देश भर के साथ ही बिहार में भी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार चोरों पर है। चुनाव प्रचार के दौरान ही राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव के एक वीडियो ने बिहार की सियासत में खानपान को लेकर पुरानी बहस को जिंदा कर दिया है। हुआ यह कि तेजस्वी यादव ने वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के साथ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। फिर क्या था, चुनावी बवाल मच गया। पहले जानिए वीडियो में क्या था…
Tejaswi Yadav Viral Video: मछली खाते हुए अपना वीडियो नवरात्रि पर पोस्ट किया
इस वीडियो में तेजस्वी यादव कहते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें जो भी 10-15 मिनट का वक्त मिलता है, इस दौरान वह कुछ खा लेते हैं। वीडियो में वह और मुकेश सहनी मछली और रोटी खाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस वीडियो को खुद तेजस्वी यादव ने ही अपने X अकाउंट पर शेयर किया है। मुकेश सहनी कहते हैं कि उनके इस वीडियो के बाद कुछ लोगों को मिर्ची लगेगी और हुआ भी कुछ ऐसा ही।
बिहार में आठ फीसदी से भी कम लोग शाकाहारी
भारत के रजिस्ट्रार जनरल – Registrar General of India (RGI) ने 2014 में एक सर्वे कराया था। यह जानने के लिए कि देश के किस राज्य में शाकाहारी और मासांहारी लोगों की संख्या कितनी है। इसके मुताबिक बिहार में 92.45 प्रतिशत लोग मांसाहारी थे। लिस्ट में तेलंगाना सबसे ऊपर था, जहां 98.7 प्रतिशत लोग मांसाहारी थे।
सहनी बोले- मिर्ची लगेगी और भाजपाइयों को लगी भी
तेजस्वी का वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही भाजपा वालों ने जोश में आकर ताबड़तोड़ हमला शुरू किया और तेजस्वी यादव मीडिया-सोशल मीडिया में छा गए। विरोधी भाजपा वालों ने इस वीडियो को लपक लिया और नरेंद्र मोदी के नवरात्र व्रत से तुलना कर तेजस्वी यादव पर हमलावर हो गए।
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव तुष्टिकरण के पोषक हैं और वह सनातन का लबादा ओढ़कर तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। जबकि राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी तेजस्वी यादव पर हमला बोला और कहा कि यह लोग सावन में मटन खाते हैं और नवरात्र में मछली।
बिहार के भाजपाई उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी तेजस्वी यादव को सनातन विरोधी बता कर हमला बोला।
जब तेजस्वी यादव मीडिया व सोशल मीडिया में छा गए तो उन्होंने फिर से भाजपा की मौज ली और कहा कि उनके ट्वीट में 8 अप्रैल (नवरात्रि के एक दिन पहले) की तारीख लिखी है और हमने उनका (बीजपेी वालों का) आईक्यू जांचने के लिए इसे पोस्ट किया था।
सावन में मटन को लेकर हुआ था विवाद
यहां पर याद दिलाना होगा कि बीते साल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव से मटन बनाना सीखते हुए एक वीडियो शेयर किया था। इस दौरान इसमें मटन की रेसिपी को लेकर भी बातचीत हुई थी। तब भी इसे लेकर जबरदस्त विवाद हुआ था और बीजेपी के नेताओं ने सावन के महीने में मटन खाने को लेकर लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी पर हमला बोला था।
तेजस्वी यादव के वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर सक्रिय दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोगों ने X पर प्रतिक्रिया दी है।
हालांकि, खान-पान को लेकर इस तरह के विवाद में भाजपा नेता व उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी फंस चुके हैं। तब वह जदयू के विरोधी हुआ करते थे। करीब दस महीने पहले जदयू नेता नीरज कुमार ने सम्राट चौधरी को पाखंडी हिंदू बताया था और कहा था कि सम्राट चौधरी पगड़ी पहनते हैं और दनादन मुर्गा खींचते हैं। उस समय बिहार में जेडीयू और राजद की सरकार चल रही थी।
उधर, भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी के नाम से X पर बने एक सटायर हैंडल ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि क्या कोई ऐसा परम ज्ञानी है जो अखिलेश यादव के सामने रखी बोतल का ब्रांड बता सके।
बीजेपी अक्सर मांसाहार को मुद्दा बनाती रही है। बीफ बैन उसका पुराना मुद्दा रहा है। हालांकि, इस पर उसका कोई देशव्यापी स्टैंड नहीं है। 2018 में त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के सूत्रधार माने जाने वाले बीजेपी नेता सुनील देवधर ने कहा था कि जहां बहुसंख्यक जनता बीफ खाती है, वहां बैन की जरूरत नहीं है।
उत्तर प्रदेश में आदित्य नाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अक्सर नवरात्र व सावन के मौके पर मांसाहार की दुकानें बंद करवाने के उदाहरण भी सामने आते रहे हैं।
बड़ा सवाल
बड़ा सवाल यह है कि कौन क्या खाएगा या क्या पहनेगा, यह चुनावी मुद्दा बनना चाहिए क्या?