2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी लेकिन ऐसा ही 1991 में भी हुआ था और तब भी कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर सकी थी। 2019 में जिस सीट पर कांग्रेस जीती थी, वह थी किशनगंज जबकि 1991 में कांग्रेस के द्वारा जीती गई सीट का नाम बेगूसराय था।
बेगूसराय बिहार की हॉट सीट बन गई है। यहां से गिरिराज सिंह दोबारा जीतने की कोशिश में लगे हैं। कभी यह इलाका बिहार का लेनिनग्राद कहा जाता था। लेकिन लालू का राज शुरू होने के बाद हालात बदलने लगे और यहां से लाल रंग उतरने लगा। 2014 से यहां भगवा पार्टी का कब्जा है।
Bihar Lok Sabha Chunav: 28 साल में कुल 20 सीटें जीत सकी है कांग्रेस
साल | कांग्रेस को कितनी सीटें मिली |
1991 | 1 |
1996 | 2 |
1998 | 5 |
1999 | 4 |
2004 | 3 |
2009 | 2 |
2014 | 2 |
2019 | 1 |
Begusarai Lok Sabha Seat: नामी उम्मीदवारों की सीट है बेगूसराय
बेगूसराय की लोकसभा सीट से बड़े-बड़े नेता चुनाव लड़ चुके हैं। यहां से दो बार सांसद बने श्यामनंदन मिश्रा तो जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में मंत्री थे और उनके संसदीय सचिव भी रहे थे। तारकेश्वरी सिन्हा भी जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल की सदस्य रही थीं। 1980 में बेगूसराय से चुनाव जीतने वालीं कृष्णा शाही ने राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में मानव संसाधन जैसा अहम मंत्रालय संभाला था। 1991 में पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में भी कृष्णा शाही भारी उद्योग मंत्री रही थीं।
बिहार की राजनीति के बड़े नाम और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भी 2004 में यहां से चुनाव जीत चुके हैं।
बेगूसराय सीट से एक बार छोड़कर कभी भूमिहार के अलावा किसी जाति का सांसद नहीं बना। 2009 में मोनाजिर हसन ही यहां से एकमात्र गैर भूमिहार सांसद रहे। क्षेत्र में भूमिहार मतदाताओं की संख्या 5 लाख से ज्यादा बताई जाती है।
Begusarai Lok Sabha Result: बेगूसराय में कब कौन जीता और कौन हारा
साल | जीते | हारे |
1952 | मथुरा प्रसाद मिश्रा(कांग्रेस) | – |
1957 | मथुरा प्रसाद मिश्रा(कांग्रेस) | ब्रम्हदेव प्रसाद सिंह(पीएसपी) |
1962 | मथुरा प्रसाद मिश्रा(कांग्रेस) | अख्तर हाशमी(सीपीआई) |
1967 | वाय शर्मा(सीपीआई) | एमपी मिश्रा(कांग्रेस) |
1971 | श्यामनंदन मिश्रा(एनसीओ) | योगेंद्र शर्मा(सीपीआई) |
1977 | श्यामनंदन मिश्रा(बीएलडी) | तारकेश्वरी सिन्हा(कांग्रेस) |
1980 | कृष्णा शाही(कांग्रेस आई) | श्यामनंदन मिश्रा(जनता पार्टी) |
1984 | कृष्णा शाही(कांग्रेस) | कपिल देव सिंह(जनता पार्टी) |
1989 | ललित विजय सिंह(जनता दल) | कृष्णा शाही(कांग्रेस) |
1991 | कृष्णा शाही(कांग्रेस) | राम बदन राय(जनता दल) |
1996 | रमेंद्र कुमार(निर्दलीय) | कृष्णा शाही(कांग्रेस) |
1998 | राजो सिंह(कांग्रेस) | कृष्णा शाही(एसएपी) |
1999 | राजो सिंह(कांग्रेस) | श्याम सुंदर सिंह(जदयू) |
2004 | राजीव रंजन सिंह(जदयू) | कृष्णा शाही(कांग्रेस) |
2009 | मोनाजिर हसन(जदयू) | शत्रुघ्न प्रसाद(सीपीआई) |
2014 | भोला सिंह(भाजपा) | शत्रुघ्न प्रसाद(सीपीआई) |
2019 | गिरिराज सिंह(भाजपा) | कन्हैया कुमार(सीपीआई) |
बाहरी नेताओं को रास आया बेगूसराय
बेगूसराय को लेकर एक दिलचस्प जानकारी यह भी है कि आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव यानी 1952 से अब तक जितने भी सांसद बेगूसराय से बने हैं, उसमें से सिर्फ दो ही सांसद मूल रूप से बेगूसराय के थे। आजादी के बाद हुए पहले चुनाव 1952 में बेगूसराय लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार मथुरा प्रसाद मिश्रा को जीत मिली थी। वह बेगूसराय जिले के चंबा गांव के रहने वाले थे।
मथुरा प्रसाद मिश्रा के बाद साल 2014 में ऐसा दूसरा मौका आया जब बेगूसराय में ही जन्मे किसी नेता को यहां से लोकसभा पहुंचने का मौका मिला। उस वक्त प्रोफेसर भोला सिंह बीजेपी के टिकट पर इस सीट से चुनाव जीते थे।

मथुरा प्रसाद मिश्रा 1952 से 1967 तक बेगूसराय से लगातार चुनाव जीते रहे। 1967 में भाकपा के टिकट पर योगेंद्र शर्मा बेगूसराय के सांसद बने। योगेंद्र शर्मा खगड़िया जिले के रहीमपुर गांव के रहने वाले थे।
1971 में योगेंद्र शर्मा को कांग्रेस उम्मीदवार श्यामनंदन मिश्रा ने हराया था। श्यामनंदन मिश्रा भी योगेंद्र शर्मा की ही तरह बेगूसराय से बाहर के थे। वह पटना के रहने वाले थे। 1977 के लोकसभा चुनाव में श्यामनंदन मिश्रा यहां से जीते और 1980 में मुजफ्फरपुर की रहने वालीं कृष्णा शाही बेगूसराय से सांसद बनी थीं।
2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से जीते केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी मूल रूप से बेगूसराय के रहने वाले नहीं हैं। गिरिराज सिंह ने कन्हैया कुमार को हराया था। कन्हैया कुमार मूल रूप से बेगूसराय के ही रहने वाले हैं। इस बार एनडीए की ओर से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और इंडिया गठबंधन की ओर से सीपीआई के प्रत्याशी अवधेश राय के बीच मुकाबला है।

Giriraj Singh Kanhaiya Kumar Begusarai: 2019 में चर्चा में आया था बेगूसराय
बेगूसराय सीट को तब बहुत ज्यादा चर्चा मिली जब 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी में हिंदू नेता की छवि रखने वाले गिरिराज सिंह के सामने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार चुनाव लड़े थे। कन्हैया कुमार जेएनयू में विवादित नारेबाजी को लेकर चर्चा में आए थे। यह चुनाव सोशल मीडिया से लेकर अखबारों और टीवी में काफी चर्चा में रहा था। तब गिरिराज सिंह ने चार लाख से अधिक वोटों के अंतर से कन्हैया कुमार को हराया था।
