उत्तरी बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह और उनकी पत्नी लवली आनंद का काफिला जैसे ही शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड के राजपूत बहुल गांव सोनबरसा में पहुंचता है तो गांव के लोग पूरी गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत करते हैं। इसके बाद उन्हें स्थानीय देवता पटोरी देवी के मंदिर में ले जाया जाता है। इस मंदिर में पिछले दशहरे में 56 बकरियों की बलि दी गई थी।
एक ग्रामीण बताते हैं कि आप देवी से कुछ भी मांगिए, वह आपको देंगी।
Lovely Anand Sheohar: जेडीयू के टिकट पर लड़ रही हैं लवली आनंद
लवली आनंद को जेडीयू ने शिवहर से उम्मीदवार बनाया है। उनके पति आनंद मोहन सिंह को नीतीश कुमार की सरकार ने जेल के नियमों में बदलाव करके रिहाई दी थी। आनंद मोहन सिंह के सामने शिवहर सीट को एनडीए के पाले में ही रखने की चुनौती है। इस सीट पर 25 मई को मतदान होना है।
शिवहर लोकसभा सीट पर पिछले तीन चुनावों से लगातार बीजेपी की सांसद रमा देवी जीत रही हैं। रमा देवी वैश्य समुदाय से आती हैं और इस सीट पर एक चौथाई वैश्य मतदाता हैं। इस समुदाय को पारंपरिक रूप से बीजेपी का समर्थक माना जाता है। लेकिन इस बार शिवहर सीट को जेडीयू को दिए जाने और गैर वैश्य बिरादरी का उम्मीदवार होने की वजह से वैश्य समुदाय के मतदाता दूसरे दल के पाले में जा सकते हैं।

धनकौल बाजार के व्यापारी और वैश्य समुदाय से आने वाले पलधनी साह कहते हैं कि मोदी जी छा गए हैं लेकिन शिवहर को खा गए हैं। इसी बाजार के एक अन्य व्यापारी लालबाबू शाह कहते हैं, “रमा देवी ने बहुत काम नहीं किया लेकिन उनसे संपर्क करना आसान था और जरूरत पड़ने पर वह मदद भी करती थीं। इसके अलावा वह हमारे ही समुदाय से हैं। इसलिए हम उन्हें वोट देते थे। लवली आनंद यहां बाहर से आई हैं। उनके बेटे चेतन आनंद शिवहर के विधायक हैं। लेकिन क्या वह चुनाव जीतने के बाद कभी यहां आए और हमसे मिले?”
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सिर्फ इन वजहों से वैश्य समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हो जाएगा तो लाल बाबू ने कहा, मोदी जी 400 सीटें जीत रहे हैं तो एक सीट से क्या फर्क पड़ेगा?
RJD Bihar: आरजेडी ने उतारा वैश्य उम्मीदवार
इंडिया गठबंधन की ओर से आरजेडी ने यहां से वैश्य समुदाय से आने वाली रितु जायसवाल को टिकट दिया है। वह रिटायर्ड आईएएस अफसर की पत्नी हैं। इसके अलावा एक लोकप्रिय वैश्य साधु भी यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।
…फंड देने वाले तक सीमित कर दिया
मधुबन चौक पहुंचने पर व्यवसायी शिव शंकर गुप्ता नाराज दिखाई देते हैं। वह कहते हैं, “बीजेपी ने वैश्य समुदाय को सिर्फ फंड देने वाले तक सीमित कर दिया है। हम लोगों को तभी याद किया जाता है जब टेंट लगाना हो, भंडारे का इंतजाम करना हो या फिर मंदिर बनवाना हो। लेकिन जो हम चाहते हैं, वह हमें नहीं मिलता। जब मोतिहारी सीट से पहले एक राजपूत उम्मीदवार था तो राजपूत समुदाय को एक और सीट देने की क्या जरूरत थी। अगर कोई राजनीतिक दल हमें वैश्य उम्मीदवार दे रहा है और हम उसका समर्थन नहीं करेंगे तो कोई भी यहां से वैश्य उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारेगा।” शिव शंकर गुप्ता खुलकर आरजेडी का समर्थन करते हैं।
सरसौला खुर्द गांव के रहने वाले विजय कुमार भी कहते हैं कि वह आरजेडी को वोट देंगे। विजय कुमार कहते हैं, “हम न चाहते हुए भी ऐसा करेंगे क्योंकि हम लवली आनंद को यहां नहीं चाहते, वह तो बाबू साहब लोगों की बोली बोलती हैं।”

