की 17 और विधानसभा की 86 सीटें आरक्षित हैं।
अब विधानसभा चुनाव में होगी जंग
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बड़ी लड़ाई लड़ी जानी है और इंडिया गठबंधन के भीतर यह उम्मीद जगी है कि वह यहां एनडीए को सत्ता से बाहर कर सकता है।
उत्तर प्रदेश में अब विधानसभा चुनाव में ढाई साल का वक्त बचा है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेश के लिए इतना वक्त बहुत ज्यादा नहीं है। लोकसभा चुनाव में मिले जबरदस्त नतीजों की वजह से इंडिया गठबंधन में शामिल सपा और कांग्रेस बेहद उत्साहित हैं।
राहुल और अखिलेश का फोकस यूपी पर
राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट छोड़ दी है और अब वह उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से सांसद हैं। यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को फिर से जिंदा करने के लिए पूरी ताकत के साथ काम करेंगे। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी पूरे प्रदेश में जल्द ही पीडीए चौपाल लगाने जा रही है।
उत्तर प्रदेश में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों में भी जोरदार टक्कर होनी है।

खराब नतीजों के बाद उठी आवाज
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन के बाद राज्य में कई जगहों से बीजेपी के नेताओं की नाराजगी सामने आई है। कुछ दिन पहले प्रयागराज में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में यमुनापार के अध्यक्ष विनोद प्रजापति ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में हम समाजवादी पार्टी से नहीं अपनों से ही चुनाव लड़ रहे थे।
मुजफ्फरनगर सीट पर हार के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच जुबानी जंग हुई थी। सलेमपुर सीट से चुनाव हारे रविंद्र कुशवाहा ने राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम और सहयोगी दल सुभाषपा के अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर हमला बोला था।
