भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 (Sourav Ganguly Birthday) को कोलकाता में हुआ था। क्रिकेट में उनका करियर तो रोमांचक रहा ही, निजी जिंदगी भी कुछ कम दिलचस्प नहीं रही। क्रिकेट के दादा एक प्रेमी के रूप में अन्य भारतीय प्रेमियों की तरह ही परिवार से डरते थे। मैदान में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की स्लेजिंग का आमने-सामने जवाब देने वाले गांगुली अपनी प्रेमिका के लिए परिवार के सामने मुंह खोलने से घबराते थे। यही वजह रही कि उन्हें अपने जीवन में एक ही लड़की से दो-दो बार शादी करनी पड़ गयी। आइए इस कहानी को शुरू से जानते हैं…
पड़ोसी से प्रेम : ‘हम लोग अपने दोस्त बदल सकते है पर पड़ोसी नहीं बदल सकते’ अटल बिहारी वाजयेपी ने बात बहुत बाद में कहीं, लेकिन सौरभ गांगुली को इसका ज्ञान बहुत पहले हासिल हो चुका था। गांगुली के पड़ोस में एक लड़की रहती थी- डोना। अमूमन जैसे अन्य पड़ोसियों के बीच तकरार रहती है, उससे कुछ ज्यादा तकरार गांगुली और डोना के परिवार के बीच थी। लेकिन गांगुली और डोना को इससे फर्क नहीं पड़ा, बचपन से ही दोनों छुप-छुपकर अपनी दोस्ती चलाते रहे। छोटी-छोटी खुशियां चुराते रहें। गांगुली डोना के घर के बाहर बैडमिंटन खेला करते थे। जब शटलकॉक डोना के कंपाउंड में आकर गिरता तो वो बहुत खुश हो जाती थी क्योंकि शटलकॉक लौटाने के बहाने वो सौरव गांगुली (Sourav Ganguly Janamdin News) को देख पाती थीं।
इसी दोस्ती ने उम्र के अगले पड़ाव पर पहुंचकर प्रेम का रूप ले लिया। पसंद तो दोनों एक दूसरे को करते थे लेकिन परिवार को बताना खतरे से खाली नहीं था। पता चल जाता तो प्यार पर पहरा पड़ जाता। लेकिन जैसा कि प्रेम को शब्द देने वाले प्रसिद्ध गीतकार समीर ने लिखा है, ”जब जब प्यार पे पहरा हुआ है प्यार और भी गहरा, गहरा, गहरा गहरा हुआ है”
यही गांगुली और डोना के बीच भी हुआ। साल 1996 में इंग्लैंड टूर पर जाने से पहले सौरव ने डोना को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। डोना ने हामी भरी और तय हुआ कि टूर से लौटने पर दोनों शादी कर लेंगे। परिवार के लोग तो मानते नहीं इसलिए टूर से लौटने पर गांगुली एक दोस्त की मदद से कोर्ट मैरिज करने पहुंच गए। अभी डोना और गांगुली रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचे ही थे कि उनकी शादी की खबर मीडिया में फैल गई। अब जिस शादी के बारे में परिवार को भी न पता हो उसका मीडिया में फैल जाना त्रासदी तो थी। दोनों बिना शादी किए ही वहां से भाग निकले।
सफल रहा दूसरा प्रयास लेकिन : हिन्दी के महान साहित्यकार और छायावाद के प्रथम स्तंभ जयशंकर प्रसाद ने कहा है, ”वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, जब धाराएँ प्रतिकूल न हों!” गांगुली और डोना के प्रेम की नैया हिलोरे खाती रही लेकिन धैर्य न खोया। दोनों ने शादी का दूसरा प्रयास 12 अगस्त 1996 को किया और सफल रहे। कोर्ट मैरिज का यह राज दोनों के परिवारों से कुछ समय तक छिपा रहा। जब राज़ बाहर आया तो तय आशंका के अनुसार बवाल हुआ। लेकिन अब कोई कर भी क्या सकता था। दोनों परिवारों को स्वीकार करना ही पड़ा।
शादी के एक असफल प्रयास और दूसरे प्रयास में सफलता हासिल करने के बाद, 21 फरवरी 1997 को सौरव गांगुली और डोना को एक बार फिर शादी करनी पड़ी। इस बार की शादी परिवार वालों की मौजूदगी में पूरे रीति-रिवाजों के साथ हुई। इस तरह दोनों को एक दूसरे से दो बार शादी करनी पड़ी। गांगुली की पत्नी डोना एक ओडिसी डांसर हैं। उनका एक ‘दीक्षा मंजरी’ नामक डांस स्कूल भी है।