प्रचार में जुटी हैं लवली आनंद
शायद लवली आनंद को लोगों की इस नाराजगी के बारे में पता है और इसलिए वह अपने चुनाव प्रचार के दौरान काफी मेहनत कर रही हैं। वह शिवहर लोकसभा क्षेत्र की हर विधानसभा सीट में पड़ने वाले गांवों का दौरा कर रही हैं और सभी जाति और समुदाय के लोगों से वोट मांग रही हैं। चुनाव प्रचार के दौरान आनंद मोहन के पास जब कुछ ग्रामीण अपनी समस्या को लेकर पहुंचे तो आनंद मोहन ने तुरंत अफसरों को फोन किया।
हम बाहरी कैसे हो गए: लवली आनंद
बातचीत के दौरान लवली आनंद बाहरी होने के आरोपों को पूरी तरह नकार देती हैं। वह कहती हैं, “आनंद मोहन जी शिवहर से सांसद रहे हैं। मेरा बेटा यहां से विधायक है और उसने यहां काफी काम किया है तो हम यहां बाहरी कैसे हो सकते हैं। यह चुनाव प्रधानमंत्री को चुनने का है।”
लवली आगे कहती हैं, “कौन कहां से लड़ेगा, यह तय करना पार्टी नेतृत्व का काम है। हमें यह सीट दी गई है और हम पूरी मेहनत से यहां लड़ेंगे। हम जाति की राजनीति नहीं करते। एनडीए सभी समुदायों के का है।”

लंच के दौरान आनंद मोहन की टीम के एक सदस्य वैश्य समुदाय की नाराजगी की बात को हल्के में टाल देते हैं। वह कहते हैं, “अभी चुनाव में काफी दिन बाकी हैं, वे हमारे साथ आएंगे। हालांकि वे हमारे मतदाता नहीं हैं लेकिन मोदी के मतदाता हैं। प्रधानमंत्री मोदी की एक रैली यहां सब कुछ बदल कर रख देगी।”
तेली समुदाय से आने वाले राजू शाह कहते हैं कि मन मार के मोदी के नाम पर वोट करेंगे लवली जी को।
राजपूत समुदाय का मिल रहा समर्थन
चुनाव प्रचार के दौरान लवली आनंद को राजपूत समुदाय का पूरा समर्थन मिल रहा है लेकिन इसके साथ ही ओबीसी मतदाताओं के एक बड़े वर्ग और दलित मतदाताओं का भी समर्थन उनके साथ है। आरजेडी के पास यादवों, मुसलमानों और दलितों के एक वर्ग का वोट बरकरार है। क्योंकि इस बार मुकेश सहनी की पार्टी भी विपक्षी गठबंधन में शामिल है, इसलिए शिवहर सीट पर मल्लाह मतदाता भी आरजेडी का समर्थन कर रहे हैं।
हालांकि कुछ मल्लाह आनंद मोहन के समर्थन में भी हैं और कहते हैं कि आनंद मोहन मर्द नेता हैं। सोनबरसा के बेगू सहनी कहते हैं कि आनंद मोहन जब यहां के सांसद बने थे तो उन्होंने रिश्वतखोरी बंद कर दी थी।
लवली आनंद बिहार के खराब हालत के लिए लालू प्रसाद यादव पर हमला करती हैं और उनके पति पर लगाए गए झूठे आरोपों के लिए उन्हें जिम्मेदार बताती हैं। हालांकि उनके बेटे चेतन आनंद 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर ही शिवहर सीट से विधायक बने थे।